tags

New पूछा मैंने Status, Photo, Video

Find the latest Status about पूछा मैंने from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about पूछा मैंने.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White मैंने देखा है, first priority से लेकर deprioritized होने तक का सफर..। मैंने देखा है, आप मेरे सब कुछ हो से लेकर, तुम मेरे होते कौन हो तक का सफर..। मैंने देखा है, आपकी बातें बहुत अच्छी लगती है से लेकर, तुम्हारी बाते मुझे बहुत irritate करती है तक का सफर..। मैंने देखा है, मेरे गले लग जाओ से लेकर, अच्छा मेरे मेरे गले मत पड़ो तक का सफर..। मैंने देखा है, Love you too बोलने से लेकर, तुम होते कोन हो तक का सफर..। मैंने देखा है, तुम मुझे अच्छे लगते हो से लेकर, मुझे तुमसे नफरत होने लगी है तक का सफर..। ...🥀💔🥺 ©Ak.writer_2.0

#sad_day #SAD  White मैंने देखा है,
first priority से लेकर
deprioritized होने तक का सफर..।

मैंने देखा है,
आप मेरे सब कुछ हो से लेकर,
तुम मेरे होते कौन हो तक का सफर..।

मैंने देखा है,
आपकी बातें बहुत अच्छी लगती है से लेकर,
 तुम्हारी बाते मुझे बहुत irritate करती है तक का सफर..।

मैंने देखा है,
मेरे गले लग जाओ से लेकर,
अच्छा मेरे मेरे गले मत पड़ो तक का सफर..।

मैंने देखा है,
Love you too बोलने से लेकर,
तुम होते कोन हो तक का सफर..।

मैंने देखा है,
तुम मुझे अच्छे लगते हो से लेकर,
मुझे तुमसे नफरत होने लगी है तक का सफर..।
...🥀💔🥺

©Ak.writer_2.0

मैंने देखा है।। #sad_day

20 Love

#शायरी #बार #कौन #गया #एक

#एक #बार रोमी #से पूछा #गया #कि #कौन #सी संगीत की आवाजें हराम हैं?

126 View

White नहीं है हौसला मुझ में तुम्हें खोने का सुन लो मेरा परिवार खो देगा मुझे अगर मैंने तुम्हें खोया..! ©Shalini Pandey

#विचार  White नहीं है हौसला मुझ में तुम्हें खोने का सुन लो 
मेरा परिवार खो देगा मुझे अगर मैंने तुम्हें खोया..!

©Shalini Pandey

अगर मैंने तुम्हें खोया तो

14 Love

जब उन्होंने पूछा ........ कैसे हो हमने कह दिया बस ठीक है इस छोटे से प्रश्न और जवाब के बीच बहुत सी बाते अनकही रह गई हम नहीं बता पाए की कैसे , भीड़ में भी खुद को अकेला महसूस करते है, शोर के बीच एकांत ढूंढते है सब होते हुए भी कुछ अभाव सा लगता है केसे संघर्षों के बीच हम रास्ता बना रहे है जानते हुए भी सबकुछ छुपा रहे है कितना कम महसूस कर रहे है और कितना ज्यादा चाहते है छोटे छोटे जख्मों से हम अब भी घबराते है कुछ भी ठीक नहीं लगने पर भी जब उन्होंने पूछा कैसे हो हमने हजारों गम सीने में दबाकर हजारों जख्म दिल से लगाकर होठों पर हल्की सी मुस्कान के साथ कह दिया बस ठीक है.......। ©seema patidar

 जब उन्होंने  पूछा ........  
कैसे हो हमने कह दिया बस ठीक है
इस छोटे से प्रश्न और जवाब के बीच 
बहुत सी बाते अनकही रह गई 
हम नहीं बता पाए की कैसे ,
भीड़ में भी खुद को अकेला महसूस करते है,
शोर के बीच एकांत ढूंढते है 
सब होते हुए भी कुछ अभाव सा लगता है
केसे संघर्षों के बीच हम रास्ता बना रहे है
जानते हुए भी सबकुछ छुपा रहे है
कितना कम महसूस कर रहे है और कितना ज्यादा चाहते है
छोटे छोटे जख्मों से हम अब भी घबराते है 
कुछ भी ठीक नहीं लगने पर भी 
जब उन्होंने  पूछा कैसे हो 
हमने हजारों गम सीने में दबाकर 
हजारों जख्म दिल से लगाकर
होठों पर हल्की सी मुस्कान के साथ कह दिया 
बस ठीक है.......।

©seema patidar

जब उन्होंने पूछा........

10 Love

White आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ भी रही है वह। होकर नाराज़ नभ देख रही है और मैं उसकी आँखों में देखते-देखते दस बजे सजे पुस्तक-पन्नों के शब्दाें को फेसबुक; व्हाट्सएप; इंस्टाग्रामादि पर सजा रहा हूँ, "प्रसन्न बच्चों की आवाज़ें सर्वत्र गूँज रही हैं; सभी के लिए यह दिवा मेहमान है, पतंगों से सजा आसमान है, जिसकी ओर कविता का भी ध्यान है और उसकी ओर मेरा ध्यान है। लाल-पीली; हरी-नीली-पतंगें युद्ध-खेल खेल रही हैं अनंत आसमानी पानी और बादलों के बगीचे में मैंने देखा उन्हें कविता की आँखों से भरी पड़ी प्रत्येक छत है, प्रत्येक पतंग प्रतिस्पर्धा में रत है, कई किन्हीं इशारों पर नाच रही हैं, कई मुक्ति पाने-जाने के लिए छटपटा रहीं हैं, पिन्नी वाली फटी फटफटा रही हैं, कई मुक्त हुए जा रही हैं पश्चिम से पूर्व की ओर मस्ती में ठुमका लगाते हुए जा रही हैं अपने लक्ष्य की ओर तो कई कैदी बने रो रही हैं पक्के धागे के पिंजरे में, जिस प्रकार पक्षी (पतंग) अपने अंग-अंग को पटकते हैं पिजरे में बड़ी बेरहमी से फिर कविता की आँखों की नमी से पूछा मैंने कि क्या हुआ इससे आगे, क्या टूट गये वे सारे धागे? कविता ने कहा, "टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी पतंगों के धागे, टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी भिन्न-भिन्न रंगों के धागे। है आवश्यक अभी कि काश टूट जाते बुराई के धागे!!" . ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni

#पतंगों_के_प्रति #कविता  White 
आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है
पर सुंदर नहीं लग रही है
न नहाने-खाने के कारण
स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण
चिढ भी रही है वह।
होकर नाराज़ नभ देख रही है
और मैं उसकी आँखों में 
देखते-देखते दस बजे सजे
पुस्तक-पन्नों के शब्दाें को फेसबुक; व्हाट्सएप; इंस्टाग्रामादि पर सजा रहा हूँ,
"प्रसन्न बच्चों की आवाज़ें सर्वत्र गूँज रही हैं;
सभी के लिए यह दिवा मेहमान है,
पतंगों से सजा आसमान है,
जिसकी ओर कविता का भी ध्यान है
और उसकी ओर मेरा ध्यान है।
लाल-पीली; हरी-नीली-पतंगें युद्ध-खेल खेल रही हैं
अनंत आसमानी पानी  और बादलों के बगीचे में
मैंने देखा उन्हें कविता की आँखों से
भरी पड़ी प्रत्येक छत है,
प्रत्येक पतंग प्रतिस्पर्धा में रत है,
कई किन्हीं इशारों पर नाच रही हैं,
कई मुक्ति पाने-जाने के लिए छटपटा रहीं हैं,
पिन्नी वाली फटी फटफटा रही हैं,
कई मुक्त हुए जा रही हैं
पश्चिम से पूर्व की ओर मस्ती में ठुमका लगाते हुए
जा रही हैं अपने लक्ष्य की ओर
तो कई कैदी बने रो रही हैं पक्के धागे के पिंजरे में,
जिस प्रकार पक्षी (पतंग)
अपने अंग-अंग को पटकते हैं पिजरे में बड़ी बेरहमी से
फिर कविता की आँखों की नमी से
पूछा मैंने कि क्या हुआ इससे आगे,
क्या टूट गये वे सारे धागे?
कविता ने कहा, "टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी पतंगों के धागे,
टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी भिन्न-भिन्न रंगों के धागे।
है आवश्यक अभी कि काश टूट जाते बुराई के धागे!!"
     .                      ...✍️विकास साहनी

©Vikas Sahni

#पतंगों_के_प्रति आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ

13 Love

White एक दिन मै पूछ बैठा अपनी तन्हाई से ..... तू कभी किसी की हुई भी है या नही .... ©Arun kumar

#alon💔 #SAD  White एक दिन मै पूछ बैठा 
अपनी तन्हाई से .....

तू कभी किसी की 
हुई भी है या नही ....

©Arun kumar

#alon💔 पूछा तन्हाई से

14 Love

White मैंने देखा है, first priority से लेकर deprioritized होने तक का सफर..। मैंने देखा है, आप मेरे सब कुछ हो से लेकर, तुम मेरे होते कौन हो तक का सफर..। मैंने देखा है, आपकी बातें बहुत अच्छी लगती है से लेकर, तुम्हारी बाते मुझे बहुत irritate करती है तक का सफर..। मैंने देखा है, मेरे गले लग जाओ से लेकर, अच्छा मेरे मेरे गले मत पड़ो तक का सफर..। मैंने देखा है, Love you too बोलने से लेकर, तुम होते कोन हो तक का सफर..। मैंने देखा है, तुम मुझे अच्छे लगते हो से लेकर, मुझे तुमसे नफरत होने लगी है तक का सफर..। ...🥀💔🥺 ©Ak.writer_2.0

#sad_day #SAD  White मैंने देखा है,
first priority से लेकर
deprioritized होने तक का सफर..।

मैंने देखा है,
आप मेरे सब कुछ हो से लेकर,
तुम मेरे होते कौन हो तक का सफर..।

मैंने देखा है,
आपकी बातें बहुत अच्छी लगती है से लेकर,
 तुम्हारी बाते मुझे बहुत irritate करती है तक का सफर..।

मैंने देखा है,
मेरे गले लग जाओ से लेकर,
अच्छा मेरे मेरे गले मत पड़ो तक का सफर..।

मैंने देखा है,
Love you too बोलने से लेकर,
तुम होते कोन हो तक का सफर..।

मैंने देखा है,
तुम मुझे अच्छे लगते हो से लेकर,
मुझे तुमसे नफरत होने लगी है तक का सफर..।
...🥀💔🥺

©Ak.writer_2.0

मैंने देखा है।। #sad_day

20 Love

#शायरी #बार #कौन #गया #एक

#एक #बार रोमी #से पूछा #गया #कि #कौन #सी संगीत की आवाजें हराम हैं?

126 View

White नहीं है हौसला मुझ में तुम्हें खोने का सुन लो मेरा परिवार खो देगा मुझे अगर मैंने तुम्हें खोया..! ©Shalini Pandey

#विचार  White नहीं है हौसला मुझ में तुम्हें खोने का सुन लो 
मेरा परिवार खो देगा मुझे अगर मैंने तुम्हें खोया..!

©Shalini Pandey

अगर मैंने तुम्हें खोया तो

14 Love

जब उन्होंने पूछा ........ कैसे हो हमने कह दिया बस ठीक है इस छोटे से प्रश्न और जवाब के बीच बहुत सी बाते अनकही रह गई हम नहीं बता पाए की कैसे , भीड़ में भी खुद को अकेला महसूस करते है, शोर के बीच एकांत ढूंढते है सब होते हुए भी कुछ अभाव सा लगता है केसे संघर्षों के बीच हम रास्ता बना रहे है जानते हुए भी सबकुछ छुपा रहे है कितना कम महसूस कर रहे है और कितना ज्यादा चाहते है छोटे छोटे जख्मों से हम अब भी घबराते है कुछ भी ठीक नहीं लगने पर भी जब उन्होंने पूछा कैसे हो हमने हजारों गम सीने में दबाकर हजारों जख्म दिल से लगाकर होठों पर हल्की सी मुस्कान के साथ कह दिया बस ठीक है.......। ©seema patidar

 जब उन्होंने  पूछा ........  
कैसे हो हमने कह दिया बस ठीक है
इस छोटे से प्रश्न और जवाब के बीच 
बहुत सी बाते अनकही रह गई 
हम नहीं बता पाए की कैसे ,
भीड़ में भी खुद को अकेला महसूस करते है,
शोर के बीच एकांत ढूंढते है 
सब होते हुए भी कुछ अभाव सा लगता है
केसे संघर्षों के बीच हम रास्ता बना रहे है
जानते हुए भी सबकुछ छुपा रहे है
कितना कम महसूस कर रहे है और कितना ज्यादा चाहते है
छोटे छोटे जख्मों से हम अब भी घबराते है 
कुछ भी ठीक नहीं लगने पर भी 
जब उन्होंने  पूछा कैसे हो 
हमने हजारों गम सीने में दबाकर 
हजारों जख्म दिल से लगाकर
होठों पर हल्की सी मुस्कान के साथ कह दिया 
बस ठीक है.......।

©seema patidar

जब उन्होंने पूछा........

10 Love

White आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ भी रही है वह। होकर नाराज़ नभ देख रही है और मैं उसकी आँखों में देखते-देखते दस बजे सजे पुस्तक-पन्नों के शब्दाें को फेसबुक; व्हाट्सएप; इंस्टाग्रामादि पर सजा रहा हूँ, "प्रसन्न बच्चों की आवाज़ें सर्वत्र गूँज रही हैं; सभी के लिए यह दिवा मेहमान है, पतंगों से सजा आसमान है, जिसकी ओर कविता का भी ध्यान है और उसकी ओर मेरा ध्यान है। लाल-पीली; हरी-नीली-पतंगें युद्ध-खेल खेल रही हैं अनंत आसमानी पानी और बादलों के बगीचे में मैंने देखा उन्हें कविता की आँखों से भरी पड़ी प्रत्येक छत है, प्रत्येक पतंग प्रतिस्पर्धा में रत है, कई किन्हीं इशारों पर नाच रही हैं, कई मुक्ति पाने-जाने के लिए छटपटा रहीं हैं, पिन्नी वाली फटी फटफटा रही हैं, कई मुक्त हुए जा रही हैं पश्चिम से पूर्व की ओर मस्ती में ठुमका लगाते हुए जा रही हैं अपने लक्ष्य की ओर तो कई कैदी बने रो रही हैं पक्के धागे के पिंजरे में, जिस प्रकार पक्षी (पतंग) अपने अंग-अंग को पटकते हैं पिजरे में बड़ी बेरहमी से फिर कविता की आँखों की नमी से पूछा मैंने कि क्या हुआ इससे आगे, क्या टूट गये वे सारे धागे? कविता ने कहा, "टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी पतंगों के धागे, टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी भिन्न-भिन्न रंगों के धागे। है आवश्यक अभी कि काश टूट जाते बुराई के धागे!!" . ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni

#पतंगों_के_प्रति #कविता  White 
आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है
पर सुंदर नहीं लग रही है
न नहाने-खाने के कारण
स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण
चिढ भी रही है वह।
होकर नाराज़ नभ देख रही है
और मैं उसकी आँखों में 
देखते-देखते दस बजे सजे
पुस्तक-पन्नों के शब्दाें को फेसबुक; व्हाट्सएप; इंस्टाग्रामादि पर सजा रहा हूँ,
"प्रसन्न बच्चों की आवाज़ें सर्वत्र गूँज रही हैं;
सभी के लिए यह दिवा मेहमान है,
पतंगों से सजा आसमान है,
जिसकी ओर कविता का भी ध्यान है
और उसकी ओर मेरा ध्यान है।
लाल-पीली; हरी-नीली-पतंगें युद्ध-खेल खेल रही हैं
अनंत आसमानी पानी  और बादलों के बगीचे में
मैंने देखा उन्हें कविता की आँखों से
भरी पड़ी प्रत्येक छत है,
प्रत्येक पतंग प्रतिस्पर्धा में रत है,
कई किन्हीं इशारों पर नाच रही हैं,
कई मुक्ति पाने-जाने के लिए छटपटा रहीं हैं,
पिन्नी वाली फटी फटफटा रही हैं,
कई मुक्त हुए जा रही हैं
पश्चिम से पूर्व की ओर मस्ती में ठुमका लगाते हुए
जा रही हैं अपने लक्ष्य की ओर
तो कई कैदी बने रो रही हैं पक्के धागे के पिंजरे में,
जिस प्रकार पक्षी (पतंग)
अपने अंग-अंग को पटकते हैं पिजरे में बड़ी बेरहमी से
फिर कविता की आँखों की नमी से
पूछा मैंने कि क्या हुआ इससे आगे,
क्या टूट गये वे सारे धागे?
कविता ने कहा, "टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी पतंगों के धागे,
टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी भिन्न-भिन्न रंगों के धागे।
है आवश्यक अभी कि काश टूट जाते बुराई के धागे!!"
     .                      ...✍️विकास साहनी

©Vikas Sahni

#पतंगों_के_प्रति आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ

13 Love

White एक दिन मै पूछ बैठा अपनी तन्हाई से ..... तू कभी किसी की हुई भी है या नही .... ©Arun kumar

#alon💔 #SAD  White एक दिन मै पूछ बैठा 
अपनी तन्हाई से .....

तू कभी किसी की 
हुई भी है या नही ....

©Arun kumar

#alon💔 पूछा तन्हाई से

14 Love

Trending Topic