tags

New श्रृंगार रस कविता Status, Photo, Video

Find the latest Status about श्रृंगार रस कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about श्रृंगार रस कविता.

  • Latest
  • Popular
  • Video

मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh ©bina singh

#कविता #devdas  मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती 
अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती
अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती 
मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती
मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh

©bina singh

#devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश

15 Love

#वीडियो

काव्य रस बिखरने आएंगे अनामिका

117 View

#श्रंगार #कविता

#श्रंगार रस

243 View

#श्रृंगार #विचार #Tulips #25aug  White किसी भी वत्त-त्यौहार पर अक्सर सजने वाली लड़की को यही तंज कंसा जाता हैं कभी हँसी में छेडा़ जाता हैं की किसके लिए तैयार हुई?
जैसे नारी को अपनी खुशी से अपने लिए सजने संवरने का अधिकार ही नहीं है बस सज संवरी हैं तो किसी के लिए श्रृंगार का संपूर्ण अर्थ पुरुष से ही है ?
माना किसी भी नारी के श्रृंगार की पूर्णता भी उसके प्रियतम को भाना है परंतु प्रश्न ये है प्रियतम के आगमन से पूर्व श्रृंगार की शुरुआत भी नहीं कर सकती कोई नारी
इस प्रश्न के अतिरिक्त एक अन्य आवश्यक प्रश्न उठता है जिनका प्रियतम छोड़ जाये हमेशा के लिए श्रृंगार करने का उनका अधिकार भी नहीं रहता हैं?

©Priya Gour
 White हर इम्तेहान में रहे वो अव्वल
जिंदगी का रुख देख टूटा मनोबल
किताबी बातें काम न आईं 
फलसफा नहीं है ये जिंदगी असल
यहां ईमानदारी की नही कीमत कोई
सच्चाई एक अकेले कोने में रोई 
यहां किताबों का न होता अमल
यहां कर्मों का उल्टा मिलता फल ।।

©NC

#Sad_shayri #कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता

171 View

White किसी से दो पल का आत्मीय संवाद, हृदय के बोझ को कितना कम कर देता है।" मैं सोचता हूँ, नदियाँ समंदर की ओर क्यों भागती है, हवाएँ क्यों बेचैन और गतिमान है, ये धरती, ग्रह, नक्षत्र, सबके-सब घूमते क्यों हैं? चंद्रमा अनंत काल से यात्रा पर क्यों है, और ये समंदर उद्वेलित और दग्ध क्यों रहता है? क्या ये भी हमारी तरह आत्मीय संवाद के लिए किसी की तलाश में है? ©Vikram Kumar Anujaya

#कविता #moon_day  White किसी से दो पल का आत्मीय संवाद,
हृदय के बोझ को कितना कम कर देता है।"
मैं सोचता हूँ, 
नदियाँ समंदर की ओर क्यों भागती है,
हवाएँ क्यों बेचैन और गतिमान है,
ये धरती, ग्रह, नक्षत्र,
सबके-सब घूमते क्यों हैं?
चंद्रमा अनंत काल से यात्रा पर क्यों है,
और ये समंदर उद्वेलित और दग्ध क्यों रहता है?
क्या ये भी हमारी तरह आत्मीय संवाद
के लिए किसी की तलाश में है?

©Vikram Kumar Anujaya

#moon_day कविता कोश हिंदी कविता कविता प्रेम कविता हिंदी कविता

16 Love

मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh ©bina singh

#कविता #devdas  मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती 
अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती
अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती 
मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती
मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh

©bina singh

#devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश

15 Love

#वीडियो

काव्य रस बिखरने आएंगे अनामिका

117 View

#श्रंगार #कविता

#श्रंगार रस

243 View

#श्रृंगार #विचार #Tulips #25aug  White किसी भी वत्त-त्यौहार पर अक्सर सजने वाली लड़की को यही तंज कंसा जाता हैं कभी हँसी में छेडा़ जाता हैं की किसके लिए तैयार हुई?
जैसे नारी को अपनी खुशी से अपने लिए सजने संवरने का अधिकार ही नहीं है बस सज संवरी हैं तो किसी के लिए श्रृंगार का संपूर्ण अर्थ पुरुष से ही है ?
माना किसी भी नारी के श्रृंगार की पूर्णता भी उसके प्रियतम को भाना है परंतु प्रश्न ये है प्रियतम के आगमन से पूर्व श्रृंगार की शुरुआत भी नहीं कर सकती कोई नारी
इस प्रश्न के अतिरिक्त एक अन्य आवश्यक प्रश्न उठता है जिनका प्रियतम छोड़ जाये हमेशा के लिए श्रृंगार करने का उनका अधिकार भी नहीं रहता हैं?

©Priya Gour
 White हर इम्तेहान में रहे वो अव्वल
जिंदगी का रुख देख टूटा मनोबल
किताबी बातें काम न आईं 
फलसफा नहीं है ये जिंदगी असल
यहां ईमानदारी की नही कीमत कोई
सच्चाई एक अकेले कोने में रोई 
यहां किताबों का न होता अमल
यहां कर्मों का उल्टा मिलता फल ।।

©NC

#Sad_shayri #कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता

171 View

White किसी से दो पल का आत्मीय संवाद, हृदय के बोझ को कितना कम कर देता है।" मैं सोचता हूँ, नदियाँ समंदर की ओर क्यों भागती है, हवाएँ क्यों बेचैन और गतिमान है, ये धरती, ग्रह, नक्षत्र, सबके-सब घूमते क्यों हैं? चंद्रमा अनंत काल से यात्रा पर क्यों है, और ये समंदर उद्वेलित और दग्ध क्यों रहता है? क्या ये भी हमारी तरह आत्मीय संवाद के लिए किसी की तलाश में है? ©Vikram Kumar Anujaya

#कविता #moon_day  White किसी से दो पल का आत्मीय संवाद,
हृदय के बोझ को कितना कम कर देता है।"
मैं सोचता हूँ, 
नदियाँ समंदर की ओर क्यों भागती है,
हवाएँ क्यों बेचैन और गतिमान है,
ये धरती, ग्रह, नक्षत्र,
सबके-सब घूमते क्यों हैं?
चंद्रमा अनंत काल से यात्रा पर क्यों है,
और ये समंदर उद्वेलित और दग्ध क्यों रहता है?
क्या ये भी हमारी तरह आत्मीय संवाद
के लिए किसी की तलाश में है?

©Vikram Kumar Anujaya

#moon_day कविता कोश हिंदी कविता कविता प्रेम कविता हिंदी कविता

16 Love

Trending Topic