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New संवेदना के प्रकार Status, Photo, Video

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 संवेदना ......

संवेदना..... #Life #Thoughts #Empathy #Motivational #motivatation #motivating #lifecoach

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#वीडियो

किसी भी प्रकार के वायलेंस में फोन करें 112 नंबर पर

144 View

White शैतान की दासतान वे कहते है। जब आप आश की एक छोटी - सी उमीद निराशा में बदल जाती है। तब काली दुनिया से कोई हमारे लिए आएसान करने के लिए तैयार रहता है। फिर वों कहते है। ना हर आएसान की कोई न कोई कीमीत होती है। ©ARBAJ Khan

#लव  White शैतान की दासतान
वे कहते है। जब आप आश की एक छोटी - सी  उमीद निराशा में बदल जाती है। तब काली दुनिया से कोई हमारे लिए आएसान करने के लिए तैयार रहता है।
फिर वों कहते है। ना हर आएसान की कोई न कोई कीमीत होती है।

©ARBAJ Khan

काली दुनिया के शैतान के खोफ

11 Love

#teachershailesh #Motivational

जानिए तीन प्रकार कम्यूनिकेशन..... #teachershailesh

117 View

#कविता #nojotohindi #good_night  White पल्लव की डायरी
बहती गंगा अगर विकास की
कुछ छीटे और लहर हम तक भी आती
गारंटियों में कुछ सुगबुगाहट होती
तो राहत बजट में आती
परमात्मा की अगर प्ररेणा तुझ में होती
तो बुलजोडरो से मानवता शर्मशार ना होती
करुणा दया संवेदना अगर झकझोरती तो
हिंसक प्रयोजन की पराकाष्ठा ना होती
हक युवाओ और गरीबो के ना मरते
जुमलो और कड़वी दवाओं के
रिएक्शन जनता में ना होते
                                     प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#good_night करुणा दया संवेदना अगर झकझोरती तो #nojotohindi

279 View

White उम्र‌ सारी बीत गई यही बात बताने में, कितनों को बली चढ़ा दिया ठाठ दिखाने में। पड़ोस की लाली भी हमेशा उदास रहती थी, क्या कोई कदम बढ़ाया था उसको बचाने में। कितनी बेटियां बची होती बर्बाद भी न होती, कदम से कदम तो मिलाया होता साथ आने में। राक्षसी हो गई है प्रवृत्ति जाने क्यों इंसान की, काश किसी ने तो‌‌ प्रयत्न‌ किया होता राम बनाने में। भेड़ चाल है सब मुझको दिखावा लग रहा है, पगडंडी पर चल रहे समूहो‌ का छलावा लग रहा है। किया होता जत्न‌ तो कोई चिरईया शहीद न हो पाती, इतनी जागरूकता दिखाई होती कानून सख्त बनवाने में। पहले पहल तो सब कुछ लिपकर छुपा दिया जाता है, फिर नाप तोलकर समय लगता है सुर्खियां बनाने में। आवाम इंतजार करती है देखती है मिजाज हवाओं का, फिर भरती है दम्भ एक एक कर हाजिरी लगाने में। काश कि निकले हैं सड़कों पर तो कुछ तो फिजा़ बदले, इंसाफ सभी को मिलेगा बस कुछ अपनी नियत बदलें। हर जुर्म करने वाले को सजा का खौफ होना चाहिए, आओ अब भिड ही जाएं सजा खौफनाक बनवाने में। रूह भी कांप उठेगी कई बार मुजरिम को डराएगी, फिर न ही कोई 'निर्भया'आशिफा' या 'मौमिता' हो पाएगी। फिर न ही कोई 'निर्भया'आशिफा' या 'मौमिता' हो पाएगी..prk ©प्रदीप राज खींची

#SAD  White उम्र‌ सारी बीत गई यही बात बताने में,
कितनों को बली चढ़ा दिया ठाठ दिखाने में।
पड़ोस की लाली भी हमेशा उदास रहती थी,
क्या कोई कदम बढ़ाया था उसको बचाने में।
कितनी बेटियां बची होती बर्बाद भी न होती,
कदम से कदम तो मिलाया होता साथ आने में।
राक्षसी हो गई है प्रवृत्ति जाने क्यों इंसान की,
काश किसी ने तो‌‌ प्रयत्न‌ किया होता राम बनाने में।
भेड़ चाल है सब मुझको दिखावा लग रहा है,
पगडंडी पर चल रहे समूहो‌ का छलावा लग रहा है।
किया होता जत्न‌ तो कोई चिरईया शहीद न हो पाती,
इतनी जागरूकता दिखाई होती कानून सख्त बनवाने में।
पहले पहल तो सब कुछ लिपकर छुपा दिया जाता है,
फिर नाप तोलकर समय लगता है सुर्खियां बनाने में।
आवाम इंतजार करती है देखती है मिजाज हवाओं का,
फिर भरती है दम्भ एक एक कर हाजिरी लगाने में।
काश कि निकले हैं सड़कों पर तो कुछ तो फिजा़ बदले,
इंसाफ सभी को मिलेगा बस कुछ अपनी नियत बदलें।
हर जुर्म करने वाले को सजा का खौफ होना चाहिए,
आओ अब भिड ही जाएं सजा खौफनाक बनवाने में।
रूह भी कांप उठेगी कई बार मुजरिम को डराएगी,
फिर न ही कोई 'निर्भया'आशिफा' या 'मौमिता' हो पाएगी।
फिर न ही कोई 'निर्भया'आशिफा' या 'मौमिता' हो पाएगी..prk

©प्रदीप राज खींची

संवेदना #

10 Love

 संवेदना ......

संवेदना..... #Life #Thoughts #Empathy #Motivational #motivatation #motivating #lifecoach

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#वीडियो

किसी भी प्रकार के वायलेंस में फोन करें 112 नंबर पर

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White शैतान की दासतान वे कहते है। जब आप आश की एक छोटी - सी उमीद निराशा में बदल जाती है। तब काली दुनिया से कोई हमारे लिए आएसान करने के लिए तैयार रहता है। फिर वों कहते है। ना हर आएसान की कोई न कोई कीमीत होती है। ©ARBAJ Khan

#लव  White शैतान की दासतान
वे कहते है। जब आप आश की एक छोटी - सी  उमीद निराशा में बदल जाती है। तब काली दुनिया से कोई हमारे लिए आएसान करने के लिए तैयार रहता है।
फिर वों कहते है। ना हर आएसान की कोई न कोई कीमीत होती है।

©ARBAJ Khan

काली दुनिया के शैतान के खोफ

11 Love

#teachershailesh #Motivational

जानिए तीन प्रकार कम्यूनिकेशन..... #teachershailesh

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#कविता #nojotohindi #good_night  White पल्लव की डायरी
बहती गंगा अगर विकास की
कुछ छीटे और लहर हम तक भी आती
गारंटियों में कुछ सुगबुगाहट होती
तो राहत बजट में आती
परमात्मा की अगर प्ररेणा तुझ में होती
तो बुलजोडरो से मानवता शर्मशार ना होती
करुणा दया संवेदना अगर झकझोरती तो
हिंसक प्रयोजन की पराकाष्ठा ना होती
हक युवाओ और गरीबो के ना मरते
जुमलो और कड़वी दवाओं के
रिएक्शन जनता में ना होते
                                     प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#good_night करुणा दया संवेदना अगर झकझोरती तो #nojotohindi

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White उम्र‌ सारी बीत गई यही बात बताने में, कितनों को बली चढ़ा दिया ठाठ दिखाने में। पड़ोस की लाली भी हमेशा उदास रहती थी, क्या कोई कदम बढ़ाया था उसको बचाने में। कितनी बेटियां बची होती बर्बाद भी न होती, कदम से कदम तो मिलाया होता साथ आने में। राक्षसी हो गई है प्रवृत्ति जाने क्यों इंसान की, काश किसी ने तो‌‌ प्रयत्न‌ किया होता राम बनाने में। भेड़ चाल है सब मुझको दिखावा लग रहा है, पगडंडी पर चल रहे समूहो‌ का छलावा लग रहा है। किया होता जत्न‌ तो कोई चिरईया शहीद न हो पाती, इतनी जागरूकता दिखाई होती कानून सख्त बनवाने में। पहले पहल तो सब कुछ लिपकर छुपा दिया जाता है, फिर नाप तोलकर समय लगता है सुर्खियां बनाने में। आवाम इंतजार करती है देखती है मिजाज हवाओं का, फिर भरती है दम्भ एक एक कर हाजिरी लगाने में। काश कि निकले हैं सड़कों पर तो कुछ तो फिजा़ बदले, इंसाफ सभी को मिलेगा बस कुछ अपनी नियत बदलें। हर जुर्म करने वाले को सजा का खौफ होना चाहिए, आओ अब भिड ही जाएं सजा खौफनाक बनवाने में। रूह भी कांप उठेगी कई बार मुजरिम को डराएगी, फिर न ही कोई 'निर्भया'आशिफा' या 'मौमिता' हो पाएगी। फिर न ही कोई 'निर्भया'आशिफा' या 'मौमिता' हो पाएगी..prk ©प्रदीप राज खींची

#SAD  White उम्र‌ सारी बीत गई यही बात बताने में,
कितनों को बली चढ़ा दिया ठाठ दिखाने में।
पड़ोस की लाली भी हमेशा उदास रहती थी,
क्या कोई कदम बढ़ाया था उसको बचाने में।
कितनी बेटियां बची होती बर्बाद भी न होती,
कदम से कदम तो मिलाया होता साथ आने में।
राक्षसी हो गई है प्रवृत्ति जाने क्यों इंसान की,
काश किसी ने तो‌‌ प्रयत्न‌ किया होता राम बनाने में।
भेड़ चाल है सब मुझको दिखावा लग रहा है,
पगडंडी पर चल रहे समूहो‌ का छलावा लग रहा है।
किया होता जत्न‌ तो कोई चिरईया शहीद न हो पाती,
इतनी जागरूकता दिखाई होती कानून सख्त बनवाने में।
पहले पहल तो सब कुछ लिपकर छुपा दिया जाता है,
फिर नाप तोलकर समय लगता है सुर्खियां बनाने में।
आवाम इंतजार करती है देखती है मिजाज हवाओं का,
फिर भरती है दम्भ एक एक कर हाजिरी लगाने में।
काश कि निकले हैं सड़कों पर तो कुछ तो फिजा़ बदले,
इंसाफ सभी को मिलेगा बस कुछ अपनी नियत बदलें।
हर जुर्म करने वाले को सजा का खौफ होना चाहिए,
आओ अब भिड ही जाएं सजा खौफनाक बनवाने में।
रूह भी कांप उठेगी कई बार मुजरिम को डराएगी,
फिर न ही कोई 'निर्भया'आशिफा' या 'मौमिता' हो पाएगी।
फिर न ही कोई 'निर्भया'आशिफा' या 'मौमिता' हो पाएगी..prk

©प्रदीप राज खींची

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