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New यत्र नारी पूज्यन्ते Status, Photo, Video

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White होली हो दिवाली हो या हो तीज त्योहार तुझे ना मिलता इसके बदले कोई छुट्टी ना उपहार हर वक्त कर्म से रचती तू अपना सुंदर संसार है नारी शक्ति तुझे मेरा बारम बार प्रणाम। प्रणाम 🙏🏻 ✍🏻संतोष ©Santosh Verma

#कविता  White होली हो दिवाली हो या हो तीज त्योहार तुझे ना मिलता इसके बदले कोई छुट्टी ना उपहार हर वक्त कर्म से रचती तू अपना सुंदर संसार
है नारी शक्ति तुझे मेरा बारम बार प्रणाम।

प्रणाम
🙏🏻
                     ✍🏻संतोष

©Santosh Verma

नारी

10 Love

नारी को नारी रहने दो, वह भी एक इंसान है। सुख दुख के भावों से बनता उसका भी संसार है। देवी का प्रतिरूप बनाकर लज्जा का अंबर ना लपेटो पुरुषोत्तम के झूठे दम पर ना उसकी कोई सीमा बनाओ उड़ती है तो पंख ना काटो बस थोड़ा सा अर्श बनाओ कर सकते हो तो इतना कर दो नारी को नारी ही रहने दे दो उसको थोड़ा सा आसमान पंख फैलाए। उड़ने दो तुम लेने दो उसे अपना आसमान🙏 ©Mau Jha

#कविता  नारी को नारी रहने दो, वह भी एक इंसान है। सुख दुख के भावों से बनता उसका भी संसार है। देवी का प्रतिरूप बनाकर लज्जा का अंबर ना लपेटो पुरुषोत्तम के झूठे दम पर ना उसकी कोई सीमा बनाओ उड़ती है तो पंख ना काटो बस थोड़ा सा अर्श बनाओ कर सकते हो तो इतना कर दो नारी को नारी ही रहने दे दो उसको थोड़ा सा आसमान पंख फैलाए। उड़ने दो तुम लेने दो उसे अपना आसमान🙏

©Mau Jha

नारी को नारी रहने दो🙏🤝

14 Love

जहाँ कोई सहारा नहीं, वहाँ कोई इंतज़ार नहीं यत्र समर्थनं नास्ति तत्र प्रतीक्षा नास्ति Where there is no support, there is no waiting Dhanywaad Har Har Mahadev ©Mohan raj

 जहाँ कोई सहारा नहीं, वहाँ कोई इंतज़ार नहीं
यत्र समर्थनं नास्ति तत्र प्रतीक्षा नास्ति
Where there is no support, there is no waiting
Dhanywaad Har Har Mahadev

©Mohan raj

Lessons यत्र समर्थनं नास्ति तत्र प्रतीक्षा नास्ति

14 Love

White नारी हूं मैं...... जननी मैं, जीवन भी मैं, करूणा का सागर भी मैं, माना जज्बातों पर जोर नहीं, मगर सशक्त हूं तलवार हूं मैं। हा नारी हूं मैं कमज़ोर नहीं मैं। दर्पण मैं और अक्स भी मैं, झुक जाऊं ऐसी डाल नहीं मैं, स्वाभिमान मुझे है प्यारा, आंखो का हूं में तारा। ऐसा कोई शख्स नहीं, जो टूट कर बिखर जाऊं मैं। हा नारी हूं मै आत्मनिर्भर भी हूं मैं। समझना ना मुझको अधूरी, मैं तो हूं खुद में पूरी, साथ अगर जो चलना हो तो, हाथ तभी तुम थामना, पीछे हटना मुझे नहीं गवारा, एक बार पकड़ा हाथ जो। हा नारी हूं मैं अकेली नहीं। ©Heer

#women_equality_day #नारी  White 
नारी हूं मैं......

जननी मैं, जीवन भी मैं, करूणा का सागर भी मैं,
माना जज्बातों पर जोर नहीं, मगर सशक्त हूं तलवार हूं मैं। 
हा नारी हूं मैं कमज़ोर नहीं मैं।

दर्पण मैं और अक्स भी मैं, झुक जाऊं ऐसी डाल नहीं मैं,
स्वाभिमान मुझे है प्यारा, आंखो का हूं में तारा। 
ऐसा कोई शख्स नहीं, जो टूट कर बिखर जाऊं मैं। 
हा नारी हूं मै आत्मनिर्भर भी हूं मैं। 

समझना ना मुझको अधूरी, मैं तो हूं खुद में पूरी, 
साथ अगर जो चलना हो तो, हाथ तभी तुम थामना,
पीछे हटना मुझे नहीं गवारा, एक बार पकड़ा हाथ जो। 
हा नारी हूं मैं अकेली नहीं।

©Heer

#women_equality_day #नारी हूं मैं

20 Love

#विचार  नारी की शक्ति जब रौद्र रूप लेती हैं तो किसी की हिम्मत नहीं जो उस पर कटाक्ष कर सकें क्योंकि इस आदि रूप के समक्ष स्वयं महादेव भी सम्मान से झुक गए।

©Satish Kumar Meena

नारी शक्ति

81 View

काश ये युग भी सतयुग होता.. ना घुंघट की आढ होती , ना स्त्री कोई अभिशाप होती... ना बेटी-बेटे में अंतर होता, ना शिक्षा से कोई वंचित होता... ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता... ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता... उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है... मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है... हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं... क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं... क्या उसको जीने का अधिकार नहीं क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं... क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही, है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही... ©Kiran Ahir

 काश ये युग भी सतयुग होता..
ना घुंघट की आढ होती ,
ना स्त्री कोई अभिशाप होती...
ना बेटी-बेटे में अंतर होता,
ना शिक्षा से कोई वंचित होता...
ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता 
समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता...
ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता
और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता...
उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है 
गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है...
मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है 
फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है...
हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है
क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं...
क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं
क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं...
क्या उसको जीने का अधिकार नहीं 
क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं...
क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही,
है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही...

©Kiran Ahir

नारी

15 Love

White होली हो दिवाली हो या हो तीज त्योहार तुझे ना मिलता इसके बदले कोई छुट्टी ना उपहार हर वक्त कर्म से रचती तू अपना सुंदर संसार है नारी शक्ति तुझे मेरा बारम बार प्रणाम। प्रणाम 🙏🏻 ✍🏻संतोष ©Santosh Verma

#कविता  White होली हो दिवाली हो या हो तीज त्योहार तुझे ना मिलता इसके बदले कोई छुट्टी ना उपहार हर वक्त कर्म से रचती तू अपना सुंदर संसार
है नारी शक्ति तुझे मेरा बारम बार प्रणाम।

प्रणाम
🙏🏻
                     ✍🏻संतोष

©Santosh Verma

नारी

10 Love

नारी को नारी रहने दो, वह भी एक इंसान है। सुख दुख के भावों से बनता उसका भी संसार है। देवी का प्रतिरूप बनाकर लज्जा का अंबर ना लपेटो पुरुषोत्तम के झूठे दम पर ना उसकी कोई सीमा बनाओ उड़ती है तो पंख ना काटो बस थोड़ा सा अर्श बनाओ कर सकते हो तो इतना कर दो नारी को नारी ही रहने दे दो उसको थोड़ा सा आसमान पंख फैलाए। उड़ने दो तुम लेने दो उसे अपना आसमान🙏 ©Mau Jha

#कविता  नारी को नारी रहने दो, वह भी एक इंसान है। सुख दुख के भावों से बनता उसका भी संसार है। देवी का प्रतिरूप बनाकर लज्जा का अंबर ना लपेटो पुरुषोत्तम के झूठे दम पर ना उसकी कोई सीमा बनाओ उड़ती है तो पंख ना काटो बस थोड़ा सा अर्श बनाओ कर सकते हो तो इतना कर दो नारी को नारी ही रहने दे दो उसको थोड़ा सा आसमान पंख फैलाए। उड़ने दो तुम लेने दो उसे अपना आसमान🙏

©Mau Jha

नारी को नारी रहने दो🙏🤝

14 Love

जहाँ कोई सहारा नहीं, वहाँ कोई इंतज़ार नहीं यत्र समर्थनं नास्ति तत्र प्रतीक्षा नास्ति Where there is no support, there is no waiting Dhanywaad Har Har Mahadev ©Mohan raj

 जहाँ कोई सहारा नहीं, वहाँ कोई इंतज़ार नहीं
यत्र समर्थनं नास्ति तत्र प्रतीक्षा नास्ति
Where there is no support, there is no waiting
Dhanywaad Har Har Mahadev

©Mohan raj

Lessons यत्र समर्थनं नास्ति तत्र प्रतीक्षा नास्ति

14 Love

White नारी हूं मैं...... जननी मैं, जीवन भी मैं, करूणा का सागर भी मैं, माना जज्बातों पर जोर नहीं, मगर सशक्त हूं तलवार हूं मैं। हा नारी हूं मैं कमज़ोर नहीं मैं। दर्पण मैं और अक्स भी मैं, झुक जाऊं ऐसी डाल नहीं मैं, स्वाभिमान मुझे है प्यारा, आंखो का हूं में तारा। ऐसा कोई शख्स नहीं, जो टूट कर बिखर जाऊं मैं। हा नारी हूं मै आत्मनिर्भर भी हूं मैं। समझना ना मुझको अधूरी, मैं तो हूं खुद में पूरी, साथ अगर जो चलना हो तो, हाथ तभी तुम थामना, पीछे हटना मुझे नहीं गवारा, एक बार पकड़ा हाथ जो। हा नारी हूं मैं अकेली नहीं। ©Heer

#women_equality_day #नारी  White 
नारी हूं मैं......

जननी मैं, जीवन भी मैं, करूणा का सागर भी मैं,
माना जज्बातों पर जोर नहीं, मगर सशक्त हूं तलवार हूं मैं। 
हा नारी हूं मैं कमज़ोर नहीं मैं।

दर्पण मैं और अक्स भी मैं, झुक जाऊं ऐसी डाल नहीं मैं,
स्वाभिमान मुझे है प्यारा, आंखो का हूं में तारा। 
ऐसा कोई शख्स नहीं, जो टूट कर बिखर जाऊं मैं। 
हा नारी हूं मै आत्मनिर्भर भी हूं मैं। 

समझना ना मुझको अधूरी, मैं तो हूं खुद में पूरी, 
साथ अगर जो चलना हो तो, हाथ तभी तुम थामना,
पीछे हटना मुझे नहीं गवारा, एक बार पकड़ा हाथ जो। 
हा नारी हूं मैं अकेली नहीं।

©Heer

#women_equality_day #नारी हूं मैं

20 Love

#विचार  नारी की शक्ति जब रौद्र रूप लेती हैं तो किसी की हिम्मत नहीं जो उस पर कटाक्ष कर सकें क्योंकि इस आदि रूप के समक्ष स्वयं महादेव भी सम्मान से झुक गए।

©Satish Kumar Meena

नारी शक्ति

81 View

काश ये युग भी सतयुग होता.. ना घुंघट की आढ होती , ना स्त्री कोई अभिशाप होती... ना बेटी-बेटे में अंतर होता, ना शिक्षा से कोई वंचित होता... ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता... ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता... उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है... मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है... हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं... क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं... क्या उसको जीने का अधिकार नहीं क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं... क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही, है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही... ©Kiran Ahir

 काश ये युग भी सतयुग होता..
ना घुंघट की आढ होती ,
ना स्त्री कोई अभिशाप होती...
ना बेटी-बेटे में अंतर होता,
ना शिक्षा से कोई वंचित होता...
ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता 
समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता...
ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता
और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता...
उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है 
गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है...
मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है 
फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है...
हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है
क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं...
क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं
क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं...
क्या उसको जीने का अधिकार नहीं 
क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं...
क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही,
है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही...

©Kiran Ahir

नारी

15 Love

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