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#तुषाराद्रिसंकाशगौरम् #श्रीशिवरुद्राष्टकम् #हरहरमहादेव #devotionally_spiritually_taru #कवितावाचक #भक्ति

हमारी वास्तविक आवाज शीर्षक श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित . . विधा श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित श्लोक ३ .

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कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।। कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती । सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  कुण्डलिया :-

आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान ।
मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।।
अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।।
कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती ।
सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के

12 Love

कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।। कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती । सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  कुण्डलिया :-

आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान ।
मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।।
अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।।
कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती ।
सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।

16 Love

White सबसे पहला ख्याल तेरा है, तू किसी और की क्यों होंगी ये सवाल मेरा है, मोहब्बत में जान लेना और देना अब तो आम है तुझे कोई और चाहें ...हूं..... यह बवाल मेरा है..! ©Himanshu Prajapati

#indian_akshay_urja_day #विचार #hpstrange #36gyan  White सबसे पहला ख्याल तेरा है,
तू किसी और की क्यों होंगी 
ये सवाल मेरा है,
मोहब्बत में जान लेना और देना 
अब तो आम है 
तुझे कोई और चाहें 
...हूं.....
यह बवाल मेरा है..!

©Himanshu Prajapati

#indian_akshay_urja_day सबसे पहला ख्याल तेरा है, तू किसी और की क्यों होंगी ये सवाल मेरा है, मोहब्बत में जान लेना और देना अब तो आम है तुझे

12 Love

 साली तू है सबसे प्यारी,
तेरी हँसी में है कुछ न्यारी।

जीजा के दिल की रानी,
तेरे बिना लगे कहानी अधूरी, कहानी।

तेरे नखरे, तेरी बातों का जादू,
हर दिल को लगे सबसे ज्यादा प्यारा।

तेरी शरारतों का आलम,
जीजा को सताने का तेरा तरीका है अलग ही चंचल।

सज-धज के जब तू आए,
जीजा की दुनिया में बहार छा जाए।

तेरे ठुमके और तेरे अदाओं का जलवा,
सबको भाये, जीजा को तो खासकर भाये।

साली तू है रिश्तों की मिठास,
तेरे बिना अधूरा है हर एक उल्लास।

तू है हँसी-ठिठोली का हिस्सा,
तेरे बिना ना हो जीजा का कोई भी किस्सा।

तेरी बातें, तेरा अंदाज अनोखा,
साली, तू है सबसे निराली, सबसे प्यारी, सबसे अलग।

©Prakhar Tiwari

poetry Kartik Aaryan poetry in english poetry on loveसाली तू है सबसे प्यारी, तेरी हँसी में है कुछ न्यारी। जीजा के दिल की रानी, तेरे बिना ल

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कुण्डलिया :- नीले अम्बर के तले , जपते राधा नाम । बारिश की हर बूँद से , बचा रहे घनश्याम ।। बचा रहे घनश्याम , भीग मत जाये राधा । होगा जब संताप , कष्ट मुझको भी आधा ।। छाता लूँ मैं तान , दूर हैं काफी टीले । छाये हैं अब मेघ , न दिखते अम्बर नीले ।। नीले अम्बर के तले , दोनों अन्तर ध्यान । दिव्य शक्ति दोनो यहाँ, कहते सभी सुजान । कहते सभी सुजान, इन्हीं की महिमा न्यारी । सबके दुख संताप , हरे हैं नित बनवारी ।। रिमझिम पड़ी फुहार , हो गये दोनो गीले । छाता ले अब अब तान , नहीं अब अम्बर नीले ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  कुण्डलिया :-
नीले अम्बर के तले , जपते राधा नाम ।
बारिश की हर बूँद से , बचा रहे घनश्याम ।।
बचा रहे घनश्याम , भीग मत जाये राधा ।
होगा जब संताप , कष्ट मुझको भी आधा ।।
छाता लूँ मैं तान , दूर हैं काफी टीले ।
छाये हैं अब मेघ , न दिखते अम्बर नीले ।।

नीले अम्बर के तले , दोनों अन्तर ध्यान ।
दिव्य शक्ति दोनो यहाँ, कहते सभी सुजान ।
कहते सभी सुजान, इन्हीं की महिमा न्यारी ।
सबके दुख संताप , हरे हैं नित बनवारी ।।
रिमझिम पड़ी फुहार , हो गये दोनो गीले ।
छाता ले अब अब तान , नहीं अब अम्बर नीले ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया :- नीले अम्बर के तले , जपते राधा नाम । बारिश की हर बूँद से , बचा रहे घनश्याम ।। बचा रहे घनश्याम , भीग मत जाये राधा । होगा जब संताप

10 Love

#तुषाराद्रिसंकाशगौरम् #श्रीशिवरुद्राष्टकम् #हरहरमहादेव #devotionally_spiritually_taru #कवितावाचक #भक्ति

हमारी वास्तविक आवाज शीर्षक श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित . . विधा श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित श्लोक ३ .

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कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।। कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती । सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  कुण्डलिया :-

आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान ।
मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।।
अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।।
कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती ।
सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के

12 Love

कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।। कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती । सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  कुण्डलिया :-

आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान ।
मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।।
अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।।
कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती ।
सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।

16 Love

White सबसे पहला ख्याल तेरा है, तू किसी और की क्यों होंगी ये सवाल मेरा है, मोहब्बत में जान लेना और देना अब तो आम है तुझे कोई और चाहें ...हूं..... यह बवाल मेरा है..! ©Himanshu Prajapati

#indian_akshay_urja_day #विचार #hpstrange #36gyan  White सबसे पहला ख्याल तेरा है,
तू किसी और की क्यों होंगी 
ये सवाल मेरा है,
मोहब्बत में जान लेना और देना 
अब तो आम है 
तुझे कोई और चाहें 
...हूं.....
यह बवाल मेरा है..!

©Himanshu Prajapati

#indian_akshay_urja_day सबसे पहला ख्याल तेरा है, तू किसी और की क्यों होंगी ये सवाल मेरा है, मोहब्बत में जान लेना और देना अब तो आम है तुझे

12 Love

 साली तू है सबसे प्यारी,
तेरी हँसी में है कुछ न्यारी।

जीजा के दिल की रानी,
तेरे बिना लगे कहानी अधूरी, कहानी।

तेरे नखरे, तेरी बातों का जादू,
हर दिल को लगे सबसे ज्यादा प्यारा।

तेरी शरारतों का आलम,
जीजा को सताने का तेरा तरीका है अलग ही चंचल।

सज-धज के जब तू आए,
जीजा की दुनिया में बहार छा जाए।

तेरे ठुमके और तेरे अदाओं का जलवा,
सबको भाये, जीजा को तो खासकर भाये।

साली तू है रिश्तों की मिठास,
तेरे बिना अधूरा है हर एक उल्लास।

तू है हँसी-ठिठोली का हिस्सा,
तेरे बिना ना हो जीजा का कोई भी किस्सा।

तेरी बातें, तेरा अंदाज अनोखा,
साली, तू है सबसे निराली, सबसे प्यारी, सबसे अलग।

©Prakhar Tiwari

poetry Kartik Aaryan poetry in english poetry on loveसाली तू है सबसे प्यारी, तेरी हँसी में है कुछ न्यारी। जीजा के दिल की रानी, तेरे बिना ल

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कुण्डलिया :- नीले अम्बर के तले , जपते राधा नाम । बारिश की हर बूँद से , बचा रहे घनश्याम ।। बचा रहे घनश्याम , भीग मत जाये राधा । होगा जब संताप , कष्ट मुझको भी आधा ।। छाता लूँ मैं तान , दूर हैं काफी टीले । छाये हैं अब मेघ , न दिखते अम्बर नीले ।। नीले अम्बर के तले , दोनों अन्तर ध्यान । दिव्य शक्ति दोनो यहाँ, कहते सभी सुजान । कहते सभी सुजान, इन्हीं की महिमा न्यारी । सबके दुख संताप , हरे हैं नित बनवारी ।। रिमझिम पड़ी फुहार , हो गये दोनो गीले । छाता ले अब अब तान , नहीं अब अम्बर नीले ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  कुण्डलिया :-
नीले अम्बर के तले , जपते राधा नाम ।
बारिश की हर बूँद से , बचा रहे घनश्याम ।।
बचा रहे घनश्याम , भीग मत जाये राधा ।
होगा जब संताप , कष्ट मुझको भी आधा ।।
छाता लूँ मैं तान , दूर हैं काफी टीले ।
छाये हैं अब मेघ , न दिखते अम्बर नीले ।।

नीले अम्बर के तले , दोनों अन्तर ध्यान ।
दिव्य शक्ति दोनो यहाँ, कहते सभी सुजान ।
कहते सभी सुजान, इन्हीं की महिमा न्यारी ।
सबके दुख संताप , हरे हैं नित बनवारी ।।
रिमझिम पड़ी फुहार , हो गये दोनो गीले ।
छाता ले अब अब तान , नहीं अब अम्बर नीले ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया :- नीले अम्बर के तले , जपते राधा नाम । बारिश की हर बूँद से , बचा रहे घनश्याम ।। बचा रहे घनश्याम , भीग मत जाये राधा । होगा जब संताप

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