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Bhagavan kise nahin dikhte hain? नाहं प्रकाश: सर्वस्य योगमायासमावृत: । मूढोऽयं नाभिजानाति लोको मामजमव्ययम् ॥ मैं मूर्खों और मूर्खों के लिए कभी भी प्रकट नहीं होता। उनके लिए मैं अपनी आंतरिक शक्ति से ढका हुआ हूँ, और इसलिए वे यह नहीं जानते कि मैं अजन्मा और अचूक हूँ। ©Heer

#भगवान #Thinking #Quotes  Bhagavan kise nahin dikhte hain?

नाहं प्रकाश: सर्वस्य योगमायासमावृत: ।
मूढोऽयं नाभिजानाति लोको मामजमव्ययम् ॥

मैं मूर्खों और मूर्खों के लिए 
कभी भी प्रकट नहीं होता। 
उनके लिए मैं अपनी 
आंतरिक शक्ति से ढका हुआ हूँ, 
और इसलिए वे यह नहीं जानते कि
 मैं अजन्मा और अचूक हूँ।

©Heer

#Thinking #भगवान किसे नहीं दिखते?

19 Love

 White ना पा सके,ना भूला सके...........
ना बता सके,ना जता सके... !
तू कया है,मेरे लिए.....!!
ना खुद समझ सके,ना मुझे समझा सकी....

©Rameshkumar Mehra Mehra

# ना पा सके,ना भूला सके,ना बता सके,ना जता सके,तू कया है मेरे लिए,ना खुद समझ सके,ना मुझे तुम समझा सकी......shayari...#

324 View

White ना चांद की चाहत, ना तारो की फरमाइश, हर जन्म तू मिले, बस यही मेरी ख्वाहिश, ©RAVI PRAKASH

#शायरी #GoodMorning  White ना चांद की चाहत, ना तारो की फरमाइश, हर जन्म तू मिले, बस यही मेरी ख्वाहिश,

©RAVI PRAKASH

#GoodMorning ना चांद की चाहत, ना

10 Love

#कविता #तू

#तू तेरा भगवान💖

243 View

#कॉमेडी

ना कोई टेंशन ना कोई ग़म

90 View

शांत चित बैठा एक बालक चारों ओर से काम क्रोध मद लोभ जैसी चल रही थी उसके इर्द-गिर्द आंधी। मुख पर उनके अविरल तेज था हवाओं में मंद मंद सुगंध इससे भी बढ़कर सर पर चढ़कर बोल रही थी उनकी समाधि।। ©Abhishek tripathi#chgr@c

#मोटिवेशनल  शांत चित बैठा एक बालक चारों ओर से
 काम क्रोध मद लोभ जैसी 
चल रही थी उसके इर्द-गिर्द आंधी।

मुख पर उनके अविरल तेज था हवाओं में मंद मंद
 सुगंध इससे भी बढ़कर 
सर पर चढ़कर बोल रही थी उनकी समाधि।।

©Abhishek tripathi#chgr@c

#"भगवान वेदव्यास जी"...

10 Love

Bhagavan kise nahin dikhte hain? नाहं प्रकाश: सर्वस्य योगमायासमावृत: । मूढोऽयं नाभिजानाति लोको मामजमव्ययम् ॥ मैं मूर्खों और मूर्खों के लिए कभी भी प्रकट नहीं होता। उनके लिए मैं अपनी आंतरिक शक्ति से ढका हुआ हूँ, और इसलिए वे यह नहीं जानते कि मैं अजन्मा और अचूक हूँ। ©Heer

#भगवान #Thinking #Quotes  Bhagavan kise nahin dikhte hain?

नाहं प्रकाश: सर्वस्य योगमायासमावृत: ।
मूढोऽयं नाभिजानाति लोको मामजमव्ययम् ॥

मैं मूर्खों और मूर्खों के लिए 
कभी भी प्रकट नहीं होता। 
उनके लिए मैं अपनी 
आंतरिक शक्ति से ढका हुआ हूँ, 
और इसलिए वे यह नहीं जानते कि
 मैं अजन्मा और अचूक हूँ।

©Heer

#Thinking #भगवान किसे नहीं दिखते?

19 Love

 White ना पा सके,ना भूला सके...........
ना बता सके,ना जता सके... !
तू कया है,मेरे लिए.....!!
ना खुद समझ सके,ना मुझे समझा सकी....

©Rameshkumar Mehra Mehra

# ना पा सके,ना भूला सके,ना बता सके,ना जता सके,तू कया है मेरे लिए,ना खुद समझ सके,ना मुझे तुम समझा सकी......shayari...#

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White ना चांद की चाहत, ना तारो की फरमाइश, हर जन्म तू मिले, बस यही मेरी ख्वाहिश, ©RAVI PRAKASH

#शायरी #GoodMorning  White ना चांद की चाहत, ना तारो की फरमाइश, हर जन्म तू मिले, बस यही मेरी ख्वाहिश,

©RAVI PRAKASH

#GoodMorning ना चांद की चाहत, ना

10 Love

#कविता #तू

#तू तेरा भगवान💖

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#कॉमेडी

ना कोई टेंशन ना कोई ग़म

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शांत चित बैठा एक बालक चारों ओर से काम क्रोध मद लोभ जैसी चल रही थी उसके इर्द-गिर्द आंधी। मुख पर उनके अविरल तेज था हवाओं में मंद मंद सुगंध इससे भी बढ़कर सर पर चढ़कर बोल रही थी उनकी समाधि।। ©Abhishek tripathi#chgr@c

#मोटिवेशनल  शांत चित बैठा एक बालक चारों ओर से
 काम क्रोध मद लोभ जैसी 
चल रही थी उसके इर्द-गिर्द आंधी।

मुख पर उनके अविरल तेज था हवाओं में मंद मंद
 सुगंध इससे भी बढ़कर 
सर पर चढ़कर बोल रही थी उनकी समाधि।।

©Abhishek tripathi#chgr@c

#"भगवान वेदव्यास जी"...

10 Love

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