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#विनोदी

लाडकी बहिण योजना 😀😀 @pranali kawale @Kalpana Korgaonkar @Miss Anu.. thoughts @Deewani Bholenath ki प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे हसा आणि हसवा फनी

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#वीडियो

"बदले की योजना – सियार गिरिश की चालाकी, रिंकू खरगोश की सच्चाई, और गोपाल हाथी की खतरनाक यात्रा" - जंगल में शांति और सौहार्द के बीच एक चालाक स

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#वीडियो

"केके की सूझबूझ – हिंदी कहानियाँ, बच्चों की शिक्षाप्रद और नैतिक कहानी" - जंगल में आए भयंकर तूफान ने सबकुछ बदल दिया। जब जानवरों की ज़िंदगी मु

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#वीडियो

"फाइनल मिशन - आखिरी चुनौती: Victory Unleashed" - कर्नल अर्जुन राय एक खतरनाक मिशन पर है, जहाँ लाखों लोगों की जान दांव पर लगी है। आतंकवादी संग

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ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े  शीश चरणों में उनके झुका दीजिए  जख़्म जितने सहे हैं तुम्हारे लिए  फूल दामन में उतने ख़िला दीजिए  बाप का फर्ज जो भूल पाये नही  मान सम्मान उनका बढ़ा दीजिए हैं बहन बेटियाँ सबकी साझीं यहाँ  बात बेटों को इतनी बता दीजिए  घर में आई बहू है हमारे नई  आप नज़रे न उसको लगा दीजिए  इस जहाँ में पिता परमेश्वर ही यहाँ । जाके चरणों में सब कुछ लुटा दीजिए  मोल जिनका यहाँ पर चुका ना सको  उनकी सेवा में जीवन बिता दीजिए  साथ लाये थे क्या जो हुआ दुख तुम्हें बात इतनी तो जग को बता दीजिए  हैं दुवाएँ प्रखर साथ माँ बाप की  आप राहों में रोड़े लगा दीजिए  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए ।
बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।।
थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े 
शीश चरणों में उनके झुका दीजिए 
जख़्म जितने सहे हैं तुम्हारे लिए 
फूल दामन में उतने ख़िला दीजिए 
बाप का फर्ज जो भूल पाये नही 
मान सम्मान उनका बढ़ा दीजिए
हैं बहन बेटियाँ सबकी साझीं यहाँ 
बात बेटों को इतनी बता दीजिए 
घर में आई बहू है हमारे नई 
आप नज़रे न उसको लगा दीजिए 
इस जहाँ में पिता परमेश्वर ही यहाँ ।
जाके चरणों में सब कुछ लुटा दीजिए 
मोल जिनका यहाँ पर चुका ना सको 
उनकी सेवा में जीवन बिता दीजिए 
साथ लाये थे क्या जो हुआ दुख तुम्हें
बात इतनी तो जग को बता दीजिए 
हैं दुवाएँ प्रखर साथ माँ बाप की 
आप राहों में रोड़े लगा दीजिए 
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े  शीश चरणों में उनके झुका दीजिए  जख़्

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मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।। मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो । और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो । ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते - मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।। बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना । हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना । जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया - अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।। यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया । हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया । अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता - यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना ।
जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना ।
नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये-
यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।।

मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो ।
और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो ।
ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते -
मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।।

बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना ।
हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना ।
जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया -
अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।।

यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया ।
हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया ।
अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता -
यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये

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लाडकी बहिण योजना 😀😀 @pranali kawale @Kalpana Korgaonkar @Miss Anu.. thoughts @Deewani Bholenath ki प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे हसा आणि हसवा फनी

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"बदले की योजना – सियार गिरिश की चालाकी, रिंकू खरगोश की सच्चाई, और गोपाल हाथी की खतरनाक यात्रा" - जंगल में शांति और सौहार्द के बीच एक चालाक स

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"केके की सूझबूझ – हिंदी कहानियाँ, बच्चों की शिक्षाप्रद और नैतिक कहानी" - जंगल में आए भयंकर तूफान ने सबकुछ बदल दिया। जब जानवरों की ज़िंदगी मु

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"फाइनल मिशन - आखिरी चुनौती: Victory Unleashed" - कर्नल अर्जुन राय एक खतरनाक मिशन पर है, जहाँ लाखों लोगों की जान दांव पर लगी है। आतंकवादी संग

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ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े  शीश चरणों में उनके झुका दीजिए  जख़्म जितने सहे हैं तुम्हारे लिए  फूल दामन में उतने ख़िला दीजिए  बाप का फर्ज जो भूल पाये नही  मान सम्मान उनका बढ़ा दीजिए हैं बहन बेटियाँ सबकी साझीं यहाँ  बात बेटों को इतनी बता दीजिए  घर में आई बहू है हमारे नई  आप नज़रे न उसको लगा दीजिए  इस जहाँ में पिता परमेश्वर ही यहाँ । जाके चरणों में सब कुछ लुटा दीजिए  मोल जिनका यहाँ पर चुका ना सको  उनकी सेवा में जीवन बिता दीजिए  साथ लाये थे क्या जो हुआ दुख तुम्हें बात इतनी तो जग को बता दीजिए  हैं दुवाएँ प्रखर साथ माँ बाप की  आप राहों में रोड़े लगा दीजिए  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए ।
बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।।
थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े 
शीश चरणों में उनके झुका दीजिए 
जख़्म जितने सहे हैं तुम्हारे लिए 
फूल दामन में उतने ख़िला दीजिए 
बाप का फर्ज जो भूल पाये नही 
मान सम्मान उनका बढ़ा दीजिए
हैं बहन बेटियाँ सबकी साझीं यहाँ 
बात बेटों को इतनी बता दीजिए 
घर में आई बहू है हमारे नई 
आप नज़रे न उसको लगा दीजिए 
इस जहाँ में पिता परमेश्वर ही यहाँ ।
जाके चरणों में सब कुछ लुटा दीजिए 
मोल जिनका यहाँ पर चुका ना सको 
उनकी सेवा में जीवन बिता दीजिए 
साथ लाये थे क्या जो हुआ दुख तुम्हें
बात इतनी तो जग को बता दीजिए 
हैं दुवाएँ प्रखर साथ माँ बाप की 
आप राहों में रोड़े लगा दीजिए 
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े  शीश चरणों में उनके झुका दीजिए  जख़्

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मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।। मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो । और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो । ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते - मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।। बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना । हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना । जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया - अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।। यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया । हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया । अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता - यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना ।
जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना ।
नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये-
यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।।

मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो ।
और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो ।
ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते -
मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।।

बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना ।
हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना ।
जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया -
अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।।

यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया ।
हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया ।
अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता -
यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये

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