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New highschool of the dead Status, Photo, Video

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# The power of education ##

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White Dusk slithered in gently, noiselessly spread a sumptuous feast of orange, crimson and red. I basked in the glorious spread, But before I could fully relish the feast,it closed its wings and slept. ©Sangeeta Dey Roy

#Quotes  White Dusk slithered in gently, noiselessly 
spread a sumptuous feast 
of orange, crimson and red.
I basked in the glorious spread,
But before I could fully relish the feast,it closed its wings and slept.

©Sangeeta Dey Roy

# the colours of dusk

14 Love

White मनुष्य दूसरे के हृदय को विश्रांति कब दे सकता है? जब वह स्वयं स्थिर मति हो, प्रसन्न हो या शांत हो। जब वह स्वयं अशांत हो, उसका हृदय दग्ध हो, अचानक आई पीड़ा से क्षुब्ध हो, ईश्वर के न्याय से विश्वास डोल रहा हो और मन आखिरी खिन्न हो, तब वह कैसे किसी को सांत्वना दे,कैसे किसी को धीरज दे, कैसे कहे कि हर किसी की एक दिन यही गति होनी है, जो भी आया है उसे जाना है, मृत्यु की कोई नियत तिथि नहीं है, ना यह कालानुक्रम देखता है ना यह बड़े छोटे का भेद करता है। और मृत्यु हमेशा अचानक ही आती है,यह बताती नहीं की फलाने दिन, फलाना आदमी देवलोक गामी होगा। फिर भी मनुष्य निरंतर भविष्य का अलग अलग योजना बनाता है और जब जब प्रियजन की मृत्यु होती है , शमशान घाट में उसे क्षणिक ही सही वैराग्य उत्पन्न होता है ,यह तमाम दुनियावी प्रपंच उसे छलावा लगता है, जो की पानी के बुलबुले के समान हमेशा फूटने को तत्पर रहता है। ©Niwas

#विचार #sad_qoute #deadsoul #Death #dead  White मनुष्य दूसरे के हृदय को विश्रांति कब दे सकता है? जब वह स्वयं स्थिर मति हो, प्रसन्न हो या शांत हो। जब वह स्वयं अशांत हो, उसका हृदय दग्ध हो, अचानक आई पीड़ा से क्षुब्ध हो, ईश्वर के न्याय से विश्वास डोल रहा हो और मन आखिरी खिन्न हो, तब वह कैसे किसी को सांत्वना दे,कैसे किसी को धीरज दे, कैसे कहे कि हर किसी की एक दिन यही गति होनी है, जो भी आया है उसे जाना है, मृत्यु की कोई नियत तिथि नहीं है, ना यह  कालानुक्रम देखता है ना यह बड़े छोटे का भेद करता है। और मृत्यु हमेशा अचानक ही आती है,यह बताती नहीं की फलाने दिन, फलाना आदमी देवलोक गामी होगा। फिर भी मनुष्य निरंतर भविष्य का अलग अलग योजना बनाता है और जब जब प्रियजन की मृत्यु होती है , शमशान घाट में उसे क्षणिक ही सही वैराग्य उत्पन्न होता है ,यह तमाम दुनियावी प्रपंच उसे छलावा लगता है, जो की पानी के बुलबुले के समान हमेशा फूटने को तत्पर रहता है।

©Niwas

In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong ©Srinivas

#Quotes  In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong

©Srinivas

In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong.

15 Love

the legend munawwar of

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White कुछ रिश्तों को अगर सही वक़्त पर खुद से दूर करने की हिम्मत आजाय तो फिर कोई भी दर्द नासूर नहीं बन सकता... ©KK क्षत्राणी

#विचार #thought  White कुछ रिश्तों को अगर सही वक़्त पर
खुद से दूर करने की हिम्मत
आजाय तो फिर कोई भी 
दर्द नासूर नहीं बन सकता...

©KK क्षत्राणी

#thought of the day

25 Love

# The power of education ##

90 View

White Dusk slithered in gently, noiselessly spread a sumptuous feast of orange, crimson and red. I basked in the glorious spread, But before I could fully relish the feast,it closed its wings and slept. ©Sangeeta Dey Roy

#Quotes  White Dusk slithered in gently, noiselessly 
spread a sumptuous feast 
of orange, crimson and red.
I basked in the glorious spread,
But before I could fully relish the feast,it closed its wings and slept.

©Sangeeta Dey Roy

# the colours of dusk

14 Love

White मनुष्य दूसरे के हृदय को विश्रांति कब दे सकता है? जब वह स्वयं स्थिर मति हो, प्रसन्न हो या शांत हो। जब वह स्वयं अशांत हो, उसका हृदय दग्ध हो, अचानक आई पीड़ा से क्षुब्ध हो, ईश्वर के न्याय से विश्वास डोल रहा हो और मन आखिरी खिन्न हो, तब वह कैसे किसी को सांत्वना दे,कैसे किसी को धीरज दे, कैसे कहे कि हर किसी की एक दिन यही गति होनी है, जो भी आया है उसे जाना है, मृत्यु की कोई नियत तिथि नहीं है, ना यह कालानुक्रम देखता है ना यह बड़े छोटे का भेद करता है। और मृत्यु हमेशा अचानक ही आती है,यह बताती नहीं की फलाने दिन, फलाना आदमी देवलोक गामी होगा। फिर भी मनुष्य निरंतर भविष्य का अलग अलग योजना बनाता है और जब जब प्रियजन की मृत्यु होती है , शमशान घाट में उसे क्षणिक ही सही वैराग्य उत्पन्न होता है ,यह तमाम दुनियावी प्रपंच उसे छलावा लगता है, जो की पानी के बुलबुले के समान हमेशा फूटने को तत्पर रहता है। ©Niwas

#विचार #sad_qoute #deadsoul #Death #dead  White मनुष्य दूसरे के हृदय को विश्रांति कब दे सकता है? जब वह स्वयं स्थिर मति हो, प्रसन्न हो या शांत हो। जब वह स्वयं अशांत हो, उसका हृदय दग्ध हो, अचानक आई पीड़ा से क्षुब्ध हो, ईश्वर के न्याय से विश्वास डोल रहा हो और मन आखिरी खिन्न हो, तब वह कैसे किसी को सांत्वना दे,कैसे किसी को धीरज दे, कैसे कहे कि हर किसी की एक दिन यही गति होनी है, जो भी आया है उसे जाना है, मृत्यु की कोई नियत तिथि नहीं है, ना यह  कालानुक्रम देखता है ना यह बड़े छोटे का भेद करता है। और मृत्यु हमेशा अचानक ही आती है,यह बताती नहीं की फलाने दिन, फलाना आदमी देवलोक गामी होगा। फिर भी मनुष्य निरंतर भविष्य का अलग अलग योजना बनाता है और जब जब प्रियजन की मृत्यु होती है , शमशान घाट में उसे क्षणिक ही सही वैराग्य उत्पन्न होता है ,यह तमाम दुनियावी प्रपंच उसे छलावा लगता है, जो की पानी के बुलबुले के समान हमेशा फूटने को तत्पर रहता है।

©Niwas

In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong ©Srinivas

#Quotes  In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong

©Srinivas

In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong.

15 Love

the legend munawwar of

90 View

White कुछ रिश्तों को अगर सही वक़्त पर खुद से दूर करने की हिम्मत आजाय तो फिर कोई भी दर्द नासूर नहीं बन सकता... ©KK क्षत्राणी

#विचार #thought  White कुछ रिश्तों को अगर सही वक़्त पर
खुद से दूर करने की हिम्मत
आजाय तो फिर कोई भी 
दर्द नासूर नहीं बन सकता...

©KK क्षत्राणी

#thought of the day

25 Love

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