White स्थापना - शिवानी वर्मा
राम नाम का जप करो
ये थे पुरूषोत्तम त्यागी
वही बनो तुम शंकर जैसे
भस्म करदो त्रिनेत्रो से
जब बात हो स्त्री पे भारी।
बनो तुम रघुकुल के राजा राम
और बनो कैलाशी भोले भंडारी
करो स्त्री को इतना सक्षम
की दुरी बना कर रखे दुराचारी।
हो सद्भावना इतनी की
जूठा भी तुम्हें स्वीकार्य हो
पर प्रेम, मिठास और धैर्य
आदर, सम्मान की ही बात है।
भूल जाओ दुनिया को तुम शिव की भाती
जब पार्वती के तुम साथ हो
मत भूलो मात पिता की आज्ञा
भले ही तुम्हारे जीवन में संन्यास हो।
रक्षक बनो धर्म के, सत्य के, विजय के
भले ही कथिन प्रयास हो
स्वाभिमान को सर्वोपरि रखो तुम
जाने तुम कितनों की ही आस हो।
©Shivani Verma
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