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#विचार #RadheGovinda

#RadheGovinda भक्ति गीत गीत

144 View

White तू मेरी रवानी है तू मेरी कहानी है इस दिल में रहती तू मेरी रानी है। मैं सोच रहा तुझको इठलाती हस्ती में मेरे दिन और रात कुछ ऐसी मस्ती में तुझे हो अगर फुरसत आ जा एक पल को-२ धड़कन में बसती तू दिलबर जानी है। ©जयश्री_RAM

#गीत  White तू मेरी रवानी है तू मेरी कहानी है
इस दिल में रहती तू मेरी रानी है।

मैं सोच रहा तुझको इठलाती हस्ती में 
मेरे दिन और रात कुछ ऐसी मस्ती में 
तुझे हो अगर फुरसत आ जा एक पल को-२
धड़कन में बसती तू दिलबर जानी है।

©जयश्री_RAM

#गीत

18 Love

#वीडियो

कजरी तीज त्यौहार मनाया गया

117 View

#कविता #गीत  
अंग अंग है अभ्र सी आभा 
                 कंठ सुराहीदार..
चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
               मोह लियो संसार..

श्यामल श्यामल केश तुम्हारे 
पवन रही लिपटाय 
जैसे जनम जनम की प्यासी 
बिरहन राग लगाय
मस्त मस्त दो नयनकमल 
उनमे कजरे की धार 
तरस रहे हैं कब मिल जाये
एक झलक दीदार..
चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
मोह लियो संसार..

रंग गुलाबी लिये अधर जब 
तनक भरें मुस्कान 
सम्मोहन की कला दिखाकर 
घायल करे जहान 
जिस पथ को बढ़ जाओ तुम
हो लाखों दिल कुर्बान 
बाम गाल में इसीलिए तिल 
नज़र करे न वार..
चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
मोह लियो संसार..

बिन सोलह श्रृंगार तुम्हारा 
कंचन बदन कमाल 
नखशिख ऐसी शोभा तेरी 
नज़र पड़े वो निहाल 
एक तुम्हीं हो रुप की रानी 
बाकी सब कंगाल 
जिसको नज़र उठाकर देखो 
जीवन जाये हार..
चंद्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
मोह लियो संसार..

©अज्ञात

#गीत

243 View

#SAD  कहा कहा समेटु तुझे ये जिंदगी||

🍁

जहाँ जहाँ देखु बिखरी पड़ी है||

©geet

गीत

99 View

सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

#रक्षाबंधन #भक्ति #शिवजी #सावन  सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
#विचार #RadheGovinda

#RadheGovinda भक्ति गीत गीत

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White तू मेरी रवानी है तू मेरी कहानी है इस दिल में रहती तू मेरी रानी है। मैं सोच रहा तुझको इठलाती हस्ती में मेरे दिन और रात कुछ ऐसी मस्ती में तुझे हो अगर फुरसत आ जा एक पल को-२ धड़कन में बसती तू दिलबर जानी है। ©जयश्री_RAM

#गीत  White तू मेरी रवानी है तू मेरी कहानी है
इस दिल में रहती तू मेरी रानी है।

मैं सोच रहा तुझको इठलाती हस्ती में 
मेरे दिन और रात कुछ ऐसी मस्ती में 
तुझे हो अगर फुरसत आ जा एक पल को-२
धड़कन में बसती तू दिलबर जानी है।

©जयश्री_RAM

#गीत

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#वीडियो

कजरी तीज त्यौहार मनाया गया

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#कविता #गीत  
अंग अंग है अभ्र सी आभा 
                 कंठ सुराहीदार..
चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
               मोह लियो संसार..

श्यामल श्यामल केश तुम्हारे 
पवन रही लिपटाय 
जैसे जनम जनम की प्यासी 
बिरहन राग लगाय
मस्त मस्त दो नयनकमल 
उनमे कजरे की धार 
तरस रहे हैं कब मिल जाये
एक झलक दीदार..
चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
मोह लियो संसार..

रंग गुलाबी लिये अधर जब 
तनक भरें मुस्कान 
सम्मोहन की कला दिखाकर 
घायल करे जहान 
जिस पथ को बढ़ जाओ तुम
हो लाखों दिल कुर्बान 
बाम गाल में इसीलिए तिल 
नज़र करे न वार..
चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
मोह लियो संसार..

बिन सोलह श्रृंगार तुम्हारा 
कंचन बदन कमाल 
नखशिख ऐसी शोभा तेरी 
नज़र पड़े वो निहाल 
एक तुम्हीं हो रुप की रानी 
बाकी सब कंगाल 
जिसको नज़र उठाकर देखो 
जीवन जाये हार..
चंद्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
मोह लियो संसार..

©अज्ञात

#गीत

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#SAD  कहा कहा समेटु तुझे ये जिंदगी||

🍁

जहाँ जहाँ देखु बिखरी पड़ी है||

©geet

गीत

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सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

#रक्षाबंधन #भक्ति #शिवजी #सावन  सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
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