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White बस्तीके एक कोने मे अमन की तहरीर पढ़ी जा रहीं है और बस्ती के दूसरे कोने मे गोलियों की बारिश की जा रहीं है हमें तो लगता है कहीं ये अमन की बाते करने वाले खुद ही कोई फसादीं न हो ©Parasram Arora

 White 
बस्तीके एक कोने
 मे अमन की तहरीर
पढ़ी जा रहीं है 
और बस्ती के दूसरे 
कोने मे गोलियों की बारिश
की जा रहीं है 

हमें तो लगता है 
कहीं ये अमन की बाते 
करने वाले खुद ही  कोई
फसादीं  न हो

©Parasram Arora

अमन

16 Love

White मृत्यु भोज खाने तो सब आ जाते हैं, मृत्यु से पहले हाल पूछने नहीं आते। ©Pyare ji

#Sad_Status #Quotes  White मृत्यु भोज खाने तो सब आ जाते हैं,
मृत्यु से पहले हाल पूछने नहीं आते।

©Pyare ji

#Sad_Status @... @SIDDHARTH.SHENDE.sid "सीमा"अमन सिंह @pramodini Mohapatra @Sircastic Saurabh

30 Love

#कविता #love_shayari

#love_shayari जहां सावन की कजली ना हो

207 View

#Videos

लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है

180 View

सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

#रक्षाबंधन #भक्ति #शिवजी #सावन  सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
 कंहा गया
वो सावन। 
पेड़ की टहनी पर डाल कर झूला
अकेले ही झूला, झूला हमने
न डर, न खोफ़ था, बेफिक्री थी। 
आज डर है, 
मेरी पैदाईश, मेरे पालन का, 
क्या झूलूं, कंहा झूलू
अब, कौन से सावन मे, 
अब, हर नज़र ललचाई, 
हर मन, हवस समाई, 
मुझे सिर्फ 'सामान' जानता है
हवस मिटाने का मकान मानता है

©arvind bhanwra ambala. India

कंहा गया वो सावन

144 View

White बस्तीके एक कोने मे अमन की तहरीर पढ़ी जा रहीं है और बस्ती के दूसरे कोने मे गोलियों की बारिश की जा रहीं है हमें तो लगता है कहीं ये अमन की बाते करने वाले खुद ही कोई फसादीं न हो ©Parasram Arora

 White 
बस्तीके एक कोने
 मे अमन की तहरीर
पढ़ी जा रहीं है 
और बस्ती के दूसरे 
कोने मे गोलियों की बारिश
की जा रहीं है 

हमें तो लगता है 
कहीं ये अमन की बाते 
करने वाले खुद ही  कोई
फसादीं  न हो

©Parasram Arora

अमन

16 Love

White मृत्यु भोज खाने तो सब आ जाते हैं, मृत्यु से पहले हाल पूछने नहीं आते। ©Pyare ji

#Sad_Status #Quotes  White मृत्यु भोज खाने तो सब आ जाते हैं,
मृत्यु से पहले हाल पूछने नहीं आते।

©Pyare ji

#Sad_Status @... @SIDDHARTH.SHENDE.sid "सीमा"अमन सिंह @pramodini Mohapatra @Sircastic Saurabh

30 Love

#कविता #love_shayari

#love_shayari जहां सावन की कजली ना हो

207 View

#Videos

लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है

180 View

सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

#रक्षाबंधन #भक्ति #शिवजी #सावन  सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
 कंहा गया
वो सावन। 
पेड़ की टहनी पर डाल कर झूला
अकेले ही झूला, झूला हमने
न डर, न खोफ़ था, बेफिक्री थी। 
आज डर है, 
मेरी पैदाईश, मेरे पालन का, 
क्या झूलूं, कंहा झूलू
अब, कौन से सावन मे, 
अब, हर नज़र ललचाई, 
हर मन, हवस समाई, 
मुझे सिर्फ 'सामान' जानता है
हवस मिटाने का मकान मानता है

©arvind bhanwra ambala. India

कंहा गया वो सावन

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