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White "नदियाँ" स्त्रीलिंग क्यों? "सागर" पुल्लिंग क्यों? ये समझ गए तो स्त्री और पुरुष के मन को समझ जाओगे.. ©Sumit Kumar

 White "नदियाँ" स्त्रीलिंग क्यों?

"सागर" पुल्लिंग क्यों?

ये समझ गए तो

 स्त्री और पुरुष के मन को समझ जाओगे..

©Sumit Kumar

तू धार है नदियाँ की मैं तेरा किनारा हूँ..

18 Love

#hindisongs #moviesongs #Trending #oldsong #Hindi

नदिया किनारे हेराई आई | Abhimaan -(1973) | Stars - Amitabh Bachchan , Jaya Bhaduri | Singer - Lata Mangeshkar | Music By - Sachin Dev Burma

153 View

#कविता #jaishreekrishna

#jaishreekrishna छोटी-छोटी नदियां

261 View

#वीडियो #Trending #viral

नदीम अशरफ के गोल्ड मैडल से पिछड़ा भारत #nojoto #viral #Trending

135 View

Black ‘घर’ सा बनकर आना... हर कोई यहां नदी सा है जहां कोई हमेशा के लिए ठहर नही सकता ... मगर जो हमेशा स्थिर रह सके तुम मेरे लिए एक घर जैसे बन जाना! आज साथ हैं पर कल का पता नही ये बहती हुई किसी नदी के समान ही हैं... मगर तुम आना तो कुछ इस तरह कोई ‘घर’ सा बन कर आना.... मैं सुकून की तलाश में कहीं जाना चाहूं और तुम ‘घर’ की तरह मुझे याद आना! ©Pallavi Mamgain

#कविता #नदी #Thinking #घर  Black 
                  ‘घर’ सा बनकर आना...


हर कोई यहां नदी सा है
जहां कोई हमेशा के लिए ठहर नही सकता ...
मगर जो हमेशा स्थिर रह सके
तुम मेरे लिए एक घर जैसे  बन जाना!

आज साथ हैं पर कल का पता नही
ये बहती हुई किसी नदी के समान ही हैं...
मगर तुम आना तो कुछ इस तरह 
कोई ‘घर’ सा बन कर आना....
मैं सुकून की तलाश में कहीं जाना चाहूं
और तुम ‘घर’ की तरह  मुझे याद आना!

©Pallavi Mamgain

तुम ‘नदी’ नही , ‘घर’ सा बनकर आना poetry, love , ghar, nadi #Thinking #घर #नदी प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता कविता

18 Love

#नदी_किनारे #Nadi_kinare  नदी किनारे 

नदी किनारे बैठा मैं
अविरल उसको देख रहा था
उसकी बहती धारा में मैं
साया अपना खोज रहा था
दिख न रहा था मुझे उसमें
किंचित भी अपना साया
उसकी बहती धारा में मैं
ऐसा विचारों में खोया
कर रही थी मार्गदर्शन ये
मकसद था मुझे समझाना
यूंँ ही चलते रहना जीवन में
नहीं तुम कभी भी रुक जाना
रुक गए यदि जीवन में
चित्त दूषित हो जाएगा
कई विकार उत्पन्न होंगे
और जीवन नष्ट हो जाएगा
मुझे देखो और सीखो लगन से
मेरा अविरल बहना ही तुमको समझाएगा
कांँटे बहुत हैं राहों में
इस पर चल कर ही मंजिल पाएगा
...................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

White "नदियाँ" स्त्रीलिंग क्यों? "सागर" पुल्लिंग क्यों? ये समझ गए तो स्त्री और पुरुष के मन को समझ जाओगे.. ©Sumit Kumar

 White "नदियाँ" स्त्रीलिंग क्यों?

"सागर" पुल्लिंग क्यों?

ये समझ गए तो

 स्त्री और पुरुष के मन को समझ जाओगे..

©Sumit Kumar

तू धार है नदियाँ की मैं तेरा किनारा हूँ..

18 Love

#hindisongs #moviesongs #Trending #oldsong #Hindi

नदिया किनारे हेराई आई | Abhimaan -(1973) | Stars - Amitabh Bachchan , Jaya Bhaduri | Singer - Lata Mangeshkar | Music By - Sachin Dev Burma

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#कविता #jaishreekrishna

#jaishreekrishna छोटी-छोटी नदियां

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#वीडियो #Trending #viral

नदीम अशरफ के गोल्ड मैडल से पिछड़ा भारत #nojoto #viral #Trending

135 View

Black ‘घर’ सा बनकर आना... हर कोई यहां नदी सा है जहां कोई हमेशा के लिए ठहर नही सकता ... मगर जो हमेशा स्थिर रह सके तुम मेरे लिए एक घर जैसे बन जाना! आज साथ हैं पर कल का पता नही ये बहती हुई किसी नदी के समान ही हैं... मगर तुम आना तो कुछ इस तरह कोई ‘घर’ सा बन कर आना.... मैं सुकून की तलाश में कहीं जाना चाहूं और तुम ‘घर’ की तरह मुझे याद आना! ©Pallavi Mamgain

#कविता #नदी #Thinking #घर  Black 
                  ‘घर’ सा बनकर आना...


हर कोई यहां नदी सा है
जहां कोई हमेशा के लिए ठहर नही सकता ...
मगर जो हमेशा स्थिर रह सके
तुम मेरे लिए एक घर जैसे  बन जाना!

आज साथ हैं पर कल का पता नही
ये बहती हुई किसी नदी के समान ही हैं...
मगर तुम आना तो कुछ इस तरह 
कोई ‘घर’ सा बन कर आना....
मैं सुकून की तलाश में कहीं जाना चाहूं
और तुम ‘घर’ की तरह  मुझे याद आना!

©Pallavi Mamgain

तुम ‘नदी’ नही , ‘घर’ सा बनकर आना poetry, love , ghar, nadi #Thinking #घर #नदी प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता कविता

18 Love

#नदी_किनारे #Nadi_kinare  नदी किनारे 

नदी किनारे बैठा मैं
अविरल उसको देख रहा था
उसकी बहती धारा में मैं
साया अपना खोज रहा था
दिख न रहा था मुझे उसमें
किंचित भी अपना साया
उसकी बहती धारा में मैं
ऐसा विचारों में खोया
कर रही थी मार्गदर्शन ये
मकसद था मुझे समझाना
यूंँ ही चलते रहना जीवन में
नहीं तुम कभी भी रुक जाना
रुक गए यदि जीवन में
चित्त दूषित हो जाएगा
कई विकार उत्पन्न होंगे
और जीवन नष्ट हो जाएगा
मुझे देखो और सीखो लगन से
मेरा अविरल बहना ही तुमको समझाएगा
कांँटे बहुत हैं राहों में
इस पर चल कर ही मंजिल पाएगा
...................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit
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