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#वीडियो #युवा

#युवा कांग्रेस के नेता धीरज सिंह ने मांगे कामरेड ओमप्रकाश को जिताने की करी अपील

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#बीजेपी #वीडियो #चुनाव #देखिए #किसका

#बीजेपी की पहली सूची जारी #देखिए किसको मिली टिकट #किसका हुआ पत्ता साफ #चुनाव अपडेट

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#पत्ता #शायरी #शबनमी #sad_shayari #हवा #शाख  White गिरा जो शाख से पत्ता कोई 
हवा भी शबनमी हो रो पड़ी

©Saba Rasheed
#पत्ता #Motivational #sad_shayari #pujaudeshi #डाल  White सूखा पत्ता कभी हरा नहीं हो सकता,मरा इंसान कभी जिन्दा नहीं हो सकता, जो जन्मा हैं वो मरेगा ही, जो शरीर उसका हैं वो भी उसका नहीं 
कुछ ले जा भी नहीं सकता, और जीते जी हाए 
तौबा मचाता हैं उसे चालाकी और छल ही आता 
हैं, हरा पत्ता डाल पर जब लहरता था तो उसे अपने पर बहुत घमंड था पर जब डाल ने झाड़ 
दिया उसे तो गुलाटी खा ज़मीन पर आ धमका 
मिट्टी मे मिलने के लिए, कोई फर्क नहीं इंसान और पत्ते मे हाँ ना......

©PФФJД ЦDΞSHI

White ग़ज़ल :- इश्क़ की छाई अब खुमारी है  रात करवट भरी गुजारी है  सबने बोला बड़ी बिमारी है माँ ने फिर भी नज़र उतारी है  फूल आयेंगे एक दिन सुंदर  बागबाँ ने करी तैयारी है  चाँद कुछ भी न आसमां में अब  उससे प्यारी जमीं हमारी है  कैसे करता गिला रकीबों से  हाथ उनके दिखी कटारी है  जुल्म़ सहना समाज के हँसकर  आज इंसान की लाचारी है  लोग कहते हैं राहबर जिसको  वो हक़ीक़त में इक शिकारी है लाज़ आती नहीं प्रखर उसको  ऐसा लगता बड़ा भिखारी है  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-
इश्क़ की छाई अब खुमारी है 
रात करवट भरी गुजारी है 
सबने बोला बड़ी बिमारी है
माँ ने फिर भी नज़र उतारी है 
फूल आयेंगे एक दिन सुंदर 
बागबाँ ने करी तैयारी है 
चाँद कुछ भी न आसमां में अब 
उससे प्यारी जमीं हमारी है 
कैसे करता गिला रकीबों से 
हाथ उनके दिखी कटारी है 
जुल्म़ सहना समाज के हँसकर 
आज इंसान की लाचारी है 
लोग कहते हैं राहबर जिसको 
वो हक़ीक़त में इक शिकारी है
लाज़ आती नहीं प्रखर उसको 
ऐसा लगता बड़ा भिखारी है 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- इश्क़ की छाई अब खुमारी है  रात करवट भरी गुजारी है  सबने बोला बड़ी बिमारी है माँ ने फिर भी नज़र उतारी है  फूल आयेंगे एक दिन सुंदर  बागबाँ

15 Love

#मोटिवेशनल  White बारिश की छोटी-सी बूंद 
चांदी जैसी चमक रही है,
पत्ते पर गिरकर स्वयं को
भाग्यशाली कह रही है।
वह सोच रही है
कि अभी मेरा वजूद जिंदा है,
मेरा दिल सूखे पत्ते 
पर फिदा है।
मैं मिट्टी में मिलने से बच गई,
खुशी मन में समा गई।
आसमान से गिरी
और धरती पर आ गई,
पहले पहल मैं घबरा गई,
हताशा मन से भाग गई।
धन्यवाद ऊपर वाले को देती हूं,
जीवन में हार न मानो 
ये सबको कहती हूं।

©Shishpal Chauhan

# पानी की बूंद _ और पत्ता

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#वीडियो #युवा

#युवा कांग्रेस के नेता धीरज सिंह ने मांगे कामरेड ओमप्रकाश को जिताने की करी अपील

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#बीजेपी #वीडियो #चुनाव #देखिए #किसका

#बीजेपी की पहली सूची जारी #देखिए किसको मिली टिकट #किसका हुआ पत्ता साफ #चुनाव अपडेट

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#पत्ता #शायरी #शबनमी #sad_shayari #हवा #शाख  White गिरा जो शाख से पत्ता कोई 
हवा भी शबनमी हो रो पड़ी

©Saba Rasheed
#पत्ता #Motivational #sad_shayari #pujaudeshi #डाल  White सूखा पत्ता कभी हरा नहीं हो सकता,मरा इंसान कभी जिन्दा नहीं हो सकता, जो जन्मा हैं वो मरेगा ही, जो शरीर उसका हैं वो भी उसका नहीं 
कुछ ले जा भी नहीं सकता, और जीते जी हाए 
तौबा मचाता हैं उसे चालाकी और छल ही आता 
हैं, हरा पत्ता डाल पर जब लहरता था तो उसे अपने पर बहुत घमंड था पर जब डाल ने झाड़ 
दिया उसे तो गुलाटी खा ज़मीन पर आ धमका 
मिट्टी मे मिलने के लिए, कोई फर्क नहीं इंसान और पत्ते मे हाँ ना......

©PФФJД ЦDΞSHI

White ग़ज़ल :- इश्क़ की छाई अब खुमारी है  रात करवट भरी गुजारी है  सबने बोला बड़ी बिमारी है माँ ने फिर भी नज़र उतारी है  फूल आयेंगे एक दिन सुंदर  बागबाँ ने करी तैयारी है  चाँद कुछ भी न आसमां में अब  उससे प्यारी जमीं हमारी है  कैसे करता गिला रकीबों से  हाथ उनके दिखी कटारी है  जुल्म़ सहना समाज के हँसकर  आज इंसान की लाचारी है  लोग कहते हैं राहबर जिसको  वो हक़ीक़त में इक शिकारी है लाज़ आती नहीं प्रखर उसको  ऐसा लगता बड़ा भिखारी है  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-
इश्क़ की छाई अब खुमारी है 
रात करवट भरी गुजारी है 
सबने बोला बड़ी बिमारी है
माँ ने फिर भी नज़र उतारी है 
फूल आयेंगे एक दिन सुंदर 
बागबाँ ने करी तैयारी है 
चाँद कुछ भी न आसमां में अब 
उससे प्यारी जमीं हमारी है 
कैसे करता गिला रकीबों से 
हाथ उनके दिखी कटारी है 
जुल्म़ सहना समाज के हँसकर 
आज इंसान की लाचारी है 
लोग कहते हैं राहबर जिसको 
वो हक़ीक़त में इक शिकारी है
लाज़ आती नहीं प्रखर उसको 
ऐसा लगता बड़ा भिखारी है 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- इश्क़ की छाई अब खुमारी है  रात करवट भरी गुजारी है  सबने बोला बड़ी बिमारी है माँ ने फिर भी नज़र उतारी है  फूल आयेंगे एक दिन सुंदर  बागबाँ

15 Love

#मोटिवेशनल  White बारिश की छोटी-सी बूंद 
चांदी जैसी चमक रही है,
पत्ते पर गिरकर स्वयं को
भाग्यशाली कह रही है।
वह सोच रही है
कि अभी मेरा वजूद जिंदा है,
मेरा दिल सूखे पत्ते 
पर फिदा है।
मैं मिट्टी में मिलने से बच गई,
खुशी मन में समा गई।
आसमान से गिरी
और धरती पर आ गई,
पहले पहल मैं घबरा गई,
हताशा मन से भाग गई।
धन्यवाद ऊपर वाले को देती हूं,
जीवन में हार न मानो 
ये सबको कहती हूं।

©Shishpal Chauhan

# पानी की बूंद _ और पत्ता

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