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New आशूरा की नमाज़ कैसे पढ़े Status, Photo, Video

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कैसे सँवार लूं आज फ़िर अपने लम्हों को मैं, महज़ तसव्वुर करते ही तुम्हारे साथ गुज़रा हर मंज़र याद आता है…!!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha

 कैसे सँवार लूं
आज फ़िर अपने लम्हों को मैं,
महज़ तसव्वुर करते ही
तुम्हारे साथ गुज़रा
हर मंज़र याद आता है…!!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha

कैसे...

13 Love

White खुदा और ईश्वर के नाम पर. कितने खून खराबे हुए और कितने उनके मुरीद और भगत नारे गाये उन्हें कैसे गिना जाए क्योंकि मरने के बाद कैसे पता लगे कौनसी लाश किस मजहब किस धर्म की थी और उन्हें किस आधार पर अलग अलग़ रखा जाय ©Parasram Arora

#कविता  White खुदा और ईश्वर के नाम पर.
कितने खून खराबे हुए और कितने 
उनके मुरीद और भगत  नारे गाये 
उन्हें कैसे गिना जाए

क्योंकि मरने के बाद  कैसे पता लगे कौनसी लाश किस मजहब किस धर्म की  थी 
और उन्हें किस आधार पर अलग  अलग़ रखा जाय

©Parasram Arora

कैसे गिना जाय?

12 Love

कैसे कैसे लोग यहां पर है 😂😂

126 View

#शायरी #Motivational #Trending #shayri #status

🤷 तो सुकून से नमाज़ पढ़ो...🤔💗 #New #shayri #Motivational #Trending #status #viral #Nojoto #Stars

171 View

#गुजारिश  White पन्ने पसंद नहीं आते कोरे मुझको, 
मुझे लिखावटों में तैरती स्याही पसंद है, 

पन्ने पसंद नहीं आते कोरे मुझको, 
मुझे लिखावटों में तैरती स्याही पसंद है,

और अच्छे नहीं लगते मुझे भीड़ के बिना पढ़े हुए लाइक्स,
और अच्छे नहीं लगते मुझे भीड़ के बिना पढ़े हुए लाइक्स,


 मुझे पढ़कर लाइक करने वालों की वाहवाही पसंद है,

©Pankaj Pahwa

#गुजारिश बिना पढ़े पोस्ट लाइक ना करें

1,800 View

#यौमे आशूरा ऊंटों की नंगी पीठ पर सवार थी सय्येदात खंजर दिखा दिखाकर डराता था उन्हें जल्लाद।। गले में टोंक,थी पैरों में बेड़ियां मजलूम इमामेअबा खड़े थे सर झुका।। बेकसूर थे मासूम,सारे शोहोदा हंसते थे जालिम कर करके अधमरा।। चलाया हरम ए शब्बीर भरे बाजार ए शाम बेपरदा दरबार ए यजीद खड़े किए,’मोहसिन’ बांधे रसन सबको तन्हां।। आया मदीना लुट कर जब काफिला ए शहंशाह यजीदियत को रौंदकर हुसैनियत थी मरहबा।। ✍️✍️मुर्तजा’मोहसिन’ ©Murtaza Ali

#यौमे  #यौमे आशूरा
ऊंटों की नंगी पीठ पर सवार थी सय्येदात 
खंजर दिखा दिखाकर डराता था उन्हें जल्लाद।।
गले में टोंक,थी पैरों में बेड़ियां
मजलूम इमामेअबा खड़े थे सर झुका।।
बेकसूर थे मासूम,सारे शोहोदा
हंसते थे जालिम कर करके अधमरा।।
चलाया हरम ए शब्बीर
भरे बाजार ए शाम बेपरदा 
दरबार ए यजीद खड़े किए,’मोहसिन’
बांधे रसन सबको तन्हां।।
आया मदीना लुट कर 
जब काफिला ए शहंशाह
यजीदियत को रौंदकर 
हुसैनियत थी मरहबा।।
✍️✍️मुर्तजा’मोहसिन’

©Murtaza Ali

# यौमे आशूरा

15 Love

कैसे सँवार लूं आज फ़िर अपने लम्हों को मैं, महज़ तसव्वुर करते ही तुम्हारे साथ गुज़रा हर मंज़र याद आता है…!!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha

 कैसे सँवार लूं
आज फ़िर अपने लम्हों को मैं,
महज़ तसव्वुर करते ही
तुम्हारे साथ गुज़रा
हर मंज़र याद आता है…!!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha

कैसे...

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White खुदा और ईश्वर के नाम पर. कितने खून खराबे हुए और कितने उनके मुरीद और भगत नारे गाये उन्हें कैसे गिना जाए क्योंकि मरने के बाद कैसे पता लगे कौनसी लाश किस मजहब किस धर्म की थी और उन्हें किस आधार पर अलग अलग़ रखा जाय ©Parasram Arora

#कविता  White खुदा और ईश्वर के नाम पर.
कितने खून खराबे हुए और कितने 
उनके मुरीद और भगत  नारे गाये 
उन्हें कैसे गिना जाए

क्योंकि मरने के बाद  कैसे पता लगे कौनसी लाश किस मजहब किस धर्म की  थी 
और उन्हें किस आधार पर अलग  अलग़ रखा जाय

©Parasram Arora

कैसे गिना जाय?

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कैसे कैसे लोग यहां पर है 😂😂

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#शायरी #Motivational #Trending #shayri #status

🤷 तो सुकून से नमाज़ पढ़ो...🤔💗 #New #shayri #Motivational #Trending #status #viral #Nojoto #Stars

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#गुजारिश  White पन्ने पसंद नहीं आते कोरे मुझको, 
मुझे लिखावटों में तैरती स्याही पसंद है, 

पन्ने पसंद नहीं आते कोरे मुझको, 
मुझे लिखावटों में तैरती स्याही पसंद है,

और अच्छे नहीं लगते मुझे भीड़ के बिना पढ़े हुए लाइक्स,
और अच्छे नहीं लगते मुझे भीड़ के बिना पढ़े हुए लाइक्स,


 मुझे पढ़कर लाइक करने वालों की वाहवाही पसंद है,

©Pankaj Pahwa

#गुजारिश बिना पढ़े पोस्ट लाइक ना करें

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#यौमे आशूरा ऊंटों की नंगी पीठ पर सवार थी सय्येदात खंजर दिखा दिखाकर डराता था उन्हें जल्लाद।। गले में टोंक,थी पैरों में बेड़ियां मजलूम इमामेअबा खड़े थे सर झुका।। बेकसूर थे मासूम,सारे शोहोदा हंसते थे जालिम कर करके अधमरा।। चलाया हरम ए शब्बीर भरे बाजार ए शाम बेपरदा दरबार ए यजीद खड़े किए,’मोहसिन’ बांधे रसन सबको तन्हां।। आया मदीना लुट कर जब काफिला ए शहंशाह यजीदियत को रौंदकर हुसैनियत थी मरहबा।। ✍️✍️मुर्तजा’मोहसिन’ ©Murtaza Ali

#यौमे  #यौमे आशूरा
ऊंटों की नंगी पीठ पर सवार थी सय्येदात 
खंजर दिखा दिखाकर डराता था उन्हें जल्लाद।।
गले में टोंक,थी पैरों में बेड़ियां
मजलूम इमामेअबा खड़े थे सर झुका।।
बेकसूर थे मासूम,सारे शोहोदा
हंसते थे जालिम कर करके अधमरा।।
चलाया हरम ए शब्बीर
भरे बाजार ए शाम बेपरदा 
दरबार ए यजीद खड़े किए,’मोहसिन’
बांधे रसन सबको तन्हां।।
आया मदीना लुट कर 
जब काफिला ए शहंशाह
यजीदियत को रौंदकर 
हुसैनियत थी मरहबा।।
✍️✍️मुर्तजा’मोहसिन’

©Murtaza Ali

# यौमे आशूरा

15 Love

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