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White #मौका_छूट_गया इस साल और अधिक अहित हुआ, सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ और बुरी तरह टूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** **** **** **** **** यह देख दोबारा कविता करीब आई, अनुभूत करता रहा जिसकी गहराई, जिसका दिल मेरा मन लूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** **** **** **** **** अतः आज और अधिक हो गया है कठिन काम, यह देख दिल बहला रहा था अक्षरधाम कि मदहोशी का मटका फूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni

#मौका_छूट_गया #कविता  White #मौका_छूट_गया
इस साल और अधिक अहित हुआ,
सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ 
और बुरी तरह टूट गया।
कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।।
****    ****    ****    ****    ****
यह देख दोबारा कविता करीब आई,
अनुभूत करता रहा जिसकी गहराई, 
जिसका दिल मेरा मन लूट गया।
कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।।
****    ****    ****    ****    ****
अतः आज और अधिक हो गया है कठिन काम,
यह देख दिल बहला रहा था अक्षरधाम 
कि मदहोशी का मटका फूट गया।
कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।।
                                     ...✍️विकास साहनी

©Vikas Sahni

#मौका_छूट_गया इस साल और अधिक अहित हुआ, सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ और बुरी तरह टूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** ****

19 Love

#SAD  पानी सर से ऊपर चला जाता हैं तब पाप का घड़ा फूट ही जाता हैं जो भी इस medical college मे काण्ड हो रहे थे उसका पर्दा फाश होना ही था, गलत रास्ता सही मंजिल पर नहीं पहुँचाता और जो इसका विरोध करते हैं उन्हें खामोश कर दिया जाता हैं हमेशा के लिए यही मोमिता दास ट्रेनि dr के साथ हुआ 
उस क़ो चुप करवा दिया हमेशा के लिए, सोचा होगा बच जाऐगे, क्यो कि जो सालो से नहीं पकडे गए उनका कोई क्या बिगाड़ लेगा, यही सोच कर ही ये crime हुआ, एक sanjay नहीं और भी डॉक्टर शामिल हैं जिन्होंने मिल कर मारा dr क़ो और बहुत यातना दी कि सुन कर ही दिल काँप उठे कैसे कोई इतना निर्मिम हो सकता हैं, पर नशा और खुदक ये दो चीज इंसान क़ो वहशी बना देती हैं कोई होश मे इतनी हिम्मत नहीं कर सकता, कलेजा चाहिए किसी क़ो मारने क़ो, और एक लड़की और ज्यादा मर्द कैसे अपने आप क़ो बचाती, जितना चोट मिली उसको उतना वो संघर्ष कि अपने आप क़ो बचाने की खातिर, सब पकडे जाऐगे देखना, भगवान हैं तो एक एक क़ो सजा मिलेगी तभी उस dr की आत्मा क़ो शांति मिलेगी rip 🙏🏻ओम शांति 👆🏻🥹

©puja udeshi

पानी सर से ऊपर चला जाता हैं तब पाप का घड़ा फूट ही जाता हैं जो भी इस medical college मे काण्ड हो रहे थे उसका पर्दा फाश होना ही था, गलत रास्ता

252 View

#SAD  White लोग लड़ते है मिलने के खातिर 
अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है 
जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी 
भूल नही पाउँगा वो लम्हा जब तुमने 
दिल की धड़कने सुनाई थी

ये बिछड़ना-मिलना यह तो शायद मोहब्बत है 
अपने प्यार को वो दे देना जिसकी उसको जरूरत है 
हम दोनों थे कैद कही अपनी समझ की सलाखों में 
तुमने ऐसा रिहा किया खुद आज़ादी शर्मायी थी 

जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी 
मिलेंगे हम ये वादा है रोज रात को चाँद के जरिये 
मैं भेजूंगा पैगाम तुझे इस बहती हवा के जरिये 
साथ रहेंगे एक सोच के जरिये नाजुक नाजुक यादों में 
तुम कहना एक ज़िद्दी पडोसी अपने घर भी आया था
 
लोग लड़ते है मिलने के खातिर 
अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है 
चलो बहुत हुआ अब चुप रहूँगा चुपी में मज़मून है 
ज्यादा तुम जैसा बनना कहूँगा बस मेरा इतना ही है वादा
इससे ज्यादा कहूंगा कुछ तो फूट पड़ेगी रुलाई भी 

लोग लड़ते है मिलने के खातिर 
अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है 
जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी

©Naveen

लोग लड़ते है मिलने के खातिर  अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है  जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी  भूल नही पाउँगा वो लम्हा जब तुमने 

342 View

ग़ज़ल :- अब नहीं हमसे ये नफ़रत होगी  जानकर तुमको भी  हैरत होगी  थूककर चाटने वाले हो तुम तुममें क्या कहने की हिम्मत होगी  फूट घर में डालने की मेरे । मेरे अपनों की ही आदत होगी  होंठ सिल लोगे सभी के सब फिर नाम जो उनके वसीयत होगी  हर तरफ़ चर्चा इसी का होगा  की हमें उनसे मुहब्बत होगी  लूट लेंगे हमें जलवे तेरे उनमें कोई न मुरव्वत होगी  इक दफ़ा देख प्रखर को मुड़कर  क्या पता जीने की हसरत होगी      -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
अब नहीं हमसे ये नफ़रत होगी 
जानकर तुमको भी  हैरत होगी 

थूककर चाटने वाले हो तुम
तुममें क्या कहने की हिम्मत होगी 

फूट घर में डालने की मेरे ।
मेरे अपनों की ही आदत होगी 

होंठ सिल लोगे सभी के सब फिर
नाम जो उनके वसीयत होगी 

हर तरफ़ चर्चा इसी का होगा 
की हमें उनसे मुहब्बत होगी 

लूट लेंगे हमें जलवे तेरे
उनमें कोई न मुरव्वत होगी 

इक दफ़ा देख प्रखर को मुड़कर 
क्या पता जीने की हसरत होगी 
    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- अब नहीं हमसे ये नफ़रत होगी  जानकर तुमको भी  हैरत होगी  थूककर चाटने वाले हो तुम तुममें क्या कहने की हिम्मत होगी  फूट घर में डालने की

8 Love

White #मौका_छूट_गया इस साल और अधिक अहित हुआ, सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ और बुरी तरह टूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** **** **** **** **** यह देख दोबारा कविता करीब आई, अनुभूत करता रहा जिसकी गहराई, जिसका दिल मेरा मन लूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** **** **** **** **** अतः आज और अधिक हो गया है कठिन काम, यह देख दिल बहला रहा था अक्षरधाम कि मदहोशी का मटका फूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni

#मौका_छूट_गया #कविता  White #मौका_छूट_गया
इस साल और अधिक अहित हुआ,
सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ 
और बुरी तरह टूट गया।
कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।।
****    ****    ****    ****    ****
यह देख दोबारा कविता करीब आई,
अनुभूत करता रहा जिसकी गहराई, 
जिसका दिल मेरा मन लूट गया।
कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।।
****    ****    ****    ****    ****
अतः आज और अधिक हो गया है कठिन काम,
यह देख दिल बहला रहा था अक्षरधाम 
कि मदहोशी का मटका फूट गया।
कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।।
                                     ...✍️विकास साहनी

©Vikas Sahni

#मौका_छूट_गया इस साल और अधिक अहित हुआ, सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ और बुरी तरह टूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** ****

19 Love

#SAD  पानी सर से ऊपर चला जाता हैं तब पाप का घड़ा फूट ही जाता हैं जो भी इस medical college मे काण्ड हो रहे थे उसका पर्दा फाश होना ही था, गलत रास्ता सही मंजिल पर नहीं पहुँचाता और जो इसका विरोध करते हैं उन्हें खामोश कर दिया जाता हैं हमेशा के लिए यही मोमिता दास ट्रेनि dr के साथ हुआ 
उस क़ो चुप करवा दिया हमेशा के लिए, सोचा होगा बच जाऐगे, क्यो कि जो सालो से नहीं पकडे गए उनका कोई क्या बिगाड़ लेगा, यही सोच कर ही ये crime हुआ, एक sanjay नहीं और भी डॉक्टर शामिल हैं जिन्होंने मिल कर मारा dr क़ो और बहुत यातना दी कि सुन कर ही दिल काँप उठे कैसे कोई इतना निर्मिम हो सकता हैं, पर नशा और खुदक ये दो चीज इंसान क़ो वहशी बना देती हैं कोई होश मे इतनी हिम्मत नहीं कर सकता, कलेजा चाहिए किसी क़ो मारने क़ो, और एक लड़की और ज्यादा मर्द कैसे अपने आप क़ो बचाती, जितना चोट मिली उसको उतना वो संघर्ष कि अपने आप क़ो बचाने की खातिर, सब पकडे जाऐगे देखना, भगवान हैं तो एक एक क़ो सजा मिलेगी तभी उस dr की आत्मा क़ो शांति मिलेगी rip 🙏🏻ओम शांति 👆🏻🥹

©puja udeshi

पानी सर से ऊपर चला जाता हैं तब पाप का घड़ा फूट ही जाता हैं जो भी इस medical college मे काण्ड हो रहे थे उसका पर्दा फाश होना ही था, गलत रास्ता

252 View

#SAD  White लोग लड़ते है मिलने के खातिर 
अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है 
जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी 
भूल नही पाउँगा वो लम्हा जब तुमने 
दिल की धड़कने सुनाई थी

ये बिछड़ना-मिलना यह तो शायद मोहब्बत है 
अपने प्यार को वो दे देना जिसकी उसको जरूरत है 
हम दोनों थे कैद कही अपनी समझ की सलाखों में 
तुमने ऐसा रिहा किया खुद आज़ादी शर्मायी थी 

जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी 
मिलेंगे हम ये वादा है रोज रात को चाँद के जरिये 
मैं भेजूंगा पैगाम तुझे इस बहती हवा के जरिये 
साथ रहेंगे एक सोच के जरिये नाजुक नाजुक यादों में 
तुम कहना एक ज़िद्दी पडोसी अपने घर भी आया था
 
लोग लड़ते है मिलने के खातिर 
अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है 
चलो बहुत हुआ अब चुप रहूँगा चुपी में मज़मून है 
ज्यादा तुम जैसा बनना कहूँगा बस मेरा इतना ही है वादा
इससे ज्यादा कहूंगा कुछ तो फूट पड़ेगी रुलाई भी 

लोग लड़ते है मिलने के खातिर 
अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है 
जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी

©Naveen

लोग लड़ते है मिलने के खातिर  अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है  जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी  भूल नही पाउँगा वो लम्हा जब तुमने 

342 View

ग़ज़ल :- अब नहीं हमसे ये नफ़रत होगी  जानकर तुमको भी  हैरत होगी  थूककर चाटने वाले हो तुम तुममें क्या कहने की हिम्मत होगी  फूट घर में डालने की मेरे । मेरे अपनों की ही आदत होगी  होंठ सिल लोगे सभी के सब फिर नाम जो उनके वसीयत होगी  हर तरफ़ चर्चा इसी का होगा  की हमें उनसे मुहब्बत होगी  लूट लेंगे हमें जलवे तेरे उनमें कोई न मुरव्वत होगी  इक दफ़ा देख प्रखर को मुड़कर  क्या पता जीने की हसरत होगी      -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
अब नहीं हमसे ये नफ़रत होगी 
जानकर तुमको भी  हैरत होगी 

थूककर चाटने वाले हो तुम
तुममें क्या कहने की हिम्मत होगी 

फूट घर में डालने की मेरे ।
मेरे अपनों की ही आदत होगी 

होंठ सिल लोगे सभी के सब फिर
नाम जो उनके वसीयत होगी 

हर तरफ़ चर्चा इसी का होगा 
की हमें उनसे मुहब्बत होगी 

लूट लेंगे हमें जलवे तेरे
उनमें कोई न मुरव्वत होगी 

इक दफ़ा देख प्रखर को मुड़कर 
क्या पता जीने की हसरत होगी 
    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- अब नहीं हमसे ये नफ़रत होगी  जानकर तुमको भी  हैरत होगी  थूककर चाटने वाले हो तुम तुममें क्या कहने की हिम्मत होगी  फूट घर में डालने की

8 Love

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