मेरे नाम के बिना
क्या मुझे पहचान पाओगे?
जिस जमीन का खून
मेरे रगों में है......
उसने हजारों सालों से
इंसान को जीते मरते देखा है
तुम क्या चट्टानें कुरेद रहे हो?
तुम कौन सा पानी बांध रहे हो?
तुम किस हैवान जात के हो?
नौ साल की लड़की में बीवी देखोगे?
तुम गाय को सड़क पर मरते देखोगे?
तुम जानवरों के कटने के जश्न मनाओगे?
तुम मंदिरों मस्जिदों से हुंकार भरोगे?
तुम विश्व युद्ध की बकवास करोगे?
क्यों न करोगे?
तुमने किसी बच्ची के नन्हे पैरों की पाजेब नहीं सुनी...
तुमने किसी बच्चे की हथेली में अपनी उंगली पकड़ते नहीं देखी....
तुम्हें याद नहीं होगा
मां के पसीने की महक और गोद की गर्मी में
सुकून से बंद आँखें।।।।।।।।।।।
हां रौंद दो तुम चीन की तरफ वाले निर्जन हिमालय जैसे अपने हिमालय को भी....
कैलाश से निकलती सारी नदियां सुखा दो,,,,,,,
उत्तराखंड की गंगा को नाला बना दो,,,,,,,,
कैसे सुन सकते हो
धड़कन कैलाश की???????
कैसे जान सकते हो
हिमालय से मानव उत्पत्ति की?????????
तुम २००० सालों के इतिहास वाले नेताओं.................
तुम तोड़ दो अब हमारे विश्वास को............
पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश समेत भारतीय उपमहाद्वीप।।।।।।।।।।।।।।
मूर्ख धर्मांध, अनगिनत इंसानों का फैसला कर रहे हैं।।।।।।।।
लड़ने से बचे लोगों का पानी, हवा और खाना भी छीनोगे??????????
फ्री इंटरनेट😏
©Ram Yadav
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