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White {Bolo Ji Radhey Radhey} अभी मन नहीं कर रहा है, यह एक शब्द या यह विचार व्यक्ति को काफ़ी पीछे कर देता है, हो सकता है, वो समय वह अवसर हमारे लिए ही लेकर आया हो, समय कभी खराब नहीं होता, खराब होते हैं, हमारे कर्म, या विचार जिनका हम परिणाम भुगतने से डरते हैं, और दोस देते हैं, समय को, समाज को, व्यक्ति विशेष को, वही समय उसी समय किसी को खूब फल दे रहा हैं। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #Sad_Status  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
अभी मन नहीं कर रहा है, यह एक शब्द या यह विचार व्यक्ति को काफ़ी पीछे कर देता है, हो सकता है, वो समय वह अवसर हमारे लिए ही लेकर आया हो, समय कभी खराब नहीं होता, खराब होते हैं, हमारे कर्म, या विचार जिनका हम परिणाम भुगतने से डरते हैं, और दोस देते हैं, समय को, समाज को, व्यक्ति विशेष को, वही समय उसी समय किसी को खूब फल दे रहा हैं। जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} अभी मन नहीं कर रहा है, यह एक शब्द या यह विचार व्यक्ति को काफ़ी पीछे कर देता है, हो सकता है, वो समय वह अवस

16 Love

White मेहनत बताती है कि परिणाम कैसा होगा, वरना परिणाम तो बता ही देगा मेहनत कैसी थी ©Abhi Raj

#मोटिवेशनल #मेहनत #good_night  White मेहनत बताती है कि परिणाम कैसा होगा, वरना परिणाम तो बता ही देगा मेहनत कैसी थी

©Abhi Raj

#good_night #मेहनत बताती है कि परिणाम कैसा होगा, वरना परिणाम तो बता ही देगा मेहनत कैसी थी#

6 Love

White अंत मे सब नजाने रब को ही क्यों कोसते हैं कर्म से पूर्व हम क्यों नहीं सोचते है जैसा भी हो स्वीकार करो,परिणाम अपना क्योंकि,अपना लिखा ही हम सब भोगते है ©Bhupendra Rawat

#शायरी #Sad_Status  White अंत मे सब नजाने रब को ही क्यों कोसते हैं
कर्म से पूर्व हम क्यों नहीं सोचते है
जैसा भी हो स्वीकार करो,परिणाम अपना
क्योंकि,अपना लिखा ही हम सब भोगते है

©Bhupendra Rawat

#Sad_Status अंत मे सब नजाने रब को ही क्यों कोसते हैं कर्म से पूर्व हम क्यों नहीं सोचते है जैसा भी हो स्वीकार करो,परिणाम अपना क्योंकि,अपना लि

13 Love

#काल_चक्र #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  काल चक्र (दोहे)

काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार।
देता सबको सीख है, जो माने वह पार।।

रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास।
सदुपयोग इसका करें, उनको भी है आस।।

काल चक्र के देवता, देते हैं परिणाम।
जिसका जैसा कर्म है, वैसा उसको दाम।।

काल चक्र बलवान है, कहते सभी सुजान।
विमुुख न होना तुम कभी, बनकर के अनजान।।

काल चक्र से बच सका, जरा बताओ कौन।
मूल्य नहीं क्यों जानते, अभी रहो तुम मौन।।
..........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#काल_चक्र #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा

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मरहटा छन्द :- ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार । सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।। सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब मनुहार। अब अँखियाँ दे दो , दर्शन दे दो , जीवन सफल हमार ।। अब जपते-जपते , रटते-रटते , राधा-राधा नाम । हैं पहुँचे द्वारे , आज तुम्हारे , देखो राधेश्याम ।। अब बाहर आओ , दरस दिखाओ, दे दो कुछ परिणाम । कहती सब सखियां , प्यासी अँखियाँ , दर्शन दो अभिराम ।। हैं पर सुनेहरे  , कहीं न ठहरें , तितली रानी राज । फूलों की बगिया , चूमें कलियाँ , दिन भर का है काज ।। अपनी ही काया , लगती माया , करती हर पल नाज । सबको वह मोहित , करके रोहित , इठलाती है आज ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मरहटा छन्द :-
ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार ।
सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।।
सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब मनुहार।
अब अँखियाँ दे दो , दर्शन दे दो , जीवन सफल हमार ।।

अब जपते-जपते , रटते-रटते , राधा-राधा नाम ।
हैं पहुँचे द्वारे , आज तुम्हारे , देखो राधेश्याम ।।
अब बाहर आओ , दरस दिखाओ, दे दो कुछ परिणाम ।
कहती सब सखियां , प्यासी अँखियाँ , दर्शन दो अभिराम ।।

हैं पर सुनेहरे  , कहीं न ठहरें , तितली रानी राज ।
फूलों की बगिया , चूमें कलियाँ , दिन भर का है काज ।।
अपनी ही काया , लगती माया , करती हर पल नाज ।
सबको वह मोहित , करके रोहित , इठलाती है आज ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मरहटा छन्द :- ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार । सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।। सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब म

11 Love

मरहटा छन्द :- अब आओ गिरधर , आओ हलधर , आओ मेरे राम । ये नरसंहारी , आत्याचारी , छुपे नरक के धाम ।। ये सब हैं दानव , पीड़ित मानव ,  दो इनको परिणाम । अब मुक्ति दिलाओ , राह दिखाओ , करता तुम्हें प्रणाम ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मरहटा छन्द :-

अब आओ गिरधर , आओ हलधर , आओ मेरे राम ।
ये नरसंहारी , आत्याचारी , छुपे नरक के धाम ।।
ये सब हैं दानव , पीड़ित मानव ,  दो इनको परिणाम ।
अब मुक्ति दिलाओ , राह दिखाओ , करता तुम्हें प्रणाम ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मरहटा छन्द :- अब आओ गिरधर , आओ हलधर , आओ मेरे राम । ये नरसंहारी , आत्याचारी , छुपे नरक के धाम ।। ये सब हैं दानव , पीड़ित मानव ,  दो इनको परि

11 Love

White {Bolo Ji Radhey Radhey} अभी मन नहीं कर रहा है, यह एक शब्द या यह विचार व्यक्ति को काफ़ी पीछे कर देता है, हो सकता है, वो समय वह अवसर हमारे लिए ही लेकर आया हो, समय कभी खराब नहीं होता, खराब होते हैं, हमारे कर्म, या विचार जिनका हम परिणाम भुगतने से डरते हैं, और दोस देते हैं, समय को, समाज को, व्यक्ति विशेष को, वही समय उसी समय किसी को खूब फल दे रहा हैं। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #Sad_Status  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
अभी मन नहीं कर रहा है, यह एक शब्द या यह विचार व्यक्ति को काफ़ी पीछे कर देता है, हो सकता है, वो समय वह अवसर हमारे लिए ही लेकर आया हो, समय कभी खराब नहीं होता, खराब होते हैं, हमारे कर्म, या विचार जिनका हम परिणाम भुगतने से डरते हैं, और दोस देते हैं, समय को, समाज को, व्यक्ति विशेष को, वही समय उसी समय किसी को खूब फल दे रहा हैं। जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} अभी मन नहीं कर रहा है, यह एक शब्द या यह विचार व्यक्ति को काफ़ी पीछे कर देता है, हो सकता है, वो समय वह अवस

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White मेहनत बताती है कि परिणाम कैसा होगा, वरना परिणाम तो बता ही देगा मेहनत कैसी थी ©Abhi Raj

#मोटिवेशनल #मेहनत #good_night  White मेहनत बताती है कि परिणाम कैसा होगा, वरना परिणाम तो बता ही देगा मेहनत कैसी थी

©Abhi Raj

#good_night #मेहनत बताती है कि परिणाम कैसा होगा, वरना परिणाम तो बता ही देगा मेहनत कैसी थी#

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White अंत मे सब नजाने रब को ही क्यों कोसते हैं कर्म से पूर्व हम क्यों नहीं सोचते है जैसा भी हो स्वीकार करो,परिणाम अपना क्योंकि,अपना लिखा ही हम सब भोगते है ©Bhupendra Rawat

#शायरी #Sad_Status  White अंत मे सब नजाने रब को ही क्यों कोसते हैं
कर्म से पूर्व हम क्यों नहीं सोचते है
जैसा भी हो स्वीकार करो,परिणाम अपना
क्योंकि,अपना लिखा ही हम सब भोगते है

©Bhupendra Rawat

#Sad_Status अंत मे सब नजाने रब को ही क्यों कोसते हैं कर्म से पूर्व हम क्यों नहीं सोचते है जैसा भी हो स्वीकार करो,परिणाम अपना क्योंकि,अपना लि

13 Love

#काल_चक्र #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  काल चक्र (दोहे)

काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार।
देता सबको सीख है, जो माने वह पार।।

रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास।
सदुपयोग इसका करें, उनको भी है आस।।

काल चक्र के देवता, देते हैं परिणाम।
जिसका जैसा कर्म है, वैसा उसको दाम।।

काल चक्र बलवान है, कहते सभी सुजान।
विमुुख न होना तुम कभी, बनकर के अनजान।।

काल चक्र से बच सका, जरा बताओ कौन।
मूल्य नहीं क्यों जानते, अभी रहो तुम मौन।।
..........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#काल_चक्र #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा

198 View

मरहटा छन्द :- ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार । सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।। सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब मनुहार। अब अँखियाँ दे दो , दर्शन दे दो , जीवन सफल हमार ।। अब जपते-जपते , रटते-रटते , राधा-राधा नाम । हैं पहुँचे द्वारे , आज तुम्हारे , देखो राधेश्याम ।। अब बाहर आओ , दरस दिखाओ, दे दो कुछ परिणाम । कहती सब सखियां , प्यासी अँखियाँ , दर्शन दो अभिराम ।। हैं पर सुनेहरे  , कहीं न ठहरें , तितली रानी राज । फूलों की बगिया , चूमें कलियाँ , दिन भर का है काज ।। अपनी ही काया , लगती माया , करती हर पल नाज । सबको वह मोहित , करके रोहित , इठलाती है आज ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मरहटा छन्द :-
ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार ।
सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।।
सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब मनुहार।
अब अँखियाँ दे दो , दर्शन दे दो , जीवन सफल हमार ।।

अब जपते-जपते , रटते-रटते , राधा-राधा नाम ।
हैं पहुँचे द्वारे , आज तुम्हारे , देखो राधेश्याम ।।
अब बाहर आओ , दरस दिखाओ, दे दो कुछ परिणाम ।
कहती सब सखियां , प्यासी अँखियाँ , दर्शन दो अभिराम ।।

हैं पर सुनेहरे  , कहीं न ठहरें , तितली रानी राज ।
फूलों की बगिया , चूमें कलियाँ , दिन भर का है काज ।।
अपनी ही काया , लगती माया , करती हर पल नाज ।
सबको वह मोहित , करके रोहित , इठलाती है आज ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मरहटा छन्द :- ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार । सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।। सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब म

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मरहटा छन्द :- अब आओ गिरधर , आओ हलधर , आओ मेरे राम । ये नरसंहारी , आत्याचारी , छुपे नरक के धाम ।। ये सब हैं दानव , पीड़ित मानव ,  दो इनको परिणाम । अब मुक्ति दिलाओ , राह दिखाओ , करता तुम्हें प्रणाम ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मरहटा छन्द :-

अब आओ गिरधर , आओ हलधर , आओ मेरे राम ।
ये नरसंहारी , आत्याचारी , छुपे नरक के धाम ।।
ये सब हैं दानव , पीड़ित मानव ,  दो इनको परिणाम ।
अब मुक्ति दिलाओ , राह दिखाओ , करता तुम्हें प्रणाम ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मरहटा छन्द :- अब आओ गिरधर , आओ हलधर , आओ मेरे राम । ये नरसंहारी , आत्याचारी , छुपे नरक के धाम ।। ये सब हैं दानव , पीड़ित मानव ,  दो इनको परि

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