tags

New सत्त Status, Photo, Video

Find the latest Status about सत्त from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about सत्त.

Related Stories

  • Latest
  • Popular
  • Video
#happy_independence_day #sandiprohila  White स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता पाने की खातिर
कितनों के दिमाग लगे शातिर

अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था
देशवासियों का अपने अपमान किया था

क्रांतिकारी भी जोश में थे
नेता अपने होश में थे

अंग्रेजों की सत्ता हिलाई थी
दांतों तले उंगलियां दबवाई थी

शासन अंग्रेजों का डोल गया था
धीरज उनका बोल गया था

क्रांतिकारियों से थर्राने लगे थे
नेताओं से वो घबराने लगे थे

बोरिया बिस्तरा अपना बांध लिया था
एक एक अंग्रेज देश छोड़ कर भाग लिया था

देश अपना तब आजाद हुआ
हिंदुस्तानी अपना आबाद हुआ

ध्वजारोहण तब से हुआ है
15 अगस्त विख्यात हुआ है

यह राष्ट्र दिवस हमारा है
हमको जां से प्यारा है
...........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#happy_independence_day स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था

225 View

bharat quotes सन सत्तावन में उमड़ी थी जो,सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई गोरों की काले दिल की सब,करतूतें तब असफल हुई जब एक एक रणबांकुर करने को,अपना सर्वस्व न्योछावर कूद पड़े तब अंग्रेजी हुकूमत के तख्तों के,पावदान सब टूट पड़े लाला सुभाष और तिलक की बातें ,जनमानस में गूंज पड़ी अरुणा,सावित्री और चेन्नमा ,भी इस रण में कूद पड़ी जलियांवाला केवल एक बाग नहीं ,वीरों की अमर निशानी हैं बचपन से सुन रहे है हम जो,वो लक्ष्मी बाई की अमर कहानी हैं आजाद,भगत, सुखदेव राजगुरु ,थे सब आजादी के दीवाने बिस्मिल,हमीद के बलिदानों को,हैं कौन यहां जो ना जाने इनके त्याग ही का प्रतिफल है यह,आज़ादी जो हमने पाया है स्वच्छंद हिमालय है खड़ा बुलंद, हम पर भारत मां के आंचल की छाया है अंकुर तिवारी ©Ankur tiwari

#Motivational  bharat quotes  सन सत्तावन में उमड़ी थी जो,सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई 
गोरों की काले दिल की सब,करतूतें तब असफल हुई 
जब एक एक रणबांकुर करने को,अपना सर्वस्व न्योछावर कूद पड़े 
तब अंग्रेजी हुकूमत के तख्तों के,पावदान सब टूट पड़े 
लाला सुभाष और तिलक की बातें ,जनमानस में गूंज पड़ी 
अरुणा,सावित्री और चेन्नमा ,भी इस रण में कूद पड़ी 
जलियांवाला केवल एक बाग नहीं ,वीरों की अमर निशानी हैं 
बचपन से सुन रहे है हम जो,वो लक्ष्मी बाई की अमर कहानी हैं 
आजाद,भगत, सुखदेव राजगुरु ,थे सब आजादी के दीवाने
बिस्मिल,हमीद के बलिदानों को,हैं कौन यहां जो ना जाने 
इनके त्याग ही का प्रतिफल है यह,आज़ादी जो हमने पाया है 
स्वच्छंद हिमालय है खड़ा बुलंद, हम पर भारत मां के आंचल की छाया है
अंकुर तिवारी

©Ankur tiwari

सन सत्तावन में उमड़ी थी जो सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई गोरों की काले दिल की सब करतूतें तब असफल हुई जब एक एक रणबांकुर करने को अपना सर्वस्व न्

11 Love

#तुम_खूबसूरत_हो #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  तुम खूबसूरत हो

तुम खूबसूरत हो
बहुत खूबसूरत हो
आईने में देख कर खुद को
रोज बोला करो

आईने से कहो
मुझे यूंँ ही निहारो
उस में देख कर खुद को
खूबसूरती को निहारो

विश्वास खुद ब खुद जाग जाएगा
देवी स्वरूपा हो ज्ञात हो जाएगा
तुम्हारी शक्ति से जग हिल जाएगा
देवों को भी प्रणाम करने आना पड़ जाएगा

अपनी शक्ति को पहचानो
देवी रूप को अपने धारो
तुम आज भी अबला नारी हो
ऐसे ख्यालों को नकारो

तुम्हारी मर्जी के बिना
हिल नहीं सकता पत्ता
चाहे हाथ में न हो सत्ता
हिला सकती हो अच्छे अच्छों का तख्ता

न कभी मायूस हो
उठो जागो खुद को संभालो
करने हैं बहुत काम तुमको
ऐसे विचारों को विचारो
..........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#तुम_खूबसूरत_हो #nojotohindi #nojotohindipoetry तुम खूबसूरत हो तुम खूबसूरत हो बहुत खूबसूरत हो आईने में देख कर खुद को रोज बोला करो

162 View

White क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द्वेष से दूर रहो ना भटको अपने लक्ष्यों से खुद से इतना तो धीर धरो लक्ष्मी बाई का देश है यह जो अंग्रेजो से बाज गई दे दी आहुति खुद की और ले वीरगति का ताज गई देखो मंगल को जिसने सत्तावन में मंगल गान किया देश की खातिर बिस्मिल ने न्योछावर अपनी जान किया जफर बहादुर तात्या के जीवन से कुछ तो ग्रहण करो गर मिले नही अधिकार तुम्हे तो तिलक सा तुम अधिग्रहण करो आज़ाद भगत और राजगुरु के गुण हैं तुममें भी ये याद रखो जब देश धर्म की बात हो तो हम भारतीय हैं यह याद रखो नेता सुभाष से हो सकते हो हो सकते हमीद से तोप तुम्हीं राणा प्रताप सा जी लेना न जीना बनकर गुलाम कभी तब जाके विजयी विश्व तिरंगा प्यारा का सपना साकार हो पायेगा जब तक धरती और चांद रहेगा तिरंगा अपना आसमान में लहराएगा अंकुर तिवारी ©Ankur tiwari

#Indian_flag  White क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं 
सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं 
जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द्वेष से दूर रहो
ना भटको अपने लक्ष्यों से खुद से इतना तो धीर धरो 
लक्ष्मी बाई का देश है यह जो अंग्रेजो से बाज गई 
दे दी आहुति खुद की और ले वीरगति का ताज गई 
देखो मंगल को जिसने सत्तावन में मंगल गान किया 
देश की खातिर बिस्मिल ने न्योछावर अपनी जान किया 
जफर बहादुर तात्या के जीवन से कुछ तो ग्रहण करो 
गर मिले नही अधिकार तुम्हे तो तिलक सा तुम अधिग्रहण करो 
आज़ाद भगत और राजगुरु के गुण हैं तुममें भी ये याद रखो 
जब देश धर्म की बात हो तो हम भारतीय हैं यह याद रखो
नेता सुभाष से हो सकते हो हो सकते हमीद से तोप तुम्हीं 
राणा प्रताप सा जी लेना न जीना बनकर गुलाम कभी 
तब जाके विजयी विश्व तिरंगा प्यारा का सपना साकार हो पायेगा 
जब तक धरती और चांद रहेगा तिरंगा अपना आसमान में लहराएगा
अंकुर तिवारी

©Ankur tiwari

#Indian_flag क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द

13 Love

#कोट्स #गुरु  White थामा है गुरु सत्ताओं ने,
अवतारों की इस भूमि को।
धरती से पाखंड मिटाना,
सबके बसकी बात नहीं।

जय गुरुदेव
🌹🙏🌹

©Deepa Didi Prajapati

#गुरु सत्ताएं

81 View

White गीत :- उलझ रहा है निशिदिन मानव , जिनके नित्य विचारो से । भाषण देते बन अभिनेता , सत्ता के गलियारों से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव .... छोड़ सभी वह रिश्ते-नाते, बैठे ऊँचे आसन पे । पहचाने इंसान नही जो , भाषण देते जीवन पे ।। जिसे खेलना पाप कहा था , मातु-पिता औ गुरुवर ने । उसी खेल का मिले प्रलोभन , सुन लो अब सरकारों से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव ..... मातु-पिता बिन कैसा जीवन , हमने पढ़ा किताबों में । ये बतलाते आकर हमको , दौलत नही हिसाबों में ।। इनके जैसा कभी न बनना , ये तो हैं खुद्दारों में । दया धर्म की टाँगें टूटी , इन सबके व्यापारो से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव.... नंगा नाच भरे आँगन में, इनके देख घरानों में । बेटी बेटा झूम रहे हैं , जाने किस-किस बाहों में ।। अपने घर को आप सँभाले, आया आज विचारों में । झाँक नही तू इनके घर को , पतन हुए संस्कारो से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव..... दौड़ रहे क्यों भूखे बच्चे , तेरे इन दरबारों में । क्या इनको तू मान लिया है , निर्गुण औ लाचारों में ।। बनकर दास रहे ये तेरा , करे भोग भण्डारों में । ऐसी सोच झलक कर आयी , जग के ठेकेदारों से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव ... बदलो मिलकर चाल सभी यह , प्रकृति बदलने वाली है । भूखे प्यासे लोगो की अब , आह निकलने वाली है । हमने वह आवाज सुनी है , चीखों और पुकारों से । आने वाले हैं हक लेने , देखो वह हथियारों से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव .... उलझ रहा है निशिदिन मानव , जिनके नित्य विचारो से । भाषण देते वे अभिनेता , सत्ता के गलियारों से ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White गीत :-
उलझ रहा है निशिदिन मानव , जिनके नित्य विचारो से ।
भाषण देते बन अभिनेता , सत्ता के गलियारों से ।।
उलझ रहा है निशिदिन मानव ....

छोड़ सभी वह रिश्ते-नाते, बैठे ऊँचे आसन पे ।
पहचाने इंसान नही जो , भाषण देते जीवन पे ।।
जिसे खेलना पाप कहा था , मातु-पिता औ गुरुवर ने ।
उसी खेल का मिले प्रलोभन , सुन लो अब सरकारों से ।।
उलझ रहा है निशिदिन मानव .....

मातु-पिता बिन कैसा जीवन , हमने पढ़ा किताबों में ।
ये बतलाते आकर हमको , दौलत नही हिसाबों में ।।
इनके जैसा कभी न बनना , ये तो हैं खुद्दारों में ।
दया धर्म की टाँगें टूटी , इन सबके व्यापारो से ।।
उलझ रहा है निशिदिन मानव....

नंगा नाच भरे आँगन में, इनके देख घरानों में ।
बेटी बेटा झूम रहे हैं , जाने किस-किस बाहों में ।।
अपने घर को आप सँभाले, आया आज विचारों में ।
झाँक नही तू इनके घर को , पतन हुए संस्कारो से ।।
उलझ रहा है निशिदिन मानव.....

दौड़ रहे क्यों भूखे बच्चे , तेरे इन दरबारों में ।
क्या इनको तू मान लिया है , निर्गुण औ लाचारों में ।।
बनकर दास रहे ये तेरा , करे भोग भण्डारों में ।
ऐसी सोच झलक कर आयी , जग के ठेकेदारों से ।।
उलझ रहा है निशिदिन मानव ...

बदलो मिलकर चाल सभी यह , प्रकृति बदलने वाली है ।
भूखे प्यासे लोगो की अब , आह निकलने वाली है ।
हमने वह आवाज सुनी है , चीखों और पुकारों से ।
आने वाले हैं हक लेने , देखो वह हथियारों से ।।
उलझ रहा है निशिदिन मानव ....

उलझ रहा है निशिदिन मानव , जिनके नित्य विचारो से ।
भाषण देते वे अभिनेता , सत्ता के गलियारों से ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- उलझ रहा है निशिदिन मानव , जिनके नित्य विचारो से । भाषण देते बन अभिनेता , सत्ता के गलियारों से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव .... छोड़ सभ

9 Love

#happy_independence_day #sandiprohila  White स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता पाने की खातिर
कितनों के दिमाग लगे शातिर

अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था
देशवासियों का अपने अपमान किया था

क्रांतिकारी भी जोश में थे
नेता अपने होश में थे

अंग्रेजों की सत्ता हिलाई थी
दांतों तले उंगलियां दबवाई थी

शासन अंग्रेजों का डोल गया था
धीरज उनका बोल गया था

क्रांतिकारियों से थर्राने लगे थे
नेताओं से वो घबराने लगे थे

बोरिया बिस्तरा अपना बांध लिया था
एक एक अंग्रेज देश छोड़ कर भाग लिया था

देश अपना तब आजाद हुआ
हिंदुस्तानी अपना आबाद हुआ

ध्वजारोहण तब से हुआ है
15 अगस्त विख्यात हुआ है

यह राष्ट्र दिवस हमारा है
हमको जां से प्यारा है
...........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#happy_independence_day स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था

225 View

bharat quotes सन सत्तावन में उमड़ी थी जो,सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई गोरों की काले दिल की सब,करतूतें तब असफल हुई जब एक एक रणबांकुर करने को,अपना सर्वस्व न्योछावर कूद पड़े तब अंग्रेजी हुकूमत के तख्तों के,पावदान सब टूट पड़े लाला सुभाष और तिलक की बातें ,जनमानस में गूंज पड़ी अरुणा,सावित्री और चेन्नमा ,भी इस रण में कूद पड़ी जलियांवाला केवल एक बाग नहीं ,वीरों की अमर निशानी हैं बचपन से सुन रहे है हम जो,वो लक्ष्मी बाई की अमर कहानी हैं आजाद,भगत, सुखदेव राजगुरु ,थे सब आजादी के दीवाने बिस्मिल,हमीद के बलिदानों को,हैं कौन यहां जो ना जाने इनके त्याग ही का प्रतिफल है यह,आज़ादी जो हमने पाया है स्वच्छंद हिमालय है खड़ा बुलंद, हम पर भारत मां के आंचल की छाया है अंकुर तिवारी ©Ankur tiwari

#Motivational  bharat quotes  सन सत्तावन में उमड़ी थी जो,सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई 
गोरों की काले दिल की सब,करतूतें तब असफल हुई 
जब एक एक रणबांकुर करने को,अपना सर्वस्व न्योछावर कूद पड़े 
तब अंग्रेजी हुकूमत के तख्तों के,पावदान सब टूट पड़े 
लाला सुभाष और तिलक की बातें ,जनमानस में गूंज पड़ी 
अरुणा,सावित्री और चेन्नमा ,भी इस रण में कूद पड़ी 
जलियांवाला केवल एक बाग नहीं ,वीरों की अमर निशानी हैं 
बचपन से सुन रहे है हम जो,वो लक्ष्मी बाई की अमर कहानी हैं 
आजाद,भगत, सुखदेव राजगुरु ,थे सब आजादी के दीवाने
बिस्मिल,हमीद के बलिदानों को,हैं कौन यहां जो ना जाने 
इनके त्याग ही का प्रतिफल है यह,आज़ादी जो हमने पाया है 
स्वच्छंद हिमालय है खड़ा बुलंद, हम पर भारत मां के आंचल की छाया है
अंकुर तिवारी

©Ankur tiwari

सन सत्तावन में उमड़ी थी जो सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई गोरों की काले दिल की सब करतूतें तब असफल हुई जब एक एक रणबांकुर करने को अपना सर्वस्व न्

11 Love

#तुम_खूबसूरत_हो #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  तुम खूबसूरत हो

तुम खूबसूरत हो
बहुत खूबसूरत हो
आईने में देख कर खुद को
रोज बोला करो

आईने से कहो
मुझे यूंँ ही निहारो
उस में देख कर खुद को
खूबसूरती को निहारो

विश्वास खुद ब खुद जाग जाएगा
देवी स्वरूपा हो ज्ञात हो जाएगा
तुम्हारी शक्ति से जग हिल जाएगा
देवों को भी प्रणाम करने आना पड़ जाएगा

अपनी शक्ति को पहचानो
देवी रूप को अपने धारो
तुम आज भी अबला नारी हो
ऐसे ख्यालों को नकारो

तुम्हारी मर्जी के बिना
हिल नहीं सकता पत्ता
चाहे हाथ में न हो सत्ता
हिला सकती हो अच्छे अच्छों का तख्ता

न कभी मायूस हो
उठो जागो खुद को संभालो
करने हैं बहुत काम तुमको
ऐसे विचारों को विचारो
..........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#तुम_खूबसूरत_हो #nojotohindi #nojotohindipoetry तुम खूबसूरत हो तुम खूबसूरत हो बहुत खूबसूरत हो आईने में देख कर खुद को रोज बोला करो

162 View

White क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द्वेष से दूर रहो ना भटको अपने लक्ष्यों से खुद से इतना तो धीर धरो लक्ष्मी बाई का देश है यह जो अंग्रेजो से बाज गई दे दी आहुति खुद की और ले वीरगति का ताज गई देखो मंगल को जिसने सत्तावन में मंगल गान किया देश की खातिर बिस्मिल ने न्योछावर अपनी जान किया जफर बहादुर तात्या के जीवन से कुछ तो ग्रहण करो गर मिले नही अधिकार तुम्हे तो तिलक सा तुम अधिग्रहण करो आज़ाद भगत और राजगुरु के गुण हैं तुममें भी ये याद रखो जब देश धर्म की बात हो तो हम भारतीय हैं यह याद रखो नेता सुभाष से हो सकते हो हो सकते हमीद से तोप तुम्हीं राणा प्रताप सा जी लेना न जीना बनकर गुलाम कभी तब जाके विजयी विश्व तिरंगा प्यारा का सपना साकार हो पायेगा जब तक धरती और चांद रहेगा तिरंगा अपना आसमान में लहराएगा अंकुर तिवारी ©Ankur tiwari

#Indian_flag  White क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं 
सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं 
जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द्वेष से दूर रहो
ना भटको अपने लक्ष्यों से खुद से इतना तो धीर धरो 
लक्ष्मी बाई का देश है यह जो अंग्रेजो से बाज गई 
दे दी आहुति खुद की और ले वीरगति का ताज गई 
देखो मंगल को जिसने सत्तावन में मंगल गान किया 
देश की खातिर बिस्मिल ने न्योछावर अपनी जान किया 
जफर बहादुर तात्या के जीवन से कुछ तो ग्रहण करो 
गर मिले नही अधिकार तुम्हे तो तिलक सा तुम अधिग्रहण करो 
आज़ाद भगत और राजगुरु के गुण हैं तुममें भी ये याद रखो 
जब देश धर्म की बात हो तो हम भारतीय हैं यह याद रखो
नेता सुभाष से हो सकते हो हो सकते हमीद से तोप तुम्हीं 
राणा प्रताप सा जी लेना न जीना बनकर गुलाम कभी 
तब जाके विजयी विश्व तिरंगा प्यारा का सपना साकार हो पायेगा 
जब तक धरती और चांद रहेगा तिरंगा अपना आसमान में लहराएगा
अंकुर तिवारी

©Ankur tiwari

#Indian_flag क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द

13 Love

#कोट्स #गुरु  White थामा है गुरु सत्ताओं ने,
अवतारों की इस भूमि को।
धरती से पाखंड मिटाना,
सबके बसकी बात नहीं।

जय गुरुदेव
🌹🙏🌹

©Deepa Didi Prajapati

#गुरु सत्ताएं

81 View

White गीत :- उलझ रहा है निशिदिन मानव , जिनके नित्य विचारो से । भाषण देते बन अभिनेता , सत्ता के गलियारों से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव .... छोड़ सभी वह रिश्ते-नाते, बैठे ऊँचे आसन पे । पहचाने इंसान नही जो , भाषण देते जीवन पे ।। जिसे खेलना पाप कहा था , मातु-पिता औ गुरुवर ने । उसी खेल का मिले प्रलोभन , सुन लो अब सरकारों से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव ..... मातु-पिता बिन कैसा जीवन , हमने पढ़ा किताबों में । ये बतलाते आकर हमको , दौलत नही हिसाबों में ।। इनके जैसा कभी न बनना , ये तो हैं खुद्दारों में । दया धर्म की टाँगें टूटी , इन सबके व्यापारो से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव.... नंगा नाच भरे आँगन में, इनके देख घरानों में । बेटी बेटा झूम रहे हैं , जाने किस-किस बाहों में ।। अपने घर को आप सँभाले, आया आज विचारों में । झाँक नही तू इनके घर को , पतन हुए संस्कारो से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव..... दौड़ रहे क्यों भूखे बच्चे , तेरे इन दरबारों में । क्या इनको तू मान लिया है , निर्गुण औ लाचारों में ।। बनकर दास रहे ये तेरा , करे भोग भण्डारों में । ऐसी सोच झलक कर आयी , जग के ठेकेदारों से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव ... बदलो मिलकर चाल सभी यह , प्रकृति बदलने वाली है । भूखे प्यासे लोगो की अब , आह निकलने वाली है । हमने वह आवाज सुनी है , चीखों और पुकारों से । आने वाले हैं हक लेने , देखो वह हथियारों से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव .... उलझ रहा है निशिदिन मानव , जिनके नित्य विचारो से । भाषण देते वे अभिनेता , सत्ता के गलियारों से ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White गीत :-
उलझ रहा है निशिदिन मानव , जिनके नित्य विचारो से ।
भाषण देते बन अभिनेता , सत्ता के गलियारों से ।।
उलझ रहा है निशिदिन मानव ....

छोड़ सभी वह रिश्ते-नाते, बैठे ऊँचे आसन पे ।
पहचाने इंसान नही जो , भाषण देते जीवन पे ।।
जिसे खेलना पाप कहा था , मातु-पिता औ गुरुवर ने ।
उसी खेल का मिले प्रलोभन , सुन लो अब सरकारों से ।।
उलझ रहा है निशिदिन मानव .....

मातु-पिता बिन कैसा जीवन , हमने पढ़ा किताबों में ।
ये बतलाते आकर हमको , दौलत नही हिसाबों में ।।
इनके जैसा कभी न बनना , ये तो हैं खुद्दारों में ।
दया धर्म की टाँगें टूटी , इन सबके व्यापारो से ।।
उलझ रहा है निशिदिन मानव....

नंगा नाच भरे आँगन में, इनके देख घरानों में ।
बेटी बेटा झूम रहे हैं , जाने किस-किस बाहों में ।।
अपने घर को आप सँभाले, आया आज विचारों में ।
झाँक नही तू इनके घर को , पतन हुए संस्कारो से ।।
उलझ रहा है निशिदिन मानव.....

दौड़ रहे क्यों भूखे बच्चे , तेरे इन दरबारों में ।
क्या इनको तू मान लिया है , निर्गुण औ लाचारों में ।।
बनकर दास रहे ये तेरा , करे भोग भण्डारों में ।
ऐसी सोच झलक कर आयी , जग के ठेकेदारों से ।।
उलझ रहा है निशिदिन मानव ...

बदलो मिलकर चाल सभी यह , प्रकृति बदलने वाली है ।
भूखे प्यासे लोगो की अब , आह निकलने वाली है ।
हमने वह आवाज सुनी है , चीखों और पुकारों से ।
आने वाले हैं हक लेने , देखो वह हथियारों से ।।
उलझ रहा है निशिदिन मानव ....

उलझ रहा है निशिदिन मानव , जिनके नित्य विचारो से ।
भाषण देते वे अभिनेता , सत्ता के गलियारों से ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- उलझ रहा है निशिदिन मानव , जिनके नित्य विचारो से । भाषण देते बन अभिनेता , सत्ता के गलियारों से ।। उलझ रहा है निशिदिन मानव .... छोड़ सभ

9 Love

Trending Topic