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White आंखों में बसें हो, ख्यालों का क्या कहूं, बातों में बसे हो, सवालों का क्या कहूं, मोहब्बत में थोड़ा उलझा हुआ सा तुमसे हार जाता हूं,‌ बवालों का क्या कहूं..! ©Himanshu Prajapati

#love_shayari #hpstrange #लव #36gyan  White आंखों में बसें हो, ख्यालों का क्या कहूं,
बातों में बसे हो, सवालों का क्या कहूं,
मोहब्बत में थोड़ा उलझा हुआ सा
तुमसे हार जाता हूं,‌ बवालों का क्या कहूं..!

©Himanshu Prajapati

#love_shayari आंखों में बसें हो, ख्यालों का क्या कहूं, बातों में बसे हो, सवालों का क्या कहूं, मोहब्बत में थोड़ा उलझा हुआ सा तुमसे हार जाता ह

19 Love

White अगर है मोहब्बत तो इजहार ना कर चाह ले कितना भी बदनाम ना कर दुःख इतने दिए कि कह ना सकूं मैं पूरी होगी कमी तो परेशान ना कर ©DANVEER SINGH DUNIYA

#love_shayari #SAD  White अगर है मोहब्बत तो इजहार ना कर
चाह ले कितना भी बदनाम ना कर
दुःख इतने दिए कि कह ना सकूं मैं
पूरी होगी कमी तो परेशान ना कर

©DANVEER SINGH DUNIYA

#love_shayari क्या कहूं और

18 Love

White कह दूं तो इश्क है , न कहूं तो मेरे बेबाक सपने हैं। ©Bhanu Priya

#GoodMorning #wishes  White कह दूं तो इश्क है ,
न कहूं तो मेरे बेबाक सपने हैं।

©Bhanu Priya

#GoodMorning कह दूं तो इश्क है , न कहूं तो मेरे बेबाक सपने हैं। @Divya Hariwanshi @@nikhil._ @Deep_26Nt

21 Love

#outoflove  सुनो! एक बात कहूं....

सुनो! एक बात कहूं..... #outoflove

216 View

White #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha ©aapki_adhuri_baten

#विचार #सुनो #good_night #Radha  White #सुनो 
कोई एक चेहरा भला 
कब तक देखे आईने में,
सच कहूं तो मेरा खुद
 से भी दिल भर गया हैं..
#Radha

©aapki_adhuri_baten

#good_night #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha

15 Love

#विचार #love_shayari  White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था।

तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।"

जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे।

फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?"

लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ 

ChatGPT can make

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे

171 View

White आंखों में बसें हो, ख्यालों का क्या कहूं, बातों में बसे हो, सवालों का क्या कहूं, मोहब्बत में थोड़ा उलझा हुआ सा तुमसे हार जाता हूं,‌ बवालों का क्या कहूं..! ©Himanshu Prajapati

#love_shayari #hpstrange #लव #36gyan  White आंखों में बसें हो, ख्यालों का क्या कहूं,
बातों में बसे हो, सवालों का क्या कहूं,
मोहब्बत में थोड़ा उलझा हुआ सा
तुमसे हार जाता हूं,‌ बवालों का क्या कहूं..!

©Himanshu Prajapati

#love_shayari आंखों में बसें हो, ख्यालों का क्या कहूं, बातों में बसे हो, सवालों का क्या कहूं, मोहब्बत में थोड़ा उलझा हुआ सा तुमसे हार जाता ह

19 Love

White अगर है मोहब्बत तो इजहार ना कर चाह ले कितना भी बदनाम ना कर दुःख इतने दिए कि कह ना सकूं मैं पूरी होगी कमी तो परेशान ना कर ©DANVEER SINGH DUNIYA

#love_shayari #SAD  White अगर है मोहब्बत तो इजहार ना कर
चाह ले कितना भी बदनाम ना कर
दुःख इतने दिए कि कह ना सकूं मैं
पूरी होगी कमी तो परेशान ना कर

©DANVEER SINGH DUNIYA

#love_shayari क्या कहूं और

18 Love

White कह दूं तो इश्क है , न कहूं तो मेरे बेबाक सपने हैं। ©Bhanu Priya

#GoodMorning #wishes  White कह दूं तो इश्क है ,
न कहूं तो मेरे बेबाक सपने हैं।

©Bhanu Priya

#GoodMorning कह दूं तो इश्क है , न कहूं तो मेरे बेबाक सपने हैं। @Divya Hariwanshi @@nikhil._ @Deep_26Nt

21 Love

#outoflove  सुनो! एक बात कहूं....

सुनो! एक बात कहूं..... #outoflove

216 View

White #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha ©aapki_adhuri_baten

#विचार #सुनो #good_night #Radha  White #सुनो 
कोई एक चेहरा भला 
कब तक देखे आईने में,
सच कहूं तो मेरा खुद
 से भी दिल भर गया हैं..
#Radha

©aapki_adhuri_baten

#good_night #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha

15 Love

#विचार #love_shayari  White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था।

तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।"

जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे।

फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?"

लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ 

ChatGPT can make

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे

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