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New hindi poem on नारी Status, Photo, Video

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#विचार  नारी की शक्ति जब रौद्र रूप लेती हैं तो किसी की हिम्मत नहीं जो उस पर कटाक्ष कर सकें क्योंकि इस आदि रूप के समक्ष स्वयं महादेव भी सम्मान से झुक गए।

©Satish Kumar Meena

नारी शक्ति

81 View

#women_equality_day #sandeeplguru #viral  White नारी की आंखों में बसी है वो दुनिया,
जहां सपने भी अक्सर टूट जाते हैं।
पर उसने हारना सीखा नहीं,
हर दर्द में भी मुस्कान लाती है।

वो सहती है, सहती ही जाती है,
फिर भी हर मोड़ पर, आगे बढ़ती जाती है।
समानता के हक़ की जो लड़ाई है उसकी,
वो आंसुओं के संग, उसे लड़ती जाती है।

कभी बेटी, कभी माँ बनकर,
हर रिश्त में अपनी ममता भरती है।
लेकिन जब बात आती है अधिकार की,
वो अपनी आवाज़ को भी बुलंद करती है।

नारी का सम्मान ही है,
हर दिल की सच्ची कहानी।
जो आंसुओं में भी हंसकर,
समानता की मांग करती है नारी।

©Sandeep Lucky Singh

नारी है शक्ति, नारी है मान, समानता का हक़, नारी की पहचान। #sandeeplguru #viral #Nojoto #women_equality_day poetry in hindi poetr

522 View

काश ये युग भी सतयुग होता.. ना घुंघट की आढ होती , ना स्त्री कोई अभिशाप होती... ना बेटी-बेटे में अंतर होता, ना शिक्षा से कोई वंचित होता... ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता... ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता... उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है... मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है... हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं... क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं... क्या उसको जीने का अधिकार नहीं क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं... क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही, है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही... ©Kiran Ahir

 काश ये युग भी सतयुग होता..
ना घुंघट की आढ होती ,
ना स्त्री कोई अभिशाप होती...
ना बेटी-बेटे में अंतर होता,
ना शिक्षा से कोई वंचित होता...
ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता 
समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता...
ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता
और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता...
उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है 
गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है...
मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है 
फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है...
हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है
क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं...
क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं
क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं...
क्या उसको जीने का अधिकार नहीं 
क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं...
क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही,
है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही...

©Kiran Ahir

नारी

15 Love

#poem  White बहुत हौसलों से 
तेरी राहों पर चला ज़िन्दगी 
पर अब कदम 
जवाब दे रहे हैं,
हो सके तो कुछ 
सुकून के पल दे दे 
नहीं तो तुझसे सीखे सबक 
मुझमे धुआँ हो रहे हैं...

©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)

#poem hindi poetry on life

135 View

#HeartfeltMessage #India #poem  हमनवा की यादों मे रोए बैठे हैं।
रहनुमा की पलको पर खोए बैठे हैं।
हम तो आशिक हैं सदियों पुराने,
सागर की गहराई में हीरे संजोए बैठे हैं।

#HeartfeltMessage #India #poem #Shayari poetry on love love poetry in hindi hindi poetry on life

81 View

White चंद लम्हे खुद, के साथ वीता लो मिट जाएगी उठ रही प्यास सारी। हकीकत तो, यही है ज्ञान की भंडार होती है "देवी" स्वरूप नारी।। ©Abhishek tripathi#chgr@c

#मोटिवेशनल #नारी  White चंद लम्हे खुद, के साथ वीता लो मिट जाएगी उठ रही 
प्यास सारी।

हकीकत तो, यही है ज्ञान की भंडार होती है "देवी" 
 स्वरूप नारी।।

©Abhishek tripathi#chgr@c
#विचार  नारी की शक्ति जब रौद्र रूप लेती हैं तो किसी की हिम्मत नहीं जो उस पर कटाक्ष कर सकें क्योंकि इस आदि रूप के समक्ष स्वयं महादेव भी सम्मान से झुक गए।

©Satish Kumar Meena

नारी शक्ति

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#women_equality_day #sandeeplguru #viral  White नारी की आंखों में बसी है वो दुनिया,
जहां सपने भी अक्सर टूट जाते हैं।
पर उसने हारना सीखा नहीं,
हर दर्द में भी मुस्कान लाती है।

वो सहती है, सहती ही जाती है,
फिर भी हर मोड़ पर, आगे बढ़ती जाती है।
समानता के हक़ की जो लड़ाई है उसकी,
वो आंसुओं के संग, उसे लड़ती जाती है।

कभी बेटी, कभी माँ बनकर,
हर रिश्त में अपनी ममता भरती है।
लेकिन जब बात आती है अधिकार की,
वो अपनी आवाज़ को भी बुलंद करती है।

नारी का सम्मान ही है,
हर दिल की सच्ची कहानी।
जो आंसुओं में भी हंसकर,
समानता की मांग करती है नारी।

©Sandeep Lucky Singh

नारी है शक्ति, नारी है मान, समानता का हक़, नारी की पहचान। #sandeeplguru #viral #Nojoto #women_equality_day poetry in hindi poetr

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काश ये युग भी सतयुग होता.. ना घुंघट की आढ होती , ना स्त्री कोई अभिशाप होती... ना बेटी-बेटे में अंतर होता, ना शिक्षा से कोई वंचित होता... ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता... ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता... उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है... मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है... हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं... क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं... क्या उसको जीने का अधिकार नहीं क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं... क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही, है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही... ©Kiran Ahir

 काश ये युग भी सतयुग होता..
ना घुंघट की आढ होती ,
ना स्त्री कोई अभिशाप होती...
ना बेटी-बेटे में अंतर होता,
ना शिक्षा से कोई वंचित होता...
ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता 
समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता...
ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता
और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता...
उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है 
गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है...
मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है 
फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है...
हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है
क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं...
क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं
क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं...
क्या उसको जीने का अधिकार नहीं 
क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं...
क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही,
है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही...

©Kiran Ahir

नारी

15 Love

#poem  White बहुत हौसलों से 
तेरी राहों पर चला ज़िन्दगी 
पर अब कदम 
जवाब दे रहे हैं,
हो सके तो कुछ 
सुकून के पल दे दे 
नहीं तो तुझसे सीखे सबक 
मुझमे धुआँ हो रहे हैं...

©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)

#poem hindi poetry on life

135 View

#HeartfeltMessage #India #poem  हमनवा की यादों मे रोए बैठे हैं।
रहनुमा की पलको पर खोए बैठे हैं।
हम तो आशिक हैं सदियों पुराने,
सागर की गहराई में हीरे संजोए बैठे हैं।

#HeartfeltMessage #India #poem #Shayari poetry on love love poetry in hindi hindi poetry on life

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White चंद लम्हे खुद, के साथ वीता लो मिट जाएगी उठ रही प्यास सारी। हकीकत तो, यही है ज्ञान की भंडार होती है "देवी" स्वरूप नारी।। ©Abhishek tripathi#chgr@c

#मोटिवेशनल #नारी  White चंद लम्हे खुद, के साथ वीता लो मिट जाएगी उठ रही 
प्यास सारी।

हकीकत तो, यही है ज्ञान की भंडार होती है "देवी" 
 स्वरूप नारी।।

©Abhishek tripathi#chgr@c
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