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New विशिष्ट बालक Status, Photo, Video

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#वीडियो #अदनासा #बच्चा #अम्मी #अम्मा #मासूम

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C_5qu0hxspX/?igsh=MWp1Ynd4bjBscmdoeA== #माता #माँ #अम्मा #अम्मी #बालक #

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White हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में । भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।। लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली । करके हैं जयकार , बजाकर हम सब ताली ।।  प्रथम पूज्य हो देव , हमारे तुम ही देवा । करते रहते नित्य , तुम्हारी हम सब सेवा ।। समझ न पाऊँ आज , करूँ मैं कैसे पूजा । राह दिखाओ आप , नही कोई मेरा दूजा ।। मैं बालक नादान , न पूजन अर्चन जानूँ । करो क्षमा सब भूल , आपको भगवन मानूँ ।। करो कष्ट अब दूर, पड़े अब किस अड़चन में । आन पड़े हैं कष्ट , हमारे कुछ जीवन में ।। दर्शन दो गजराज , भक्त के तुम्हीं सहायक । सुना सभी को आप , दियो हो शुभ फल दायक ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#Ganesh_chaturthi #कविता  White हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में ।
भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।।
लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली ।
करके हैं जयकार , बजाकर हम सब ताली ।। 
प्रथम पूज्य हो देव , हमारे तुम ही देवा ।
करते रहते नित्य , तुम्हारी हम सब सेवा ।।
समझ न पाऊँ आज , करूँ मैं कैसे पूजा ।
राह दिखाओ आप , नही कोई मेरा दूजा ।।
मैं बालक नादान , न पूजन अर्चन जानूँ ।
करो क्षमा सब भूल , आपको भगवन मानूँ ।।
करो कष्ट अब दूर, पड़े अब किस अड़चन में ।
आन पड़े हैं कष्ट , हमारे कुछ जीवन में ।।
दर्शन दो गजराज , भक्त के तुम्हीं सहायक ।
सुना सभी को आप , दियो हो शुभ फल दायक ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#Ganesh_chaturthi हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में । भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।। लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली । करके हैं जयका

13 Love

White मुक्तक :- आज मिलन में पूरी कर दो , गिरधर मेरी साध । वही सलोना श्याम मनोहर , दर्शन दियो अगाध । मैं बालक तुम स्वामी मेरे , हरिजन का हूँ दास - आज शरण में हो जब वंदन , दो बिसरा अपराध ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White मुक्तक :-

आज मिलन में पूरी कर दो , गिरधर मेरी साध ।
वही सलोना श्याम मनोहर , दर्शन दियो अगाध ।
मैं बालक तुम स्वामी मेरे , हरिजन का हूँ दास -
आज शरण में हो जब वंदन , दो बिसरा अपराध ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- आज मिलन में पूरी कर दो , गिरधर मेरी साध । वही सलोना श्याम मनोहर , दर्शन दियो अगाध । मैं बालक तुम स्वामी मेरे , हरिजन का हूँ दा

15 Love

#वीडियो

टीका लगाने के बाद बालक की बिगड़ी हालत, हुई मौत परिजनों ने किया हंगामा

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White राधिका  छन्द :- सुनकर विनती मातु अब , कृपा कर देना । रोग दोष सारे अभी , सुनों हर लेना ।। मैं बालक नादान हूँ , भूल हो जाती । करो क्षमा अपराध सब , आप हो दाती ।। प्रेम ज्योति सब में जले , यही वर माँगा । दे दो भोलेनाथ जी , प्रेम का धागा ।। देख पराई पीर को , लगे सब रोने । यही भाव उत्पन्न हो, हृदय के कोने ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White राधिका  छन्द :-

सुनकर विनती मातु अब , कृपा कर देना ।
रोग दोष सारे अभी , सुनों हर लेना ।।
मैं बालक नादान हूँ , भूल हो जाती ।
करो क्षमा अपराध सब , आप हो दाती ।।

प्रेम ज्योति सब में जले , यही वर माँगा ।
दे दो भोलेनाथ जी , प्रेम का धागा ।।
देख पराई पीर को , लगे सब रोने ।
यही भाव उत्पन्न हो, हृदय के कोने ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

राधिका  छन्द :- सुनकर विनती मातु अब , कृपा कर देना । रोग दोष सारे अभी , सुनों हर लेना ।। मैं बालक नादान हूँ , भूल हो जाती ।

14 Love

दोहा :- जबसे बन्द प्रणाम है, सब कुछ हुआ विराम । रिश्ते आज प्रमाण हैं , सम्मुख है परिणाम ।। भजता आठों याम हूँ , जिनका हर पल नाम । वे ही सुधि लेते नहीं , कण-कण में है धाम ।। हर पल तेरी ही शरण , रहता हूँ घनश्याम । कर दे अब कल्याण तो , मन में लगे विराम ।। सुन लो इस संसार में , दो ही प्यारे नाम । पहला सीता राम है , दूजा राधेश्याम ।। जीवन रक्षक आप हैं , जीवन दाता आप । फिर बतलाएँ आप प्रभु , होता क्यूँ संताप ।। वह मेरा भगवान है , यह तन है परिधान । बस इतना ही जानता , यह बालक नादान ।। डाल बाँह बीवी गले , भूल गये वह फर्ज । अब तो माँ के दूध का , याद नही है कर्ज ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
जबसे बन्द प्रणाम है, सब कुछ हुआ विराम ।
रिश्ते आज प्रमाण हैं , सम्मुख है परिणाम ।।
भजता आठों याम हूँ , जिनका हर पल नाम ।
वे ही सुधि लेते नहीं , कण-कण में है धाम ।।
हर पल तेरी ही शरण , रहता हूँ घनश्याम ।
कर दे अब कल्याण तो , मन में लगे विराम ।।
सुन लो इस संसार में , दो ही प्यारे नाम ।
पहला सीता राम है , दूजा राधेश्याम ।।
जीवन रक्षक आप हैं , जीवन दाता आप ।
फिर बतलाएँ आप प्रभु , होता क्यूँ संताप ।।
वह मेरा भगवान है , यह तन है परिधान ।
बस इतना ही जानता , यह बालक नादान ।।
डाल बाँह बीवी गले , भूल गये वह फर्ज ।
अब तो माँ के दूध का , याद नही है कर्ज ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- जबसे बन्द प्रणाम है, सब कुछ हुआ विराम । रिश्ते आज प्रमाण हैं , सम्मुख है परिणाम ।। भजता आठों याम हूँ , जिनका हर पल नाम । वे ही सुधि

13 Love

#वीडियो #अदनासा #बच्चा #अम्मी #अम्मा #मासूम

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C_5qu0hxspX/?igsh=MWp1Ynd4bjBscmdoeA== #माता #माँ #अम्मा #अम्मी #बालक #

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White हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में । भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।। लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली । करके हैं जयकार , बजाकर हम सब ताली ।।  प्रथम पूज्य हो देव , हमारे तुम ही देवा । करते रहते नित्य , तुम्हारी हम सब सेवा ।। समझ न पाऊँ आज , करूँ मैं कैसे पूजा । राह दिखाओ आप , नही कोई मेरा दूजा ।। मैं बालक नादान , न पूजन अर्चन जानूँ । करो क्षमा सब भूल , आपको भगवन मानूँ ।। करो कष्ट अब दूर, पड़े अब किस अड़चन में । आन पड़े हैं कष्ट , हमारे कुछ जीवन में ।। दर्शन दो गजराज , भक्त के तुम्हीं सहायक । सुना सभी को आप , दियो हो शुभ फल दायक ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#Ganesh_chaturthi #कविता  White हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में ।
भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।।
लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली ।
करके हैं जयकार , बजाकर हम सब ताली ।। 
प्रथम पूज्य हो देव , हमारे तुम ही देवा ।
करते रहते नित्य , तुम्हारी हम सब सेवा ।।
समझ न पाऊँ आज , करूँ मैं कैसे पूजा ।
राह दिखाओ आप , नही कोई मेरा दूजा ।।
मैं बालक नादान , न पूजन अर्चन जानूँ ।
करो क्षमा सब भूल , आपको भगवन मानूँ ।।
करो कष्ट अब दूर, पड़े अब किस अड़चन में ।
आन पड़े हैं कष्ट , हमारे कुछ जीवन में ।।
दर्शन दो गजराज , भक्त के तुम्हीं सहायक ।
सुना सभी को आप , दियो हो शुभ फल दायक ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#Ganesh_chaturthi हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में । भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।। लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली । करके हैं जयका

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White मुक्तक :- आज मिलन में पूरी कर दो , गिरधर मेरी साध । वही सलोना श्याम मनोहर , दर्शन दियो अगाध । मैं बालक तुम स्वामी मेरे , हरिजन का हूँ दास - आज शरण में हो जब वंदन , दो बिसरा अपराध ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White मुक्तक :-

आज मिलन में पूरी कर दो , गिरधर मेरी साध ।
वही सलोना श्याम मनोहर , दर्शन दियो अगाध ।
मैं बालक तुम स्वामी मेरे , हरिजन का हूँ दास -
आज शरण में हो जब वंदन , दो बिसरा अपराध ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- आज मिलन में पूरी कर दो , गिरधर मेरी साध । वही सलोना श्याम मनोहर , दर्शन दियो अगाध । मैं बालक तुम स्वामी मेरे , हरिजन का हूँ दा

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टीका लगाने के बाद बालक की बिगड़ी हालत, हुई मौत परिजनों ने किया हंगामा

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White राधिका  छन्द :- सुनकर विनती मातु अब , कृपा कर देना । रोग दोष सारे अभी , सुनों हर लेना ।। मैं बालक नादान हूँ , भूल हो जाती । करो क्षमा अपराध सब , आप हो दाती ।। प्रेम ज्योति सब में जले , यही वर माँगा । दे दो भोलेनाथ जी , प्रेम का धागा ।। देख पराई पीर को , लगे सब रोने । यही भाव उत्पन्न हो, हृदय के कोने ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White राधिका  छन्द :-

सुनकर विनती मातु अब , कृपा कर देना ।
रोग दोष सारे अभी , सुनों हर लेना ।।
मैं बालक नादान हूँ , भूल हो जाती ।
करो क्षमा अपराध सब , आप हो दाती ।।

प्रेम ज्योति सब में जले , यही वर माँगा ।
दे दो भोलेनाथ जी , प्रेम का धागा ।।
देख पराई पीर को , लगे सब रोने ।
यही भाव उत्पन्न हो, हृदय के कोने ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

राधिका  छन्द :- सुनकर विनती मातु अब , कृपा कर देना । रोग दोष सारे अभी , सुनों हर लेना ।। मैं बालक नादान हूँ , भूल हो जाती ।

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दोहा :- जबसे बन्द प्रणाम है, सब कुछ हुआ विराम । रिश्ते आज प्रमाण हैं , सम्मुख है परिणाम ।। भजता आठों याम हूँ , जिनका हर पल नाम । वे ही सुधि लेते नहीं , कण-कण में है धाम ।। हर पल तेरी ही शरण , रहता हूँ घनश्याम । कर दे अब कल्याण तो , मन में लगे विराम ।। सुन लो इस संसार में , दो ही प्यारे नाम । पहला सीता राम है , दूजा राधेश्याम ।। जीवन रक्षक आप हैं , जीवन दाता आप । फिर बतलाएँ आप प्रभु , होता क्यूँ संताप ।। वह मेरा भगवान है , यह तन है परिधान । बस इतना ही जानता , यह बालक नादान ।। डाल बाँह बीवी गले , भूल गये वह फर्ज । अब तो माँ के दूध का , याद नही है कर्ज ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
जबसे बन्द प्रणाम है, सब कुछ हुआ विराम ।
रिश्ते आज प्रमाण हैं , सम्मुख है परिणाम ।।
भजता आठों याम हूँ , जिनका हर पल नाम ।
वे ही सुधि लेते नहीं , कण-कण में है धाम ।।
हर पल तेरी ही शरण , रहता हूँ घनश्याम ।
कर दे अब कल्याण तो , मन में लगे विराम ।।
सुन लो इस संसार में , दो ही प्यारे नाम ।
पहला सीता राम है , दूजा राधेश्याम ।।
जीवन रक्षक आप हैं , जीवन दाता आप ।
फिर बतलाएँ आप प्रभु , होता क्यूँ संताप ।।
वह मेरा भगवान है , यह तन है परिधान ।
बस इतना ही जानता , यह बालक नादान ।।
डाल बाँह बीवी गले , भूल गये वह फर्ज ।
अब तो माँ के दूध का , याद नही है कर्ज ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- जबसे बन्द प्रणाम है, सब कुछ हुआ विराम । रिश्ते आज प्रमाण हैं , सम्मुख है परिणाम ।। भजता आठों याम हूँ , जिनका हर पल नाम । वे ही सुधि

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