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New नारी सशक्तिकरण पर शायरी Status, Photo, Video

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sahi baat he mujhse ©Mefuj Ansari

#शायरी  sahi baat he mujhse

©Mefuj Ansari

दोस्ती शायरी '15 अगस्त पर शायरी'

12 Love

दिल में प्यार का तूफान लेकर बरसता बादल बन जाऊं हसरत मेरी है की आंखों का तेरी आंखों का काजल बन जाऊं ♥️ ©Dharamveer Kumar

 दिल में प्यार का तूफान लेकर बरसता बादल बन जाऊं हसरत मेरी है की आंखों का तेरी आंखों का काजल बन जाऊं ♥️

©Dharamveer Kumar

काजल पर शायरी

12 Love

तेरी नशीली आंखें ओर उन में लगा काजल हाय तुझको देखते ही पागल हुआ जाता हूं तेरी अंखियों में इश्क देखकर मेरी उम्मीदों का मकसद हौसला तुझ में ना था मुझसे जुदा होने का चांदनी रात भी जल जाए जब तू काजल लगा कर आए💋 ©Dharamveer Kumar

 तेरी नशीली आंखें ओर उन में लगा काजल हाय तुझको देखते ही पागल हुआ जाता हूं तेरी अंखियों में इश्क देखकर मेरी उम्मीदों का मकसद हौसला तुझ में ना था मुझसे जुदा होने का चांदनी रात भी जल जाए जब तू काजल लगा कर आए💋

©Dharamveer Kumar

काजल पर शायरी

12 Love

#शायरी

'15 अगस्त पर शायरी' शायरी लव Kalki हिंदी शायरी

126 View

#शायरी

दोस्ती शायरी '15 अगस्त पर शायरी' शायरी

117 View

काश ये युग भी सतयुग होता.. ना घुंघट की आढ होती , ना स्त्री कोई अभिशाप होती... ना बेटी-बेटे में अंतर होता, ना शिक्षा से कोई वंचित होता... ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता... ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता... उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है... मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है... हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं... क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं... क्या उसको जीने का अधिकार नहीं क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं... क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही, है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही... ©Kiran Ahir

 काश ये युग भी सतयुग होता..
ना घुंघट की आढ होती ,
ना स्त्री कोई अभिशाप होती...
ना बेटी-बेटे में अंतर होता,
ना शिक्षा से कोई वंचित होता...
ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता 
समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता...
ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता
और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता...
उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है 
गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है...
मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है 
फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है...
हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है
क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं...
क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं
क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं...
क्या उसको जीने का अधिकार नहीं 
क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं...
क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही,
है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही...

©Kiran Ahir

नारी

15 Love

sahi baat he mujhse ©Mefuj Ansari

#शायरी  sahi baat he mujhse

©Mefuj Ansari

दोस्ती शायरी '15 अगस्त पर शायरी'

12 Love

दिल में प्यार का तूफान लेकर बरसता बादल बन जाऊं हसरत मेरी है की आंखों का तेरी आंखों का काजल बन जाऊं ♥️ ©Dharamveer Kumar

 दिल में प्यार का तूफान लेकर बरसता बादल बन जाऊं हसरत मेरी है की आंखों का तेरी आंखों का काजल बन जाऊं ♥️

©Dharamveer Kumar

काजल पर शायरी

12 Love

तेरी नशीली आंखें ओर उन में लगा काजल हाय तुझको देखते ही पागल हुआ जाता हूं तेरी अंखियों में इश्क देखकर मेरी उम्मीदों का मकसद हौसला तुझ में ना था मुझसे जुदा होने का चांदनी रात भी जल जाए जब तू काजल लगा कर आए💋 ©Dharamveer Kumar

 तेरी नशीली आंखें ओर उन में लगा काजल हाय तुझको देखते ही पागल हुआ जाता हूं तेरी अंखियों में इश्क देखकर मेरी उम्मीदों का मकसद हौसला तुझ में ना था मुझसे जुदा होने का चांदनी रात भी जल जाए जब तू काजल लगा कर आए💋

©Dharamveer Kumar

काजल पर शायरी

12 Love

#शायरी

'15 अगस्त पर शायरी' शायरी लव Kalki हिंदी शायरी

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#शायरी

दोस्ती शायरी '15 अगस्त पर शायरी' शायरी

117 View

काश ये युग भी सतयुग होता.. ना घुंघट की आढ होती , ना स्त्री कोई अभिशाप होती... ना बेटी-बेटे में अंतर होता, ना शिक्षा से कोई वंचित होता... ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता... ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता... उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है... मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है... हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं... क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं... क्या उसको जीने का अधिकार नहीं क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं... क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही, है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही... ©Kiran Ahir

 काश ये युग भी सतयुग होता..
ना घुंघट की आढ होती ,
ना स्त्री कोई अभिशाप होती...
ना बेटी-बेटे में अंतर होता,
ना शिक्षा से कोई वंचित होता...
ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता 
समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता...
ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता
और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता...
उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है 
गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है...
मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है 
फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है...
हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है
क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं...
क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं
क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं...
क्या उसको जीने का अधिकार नहीं 
क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं...
क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही,
है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही...

©Kiran Ahir

नारी

15 Love

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