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#हिंदी_कविता #हिंदीnojoto #तितलीऔर #hunarbaaz

#hunarbaaz #हिंदीnojoto #हिंदी_कविता #तितलीऔर बिटिया ANOOP PANDEY MoHiTRoCk F44 शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) MRS SHARMA Mili Saha poonam

252 View

#SAD  मां की कोख से बचकर दुनियां को,
देखने की ओर कदम बढ़ाया ही था।
मुझे क्या पता था ये दुनियां ऐसी हैं,
वरना मां की कोख में मरना ही सही था।।

©Manoj Kumar

मेरी प्यारी बिटिया😔😞 Hinduism sad quotes Extraterrestrial life

99 View

#मोटिवेशनल

बिटिया को अब न्याय चाहिए प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स

99 View

White मनहरण घनाक्षरी :- खूब गीत गाओ सब , ढोल भी बजाओ सब गुडिय़ा रानी घर आयी , लड्डू बटवाइये । देख मग्न भाई सभी , दादी-दादा ताई सभी , मम्मी पापा आप बने , खुशियाँ मनाइये । नेक चार बुआ फूफा , पाये हैं खूब तोहफ़ा , खुशी-खुशी बिटिया पे, प्यार तो लुटाइये । मंगल ही मंगल हो , न अब अमंगल हो , बिटिया को ऐसा सब , आशीष दे जाइये ।।१ नहीं मोल भाव कर , व्यर्थ न सवाल कर , आँख मूँद रिश्तें यहाँ, चलिये निभाइये । कौन गोरा कौन काला , कौन धनी कौन ग्वाला यह तो संसार प्यारे ,  हमें न बताइये । स्वार्थ से तू परा नहीं , किसमें ये भरा नहीं, राम जी की नैय्या यह , खेव के दिखाइये । आप हम और नहीं ,  निश्चित ही ठौर नहीं, चलते रहिये फिर , नही भरमाइये ।।२ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White मनहरण घनाक्षरी :-

खूब गीत गाओ सब , ढोल भी बजाओ सब
गुडिय़ा रानी घर आयी , लड्डू बटवाइये ।
देख मग्न भाई सभी , दादी-दादा ताई सभी ,
मम्मी पापा आप बने , खुशियाँ मनाइये ।
नेक चार बुआ फूफा , पाये हैं खूब तोहफ़ा ,
खुशी-खुशी बिटिया पे, प्यार तो लुटाइये ।
मंगल ही मंगल हो , न अब अमंगल हो ,
बिटिया को ऐसा सब , आशीष दे जाइये ।।१

नहीं मोल भाव कर , व्यर्थ न सवाल कर ,
आँख मूँद रिश्तें यहाँ, चलिये निभाइये ।
कौन गोरा कौन काला , कौन धनी कौन ग्वाला
यह तो संसार प्यारे ,  हमें न बताइये ।
स्वार्थ से तू परा नहीं , किसमें ये भरा नहीं,
राम जी की नैय्या यह , खेव के दिखाइये ।
आप हम और नहीं ,  निश्चित ही ठौर नहीं,
चलते रहिये फिर , नही भरमाइये ।।२

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मनहरण घनाक्षरी :- खूब गीत गाओ सब , ढोल भी बजाओ सब गुडिय़ा रानी घर आयी , लड्डू बटवाइये । देख मग्न भाई सभी , दादी-दादा ताई सभी , मम्मी पापा आप

9 Love

White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज

#पुराने #love_shayari  White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था,
मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी?
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी।
लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं!
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था?
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी?
किसने आपके कपड़े धोये?
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी?
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था?
कौन फसल लाता था?
कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना।
जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
. . . *और कहते है कि छुआछूत था।*
*यह छुआछूत की बीमारी  अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।*
*जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई  उल्लेख नहीं करता।*
*अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,*
*बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,*
*कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!*
जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये..
देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं!
*सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...*
* एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*.

©भारद्वाज

#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर

11 Love

#हिंदी_कविता #हिंदीnojoto #तितलीऔर #hunarbaaz

#hunarbaaz #हिंदीnojoto #हिंदी_कविता #तितलीऔर बिटिया ANOOP PANDEY MoHiTRoCk F44 शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) MRS SHARMA Mili Saha poonam

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#SAD  मां की कोख से बचकर दुनियां को,
देखने की ओर कदम बढ़ाया ही था।
मुझे क्या पता था ये दुनियां ऐसी हैं,
वरना मां की कोख में मरना ही सही था।।

©Manoj Kumar

मेरी प्यारी बिटिया😔😞 Hinduism sad quotes Extraterrestrial life

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#मोटिवेशनल

बिटिया को अब न्याय चाहिए प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स

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White मनहरण घनाक्षरी :- खूब गीत गाओ सब , ढोल भी बजाओ सब गुडिय़ा रानी घर आयी , लड्डू बटवाइये । देख मग्न भाई सभी , दादी-दादा ताई सभी , मम्मी पापा आप बने , खुशियाँ मनाइये । नेक चार बुआ फूफा , पाये हैं खूब तोहफ़ा , खुशी-खुशी बिटिया पे, प्यार तो लुटाइये । मंगल ही मंगल हो , न अब अमंगल हो , बिटिया को ऐसा सब , आशीष दे जाइये ।।१ नहीं मोल भाव कर , व्यर्थ न सवाल कर , आँख मूँद रिश्तें यहाँ, चलिये निभाइये । कौन गोरा कौन काला , कौन धनी कौन ग्वाला यह तो संसार प्यारे ,  हमें न बताइये । स्वार्थ से तू परा नहीं , किसमें ये भरा नहीं, राम जी की नैय्या यह , खेव के दिखाइये । आप हम और नहीं ,  निश्चित ही ठौर नहीं, चलते रहिये फिर , नही भरमाइये ।।२ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White मनहरण घनाक्षरी :-

खूब गीत गाओ सब , ढोल भी बजाओ सब
गुडिय़ा रानी घर आयी , लड्डू बटवाइये ।
देख मग्न भाई सभी , दादी-दादा ताई सभी ,
मम्मी पापा आप बने , खुशियाँ मनाइये ।
नेक चार बुआ फूफा , पाये हैं खूब तोहफ़ा ,
खुशी-खुशी बिटिया पे, प्यार तो लुटाइये ।
मंगल ही मंगल हो , न अब अमंगल हो ,
बिटिया को ऐसा सब , आशीष दे जाइये ।।१

नहीं मोल भाव कर , व्यर्थ न सवाल कर ,
आँख मूँद रिश्तें यहाँ, चलिये निभाइये ।
कौन गोरा कौन काला , कौन धनी कौन ग्वाला
यह तो संसार प्यारे ,  हमें न बताइये ।
स्वार्थ से तू परा नहीं , किसमें ये भरा नहीं,
राम जी की नैय्या यह , खेव के दिखाइये ।
आप हम और नहीं ,  निश्चित ही ठौर नहीं,
चलते रहिये फिर , नही भरमाइये ।।२

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मनहरण घनाक्षरी :- खूब गीत गाओ सब , ढोल भी बजाओ सब गुडिय़ा रानी घर आयी , लड्डू बटवाइये । देख मग्न भाई सभी , दादी-दादा ताई सभी , मम्मी पापा आप

9 Love

White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज

#पुराने #love_shayari  White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था,
मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी?
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी।
लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं!
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था?
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी?
किसने आपके कपड़े धोये?
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी?
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था?
कौन फसल लाता था?
कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना।
जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
. . . *और कहते है कि छुआछूत था।*
*यह छुआछूत की बीमारी  अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।*
*जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई  उल्लेख नहीं करता।*
*अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,*
*बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,*
*कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!*
जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये..
देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं!
*सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...*
* एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*.

©भारद्वाज

#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर

11 Love

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