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“प्रभु इस विनती को कर लेना स्वीकार, कल से देखना माता की जय जयकार।“ कल नवरात्रि में माता भवानी आ रही है, गणेश गजानन जी आप भी जरूर आना! आपके स्वागत में, कोई कमी नहीं होगी, आप जितना चाहो, मोदक भोग लागाना! गणेश गजानन जी……… भरी हुई होगी सामने मिष्ठान की थाली, नहीं कर पाओगे प्रभु, आप थाली खाली। लड्डू, केला, मेवा भी खिलाऊंगा आपको, भूल जाओगे देवलोक को लौटकर जाना! गणेश गजानन जी…….. माता जगदम्बा पूर्ण करेगी सबकी आशा, मेला लगेगा जिसमें देखना नाच तमाशा। भक्तों की भक्ति में शक्ति मिल जाएगी, धीमी गति सवारी का, बनाना न बहाना! गणेश गजानन जी……….. हम लगते सेवक आपके, आप हैं विधाता, प्रभु आपसे है हमारा, जन्म जन्म नाता। आपके पधारने से मंगल ही मंगल होगा, सारी दुनिया चाहती, आपके दर्शन पाना। गणेश गजानन जी………… ©IG @kavi_neetesh

#GaneshChaturthi #भक्ति  “प्रभु इस विनती को कर लेना स्वीकार,
कल से देखना माता की जय जयकार।“

कल नवरात्रि में माता भवानी आ रही है,
गणेश गजानन जी आप भी जरूर आना!
आपके स्वागत में, कोई कमी नहीं होगी,
आप जितना चाहो, मोदक भोग लागाना!
गणेश गजानन जी………

भरी हुई होगी सामने मिष्ठान की थाली,
नहीं कर पाओगे प्रभु, आप थाली खाली।
लड्डू, केला, मेवा भी खिलाऊंगा आपको,
भूल जाओगे देवलोक को लौटकर जाना!
गणेश गजानन जी……..

माता जगदम्बा पूर्ण करेगी सबकी आशा,
मेला लगेगा जिसमें देखना नाच तमाशा।
भक्तों की भक्ति में शक्ति मिल जाएगी,
धीमी गति सवारी का, बनाना न बहाना!
गणेश गजानन जी………..

हम लगते सेवक आपके, आप हैं विधाता,
प्रभु आपसे है हमारा, जन्म जन्म नाता।
आपके पधारने से मंगल ही मंगल होगा,
सारी दुनिया चाहती, आपके दर्शन पाना।
गणेश गजानन जी…………

©IG @kavi_neetesh

#GaneshChaturthi भक्ति फिल्म Hinduism भक्ति भजन राधा कृष्ण के भजन भक्ति सागर भक्ति गीत : नवरात्रि में आना गणेश जी “प्रभु इस विनती को क

17 Love

#विचार #prashantkishor #digitalyoddha #jansuraaj #bihar

नाच गानों के लिए समय है लेकिन अपने बच्चों के पढ़ाई के लिए नहीं । #jansuraaj #prashantkishor #bihar #viral #digitalyoddha शुभ विचार

99 View

White आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ भी रही है वह। होकर नाराज़ नभ देख रही है और मैं उसकी आँखों में देखते-देखते दस बजे सजे पुस्तक-पन्नों के शब्दाें को फेसबुक; व्हाट्सएप; इंस्टाग्रामादि पर सजा रहा हूँ, "प्रसन्न बच्चों की आवाज़ें सर्वत्र गूँज रही हैं; सभी के लिए यह दिवा मेहमान है, पतंगों से सजा आसमान है, जिसकी ओर कविता का भी ध्यान है और उसकी ओर मेरा ध्यान है। लाल-पीली; हरी-नीली-पतंगें युद्ध-खेल खेल रही हैं अनंत आसमानी पानी और बादलों के बगीचे में मैंने देखा उन्हें कविता की आँखों से भरी पड़ी प्रत्येक छत है, प्रत्येक पतंग प्रतिस्पर्धा में रत है, कई किन्हीं इशारों पर नाच रही हैं, कई मुक्ति पाने-जाने के लिए छटपटा रहीं हैं, पिन्नी वाली फटी फटफटा रही हैं, कई मुक्त हुए जा रही हैं पश्चिम से पूर्व की ओर मस्ती में ठुमका लगाते हुए जा रही हैं अपने लक्ष्य की ओर तो कई कैदी बने रो रही हैं पक्के धागे के पिंजरे में, जिस प्रकार पक्षी (पतंग) अपने अंग-अंग को पटकते हैं पिजरे में बड़ी बेरहमी से फिर कविता की आँखों की नमी से पूछा मैंने कि क्या हुआ इससे आगे, क्या टूट गये वे सारे धागे? कविता ने कहा, "टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी पतंगों के धागे, टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी भिन्न-भिन्न रंगों के धागे। है आवश्यक अभी कि काश टूट जाते बुराई के धागे!!" . ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni

#पतंगों_के_प्रति #कविता  White 
आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है
पर सुंदर नहीं लग रही है
न नहाने-खाने के कारण
स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण
चिढ भी रही है वह।
होकर नाराज़ नभ देख रही है
और मैं उसकी आँखों में 
देखते-देखते दस बजे सजे
पुस्तक-पन्नों के शब्दाें को फेसबुक; व्हाट्सएप; इंस्टाग्रामादि पर सजा रहा हूँ,
"प्रसन्न बच्चों की आवाज़ें सर्वत्र गूँज रही हैं;
सभी के लिए यह दिवा मेहमान है,
पतंगों से सजा आसमान है,
जिसकी ओर कविता का भी ध्यान है
और उसकी ओर मेरा ध्यान है।
लाल-पीली; हरी-नीली-पतंगें युद्ध-खेल खेल रही हैं
अनंत आसमानी पानी  और बादलों के बगीचे में
मैंने देखा उन्हें कविता की आँखों से
भरी पड़ी प्रत्येक छत है,
प्रत्येक पतंग प्रतिस्पर्धा में रत है,
कई किन्हीं इशारों पर नाच रही हैं,
कई मुक्ति पाने-जाने के लिए छटपटा रहीं हैं,
पिन्नी वाली फटी फटफटा रही हैं,
कई मुक्त हुए जा रही हैं
पश्चिम से पूर्व की ओर मस्ती में ठुमका लगाते हुए
जा रही हैं अपने लक्ष्य की ओर
तो कई कैदी बने रो रही हैं पक्के धागे के पिंजरे में,
जिस प्रकार पक्षी (पतंग)
अपने अंग-अंग को पटकते हैं पिजरे में बड़ी बेरहमी से
फिर कविता की आँखों की नमी से
पूछा मैंने कि क्या हुआ इससे आगे,
क्या टूट गये वे सारे धागे?
कविता ने कहा, "टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी पतंगों के धागे,
टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी भिन्न-भिन्न रंगों के धागे।
है आवश्यक अभी कि काश टूट जाते बुराई के धागे!!"
     .                      ...✍️विकास साहनी

©Vikas Sahni

#पतंगों_के_प्रति आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ

13 Love

White जब तुम होगे तो एक नई कहानी होगी जब तुम होगे तो हसीं जिंदगानी होगी तेरे होने से ही कट जाएंगी आधी बला मेरी तुम होगे तो शमा कुछ दीवानी होगी तुम नहीं हो पर तुम्हारा एहसास रहता है दिल की धड़कन में तेरा आभास सा रहता हैं मन के किसी कोने में बैठा मन मयूर नाच उठता है तेरे ना होने पर तेरी यादों का साथ साथ होता हैं तुम हो तो वीरान जिंदगी भी जन्नत से हसीं लगती हैं तुम्हारे होने से ही मैं हूँ हरी भरी दिल की बस्ती हैं तुम्हारा साथ होना ही अंजान काफ़ी हैं मेरे लिए तुम होती हों तो सुबह प्यारी शामें हसीं लगती है अंकुर तिवारी . ©Ankur tiwari

#sad_shayari #Quotes  White जब तुम होगे तो एक नई कहानी होगी 
जब तुम होगे तो हसीं जिंदगानी होगी 
तेरे होने से ही कट जाएंगी आधी बला मेरी 
तुम होगे तो शमा कुछ दीवानी होगी 

तुम नहीं हो पर तुम्हारा एहसास रहता है 
दिल की धड़कन में तेरा आभास सा रहता हैं 
मन के किसी कोने में बैठा मन मयूर नाच उठता है 
तेरे ना होने पर तेरी यादों का साथ साथ होता हैं 

तुम हो तो वीरान जिंदगी भी जन्नत से हसीं लगती हैं 
तुम्हारे होने से ही मैं हूँ हरी भरी दिल की बस्ती हैं 
तुम्हारा साथ होना ही अंजान काफ़ी हैं मेरे लिए 
तुम होती हों तो सुबह प्यारी शामें हसीं लगती है 
अंकुर तिवारी





.

©Ankur tiwari

#sad_shayari जब तुम होगे तो एक नई कहानी होगी जब तुम होगे तो हसीं जिंदगानी होगी तेरे होने से ही कट जाएंगी आधी बला मेरी तुम होगे तो शमा कुछ

11 Love

#वीडियो

इक नाच भाभीजी की

126 View

#तालमेल #वीडियो #अदनासा #नृत्य #अदभुत #संगीत

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C52ii6_Ijrb/?igsh=MTN1YXEzb202Nnd5bQ== #कला #नृत्य #नाच #संगीत #धुन #ता

162 View

“प्रभु इस विनती को कर लेना स्वीकार, कल से देखना माता की जय जयकार।“ कल नवरात्रि में माता भवानी आ रही है, गणेश गजानन जी आप भी जरूर आना! आपके स्वागत में, कोई कमी नहीं होगी, आप जितना चाहो, मोदक भोग लागाना! गणेश गजानन जी……… भरी हुई होगी सामने मिष्ठान की थाली, नहीं कर पाओगे प्रभु, आप थाली खाली। लड्डू, केला, मेवा भी खिलाऊंगा आपको, भूल जाओगे देवलोक को लौटकर जाना! गणेश गजानन जी…….. माता जगदम्बा पूर्ण करेगी सबकी आशा, मेला लगेगा जिसमें देखना नाच तमाशा। भक्तों की भक्ति में शक्ति मिल जाएगी, धीमी गति सवारी का, बनाना न बहाना! गणेश गजानन जी……….. हम लगते सेवक आपके, आप हैं विधाता, प्रभु आपसे है हमारा, जन्म जन्म नाता। आपके पधारने से मंगल ही मंगल होगा, सारी दुनिया चाहती, आपके दर्शन पाना। गणेश गजानन जी………… ©IG @kavi_neetesh

#GaneshChaturthi #भक्ति  “प्रभु इस विनती को कर लेना स्वीकार,
कल से देखना माता की जय जयकार।“

कल नवरात्रि में माता भवानी आ रही है,
गणेश गजानन जी आप भी जरूर आना!
आपके स्वागत में, कोई कमी नहीं होगी,
आप जितना चाहो, मोदक भोग लागाना!
गणेश गजानन जी………

भरी हुई होगी सामने मिष्ठान की थाली,
नहीं कर पाओगे प्रभु, आप थाली खाली।
लड्डू, केला, मेवा भी खिलाऊंगा आपको,
भूल जाओगे देवलोक को लौटकर जाना!
गणेश गजानन जी……..

माता जगदम्बा पूर्ण करेगी सबकी आशा,
मेला लगेगा जिसमें देखना नाच तमाशा।
भक्तों की भक्ति में शक्ति मिल जाएगी,
धीमी गति सवारी का, बनाना न बहाना!
गणेश गजानन जी………..

हम लगते सेवक आपके, आप हैं विधाता,
प्रभु आपसे है हमारा, जन्म जन्म नाता।
आपके पधारने से मंगल ही मंगल होगा,
सारी दुनिया चाहती, आपके दर्शन पाना।
गणेश गजानन जी…………

©IG @kavi_neetesh

#GaneshChaturthi भक्ति फिल्म Hinduism भक्ति भजन राधा कृष्ण के भजन भक्ति सागर भक्ति गीत : नवरात्रि में आना गणेश जी “प्रभु इस विनती को क

17 Love

#विचार #prashantkishor #digitalyoddha #jansuraaj #bihar

नाच गानों के लिए समय है लेकिन अपने बच्चों के पढ़ाई के लिए नहीं । #jansuraaj #prashantkishor #bihar #viral #digitalyoddha शुभ विचार

99 View

White आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ भी रही है वह। होकर नाराज़ नभ देख रही है और मैं उसकी आँखों में देखते-देखते दस बजे सजे पुस्तक-पन्नों के शब्दाें को फेसबुक; व्हाट्सएप; इंस्टाग्रामादि पर सजा रहा हूँ, "प्रसन्न बच्चों की आवाज़ें सर्वत्र गूँज रही हैं; सभी के लिए यह दिवा मेहमान है, पतंगों से सजा आसमान है, जिसकी ओर कविता का भी ध्यान है और उसकी ओर मेरा ध्यान है। लाल-पीली; हरी-नीली-पतंगें युद्ध-खेल खेल रही हैं अनंत आसमानी पानी और बादलों के बगीचे में मैंने देखा उन्हें कविता की आँखों से भरी पड़ी प्रत्येक छत है, प्रत्येक पतंग प्रतिस्पर्धा में रत है, कई किन्हीं इशारों पर नाच रही हैं, कई मुक्ति पाने-जाने के लिए छटपटा रहीं हैं, पिन्नी वाली फटी फटफटा रही हैं, कई मुक्त हुए जा रही हैं पश्चिम से पूर्व की ओर मस्ती में ठुमका लगाते हुए जा रही हैं अपने लक्ष्य की ओर तो कई कैदी बने रो रही हैं पक्के धागे के पिंजरे में, जिस प्रकार पक्षी (पतंग) अपने अंग-अंग को पटकते हैं पिजरे में बड़ी बेरहमी से फिर कविता की आँखों की नमी से पूछा मैंने कि क्या हुआ इससे आगे, क्या टूट गये वे सारे धागे? कविता ने कहा, "टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी पतंगों के धागे, टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी भिन्न-भिन्न रंगों के धागे। है आवश्यक अभी कि काश टूट जाते बुराई के धागे!!" . ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni

#पतंगों_के_प्रति #कविता  White 
आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है
पर सुंदर नहीं लग रही है
न नहाने-खाने के कारण
स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण
चिढ भी रही है वह।
होकर नाराज़ नभ देख रही है
और मैं उसकी आँखों में 
देखते-देखते दस बजे सजे
पुस्तक-पन्नों के शब्दाें को फेसबुक; व्हाट्सएप; इंस्टाग्रामादि पर सजा रहा हूँ,
"प्रसन्न बच्चों की आवाज़ें सर्वत्र गूँज रही हैं;
सभी के लिए यह दिवा मेहमान है,
पतंगों से सजा आसमान है,
जिसकी ओर कविता का भी ध्यान है
और उसकी ओर मेरा ध्यान है।
लाल-पीली; हरी-नीली-पतंगें युद्ध-खेल खेल रही हैं
अनंत आसमानी पानी  और बादलों के बगीचे में
मैंने देखा उन्हें कविता की आँखों से
भरी पड़ी प्रत्येक छत है,
प्रत्येक पतंग प्रतिस्पर्धा में रत है,
कई किन्हीं इशारों पर नाच रही हैं,
कई मुक्ति पाने-जाने के लिए छटपटा रहीं हैं,
पिन्नी वाली फटी फटफटा रही हैं,
कई मुक्त हुए जा रही हैं
पश्चिम से पूर्व की ओर मस्ती में ठुमका लगाते हुए
जा रही हैं अपने लक्ष्य की ओर
तो कई कैदी बने रो रही हैं पक्के धागे के पिंजरे में,
जिस प्रकार पक्षी (पतंग)
अपने अंग-अंग को पटकते हैं पिजरे में बड़ी बेरहमी से
फिर कविता की आँखों की नमी से
पूछा मैंने कि क्या हुआ इससे आगे,
क्या टूट गये वे सारे धागे?
कविता ने कहा, "टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी पतंगों के धागे,
टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी भिन्न-भिन्न रंगों के धागे।
है आवश्यक अभी कि काश टूट जाते बुराई के धागे!!"
     .                      ...✍️विकास साहनी

©Vikas Sahni

#पतंगों_के_प्रति आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ

13 Love

White जब तुम होगे तो एक नई कहानी होगी जब तुम होगे तो हसीं जिंदगानी होगी तेरे होने से ही कट जाएंगी आधी बला मेरी तुम होगे तो शमा कुछ दीवानी होगी तुम नहीं हो पर तुम्हारा एहसास रहता है दिल की धड़कन में तेरा आभास सा रहता हैं मन के किसी कोने में बैठा मन मयूर नाच उठता है तेरे ना होने पर तेरी यादों का साथ साथ होता हैं तुम हो तो वीरान जिंदगी भी जन्नत से हसीं लगती हैं तुम्हारे होने से ही मैं हूँ हरी भरी दिल की बस्ती हैं तुम्हारा साथ होना ही अंजान काफ़ी हैं मेरे लिए तुम होती हों तो सुबह प्यारी शामें हसीं लगती है अंकुर तिवारी . ©Ankur tiwari

#sad_shayari #Quotes  White जब तुम होगे तो एक नई कहानी होगी 
जब तुम होगे तो हसीं जिंदगानी होगी 
तेरे होने से ही कट जाएंगी आधी बला मेरी 
तुम होगे तो शमा कुछ दीवानी होगी 

तुम नहीं हो पर तुम्हारा एहसास रहता है 
दिल की धड़कन में तेरा आभास सा रहता हैं 
मन के किसी कोने में बैठा मन मयूर नाच उठता है 
तेरे ना होने पर तेरी यादों का साथ साथ होता हैं 

तुम हो तो वीरान जिंदगी भी जन्नत से हसीं लगती हैं 
तुम्हारे होने से ही मैं हूँ हरी भरी दिल की बस्ती हैं 
तुम्हारा साथ होना ही अंजान काफ़ी हैं मेरे लिए 
तुम होती हों तो सुबह प्यारी शामें हसीं लगती है 
अंकुर तिवारी





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©Ankur tiwari

#sad_shayari जब तुम होगे तो एक नई कहानी होगी जब तुम होगे तो हसीं जिंदगानी होगी तेरे होने से ही कट जाएंगी आधी बला मेरी तुम होगे तो शमा कुछ

11 Love

#वीडियो

इक नाच भाभीजी की

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#तालमेल #वीडियो #अदनासा #नृत्य #अदभुत #संगीत

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C52ii6_Ijrb/?igsh=MTN1YXEzb202Nnd5bQ== #कला #नृत्य #नाच #संगीत #धुन #ता

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