tags

New पिता का पर्यायवाची शब्द Status, Photo, Video

Find the latest Status about पिता का पर्यायवाची शब्द from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about पिता का पर्यायवाची शब्द.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#शब्द

खेल शब्दों का है #शब्द

126 View

पिता की यादों में है वो ख़ामोश रहमत, उनके लफ़्ज़ों में आज भी वफ़ा का पैग़ाम बाकी है। हर मुश्किल घड़ी में वो हौसला बनकर आते हैं, वो दुनिया से रुख़्सत हुए, पर उनका असर बाकी है। वो चले गए, छोड़ गए ज़िंदगी की तालीम, उनके नक्श-ए-राह पर हर कदम का निशां बाकी है। जब भी टूटता हूँ सफर की ठोकरों में कहीं, उठाने को आज भी उनका अरमां बाकी है। पिता का साया आज भी है मेरे साथ यूं, उनकी दुआओं का साया हर राह पे बाकी है। चले गए वो फलक के सफर पर दूर कहीं, पर उनकी मौजूदगी का एहसास हर सांस में बाकी है। वो जुदा हुए, पर छोड़ गए अनमोल ख़ज़ाना, यादों में बसा है महकता उनका गुलिस्तां बाकी है। अब वो सितारा बनकर आसमां में रोशन हैं, उनकी रौशनी से मेरी हर रात और सुबह बाकी है। जैसे अंधेरों में चिराग़ की लौ जलती है, वैसे ही उनकी यादों का उजाला हर लम्हा बाकी है। इस फानी दुनिया से वो चले गए हैं भले, मगर मेरे दिल में वो जिंदा हैं, उनका हर वो लम्हा बाकी है। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #पिता  पिता की यादों में है वो ख़ामोश रहमत,
उनके लफ़्ज़ों में आज भी वफ़ा का पैग़ाम बाकी है।
हर मुश्किल घड़ी में वो हौसला बनकर आते हैं,
वो दुनिया से रुख़्सत हुए, पर उनका असर बाकी है।

वो चले गए, छोड़ गए ज़िंदगी की तालीम,
उनके नक्श-ए-राह पर हर कदम का निशां बाकी है।
जब भी टूटता हूँ सफर की ठोकरों में कहीं,
उठाने को आज भी उनका अरमां बाकी है।

पिता का साया आज भी है मेरे साथ यूं,
उनकी दुआओं का साया हर राह पे बाकी है।
चले गए वो फलक के सफर पर दूर कहीं,
पर उनकी मौजूदगी का एहसास हर सांस में बाकी है।

वो जुदा हुए, पर छोड़ गए अनमोल ख़ज़ाना,
यादों में बसा है महकता उनका गुलिस्तां बाकी है।
अब वो सितारा बनकर आसमां में रोशन हैं,
उनकी रौशनी से मेरी हर रात और सुबह बाकी है।

जैसे अंधेरों में चिराग़ की लौ जलती है,
वैसे ही उनकी यादों का उजाला हर लम्हा बाकी है।
इस फानी दुनिया से वो चले गए हैं भले,
मगर मेरे दिल में वो जिंदा हैं, उनका हर वो लम्हा बाकी है।

©नवनीत ठाकुर

#पिता का साया

14 Love

माता पिता का आशीर्वाद ©Bittu brind

#शायरी  माता पिता का आशीर्वाद

©Bittu brind

माता पिता का आशीर्वाद हिंदी शायरी शायरी हिंदी में

7 Love

#कविता  जब भी सीने की धड़कन बढ़ती है,

वो पिता अपने परिवार की सोच रहा होता है।

आंखो के आंसू की कीमत कितनी है,,

बेटा अंगुलियां गिन के बालों को नोच रहा होता है।


पिता के अंदर कितनी जरूरतों का बोझ है,

उसी बोझ तले पिता दब जाता है।

वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,,

और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।।


एक पिता ही है जनाब जो मां की ममता को,

अपने परिवार के ऊपर न्यौछावर कर देता है।

और लाड प्यार का सारा हिस्सा जो उन्हें मिला,,

अपने परिवार पर चंद लम्हों में लुटा देता है।


पिता का हाथ जब तक माथे पर रहता है,

संतान को कभी दुख महसूस नहीं हो पाता है।

वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,,

और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।।

©Satish Kumar Meena

पिता

108 View

पिता ज़िम्मेदारियों की कसौटी पर वो बैठा ख्वाहिशें अपनी अंदर ही रौंदाता, सर पर मेरेउसके आशीष का पहरा दुःख क्लेश पर उनके प्रेम का परदा, परेशानियाँ खुद की खुद तक छिपाये संकट संतान के वो खुद पर ले आये, जैसे पास कोई उनके रामबाण हो समस्या उनके लिए कोई आम बात हो, जो भी मुसीबत आये चाहे जब भी दिखाये जैसे कुछ हुआ ही नहीं, पता नहीं कैसे करते ये सब अब भी हर पल बिताता होगा बस चिंता में ही, नींद -चैन जो अपने दिन- रात गँवाए तो दर्द कोई हमको कैसे छु पाए..? पिता की उन पावन चरणों की हम तो भाग्यशाली धूल माटी.., प्रणाम है ऐसे संकट मोचन को..! जो मोती बनाया हम धूल कणों को । ©Deepali Singh

#Motivational  पिता

ज़िम्मेदारियों की कसौटी पर वो बैठा
ख्वाहिशें अपनी अंदर ही रौंदाता, 
सर पर मेरेउसके आशीष का पहरा
दुःख क्लेश पर उनके प्रेम का परदा, 
परेशानियाँ खुद की खुद तक छिपाये
संकट संतान के वो खुद पर ले आये, 
जैसे पास कोई उनके रामबाण हो
समस्या उनके लिए कोई आम बात हो, 
जो भी मुसीबत आये चाहे जब भी
दिखाये जैसे कुछ हुआ ही नहीं, 
पता नहीं कैसे करते ये सब अब भी
हर पल बिताता होगा बस चिंता में ही, 
नींद -चैन जो अपने दिन- रात गँवाए
तो दर्द कोई हमको कैसे छु पाए..? 
पिता की उन पावन चरणों की
हम तो भाग्यशाली धूल माटी.., 
प्रणाम है ऐसे संकट मोचन को..! 
जो मोती बनाया हम धूल कणों को ।

©Deepali Singh

पिता

12 Love

#कविता  जब भी सीने की धड़कन बढ़ती है,

वो पिता अपने परिवार की सोच रहा होता है।

आंखो के आंसू की कीमत कितनी है,,

बेटा अंगुलियां गिन के बालों को नोच रहा होता है।


पिता के अंदर कितनी जरूरतों का बोझ है,

उसी बोझ तले पिता दब जाता है।

वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,,

और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।।


एक पिता ही है जनाब जो मां की ममता को,

अपने परिवार के ऊपर न्यौछावर कर देता है।

और लाड प्यार का सारा हिस्सा जो उन्हें मिला,,

अपने परिवार पर चंद लम्हों में लुटा देता है।


पिता का हाथ जब तक माथे पर रहता है,

संतान को कभी दुख महसूस नहीं हो पाता है।

वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,,

और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।।

©Satish Kumar Meena

पिता

162 View

#शब्द

खेल शब्दों का है #शब्द

126 View

पिता की यादों में है वो ख़ामोश रहमत, उनके लफ़्ज़ों में आज भी वफ़ा का पैग़ाम बाकी है। हर मुश्किल घड़ी में वो हौसला बनकर आते हैं, वो दुनिया से रुख़्सत हुए, पर उनका असर बाकी है। वो चले गए, छोड़ गए ज़िंदगी की तालीम, उनके नक्श-ए-राह पर हर कदम का निशां बाकी है। जब भी टूटता हूँ सफर की ठोकरों में कहीं, उठाने को आज भी उनका अरमां बाकी है। पिता का साया आज भी है मेरे साथ यूं, उनकी दुआओं का साया हर राह पे बाकी है। चले गए वो फलक के सफर पर दूर कहीं, पर उनकी मौजूदगी का एहसास हर सांस में बाकी है। वो जुदा हुए, पर छोड़ गए अनमोल ख़ज़ाना, यादों में बसा है महकता उनका गुलिस्तां बाकी है। अब वो सितारा बनकर आसमां में रोशन हैं, उनकी रौशनी से मेरी हर रात और सुबह बाकी है। जैसे अंधेरों में चिराग़ की लौ जलती है, वैसे ही उनकी यादों का उजाला हर लम्हा बाकी है। इस फानी दुनिया से वो चले गए हैं भले, मगर मेरे दिल में वो जिंदा हैं, उनका हर वो लम्हा बाकी है। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #पिता  पिता की यादों में है वो ख़ामोश रहमत,
उनके लफ़्ज़ों में आज भी वफ़ा का पैग़ाम बाकी है।
हर मुश्किल घड़ी में वो हौसला बनकर आते हैं,
वो दुनिया से रुख़्सत हुए, पर उनका असर बाकी है।

वो चले गए, छोड़ गए ज़िंदगी की तालीम,
उनके नक्श-ए-राह पर हर कदम का निशां बाकी है।
जब भी टूटता हूँ सफर की ठोकरों में कहीं,
उठाने को आज भी उनका अरमां बाकी है।

पिता का साया आज भी है मेरे साथ यूं,
उनकी दुआओं का साया हर राह पे बाकी है।
चले गए वो फलक के सफर पर दूर कहीं,
पर उनकी मौजूदगी का एहसास हर सांस में बाकी है।

वो जुदा हुए, पर छोड़ गए अनमोल ख़ज़ाना,
यादों में बसा है महकता उनका गुलिस्तां बाकी है।
अब वो सितारा बनकर आसमां में रोशन हैं,
उनकी रौशनी से मेरी हर रात और सुबह बाकी है।

जैसे अंधेरों में चिराग़ की लौ जलती है,
वैसे ही उनकी यादों का उजाला हर लम्हा बाकी है।
इस फानी दुनिया से वो चले गए हैं भले,
मगर मेरे दिल में वो जिंदा हैं, उनका हर वो लम्हा बाकी है।

©नवनीत ठाकुर

#पिता का साया

14 Love

माता पिता का आशीर्वाद ©Bittu brind

#शायरी  माता पिता का आशीर्वाद

©Bittu brind

माता पिता का आशीर्वाद हिंदी शायरी शायरी हिंदी में

7 Love

#कविता  जब भी सीने की धड़कन बढ़ती है,

वो पिता अपने परिवार की सोच रहा होता है।

आंखो के आंसू की कीमत कितनी है,,

बेटा अंगुलियां गिन के बालों को नोच रहा होता है।


पिता के अंदर कितनी जरूरतों का बोझ है,

उसी बोझ तले पिता दब जाता है।

वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,,

और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।।


एक पिता ही है जनाब जो मां की ममता को,

अपने परिवार के ऊपर न्यौछावर कर देता है।

और लाड प्यार का सारा हिस्सा जो उन्हें मिला,,

अपने परिवार पर चंद लम्हों में लुटा देता है।


पिता का हाथ जब तक माथे पर रहता है,

संतान को कभी दुख महसूस नहीं हो पाता है।

वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,,

और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।।

©Satish Kumar Meena

पिता

108 View

पिता ज़िम्मेदारियों की कसौटी पर वो बैठा ख्वाहिशें अपनी अंदर ही रौंदाता, सर पर मेरेउसके आशीष का पहरा दुःख क्लेश पर उनके प्रेम का परदा, परेशानियाँ खुद की खुद तक छिपाये संकट संतान के वो खुद पर ले आये, जैसे पास कोई उनके रामबाण हो समस्या उनके लिए कोई आम बात हो, जो भी मुसीबत आये चाहे जब भी दिखाये जैसे कुछ हुआ ही नहीं, पता नहीं कैसे करते ये सब अब भी हर पल बिताता होगा बस चिंता में ही, नींद -चैन जो अपने दिन- रात गँवाए तो दर्द कोई हमको कैसे छु पाए..? पिता की उन पावन चरणों की हम तो भाग्यशाली धूल माटी.., प्रणाम है ऐसे संकट मोचन को..! जो मोती बनाया हम धूल कणों को । ©Deepali Singh

#Motivational  पिता

ज़िम्मेदारियों की कसौटी पर वो बैठा
ख्वाहिशें अपनी अंदर ही रौंदाता, 
सर पर मेरेउसके आशीष का पहरा
दुःख क्लेश पर उनके प्रेम का परदा, 
परेशानियाँ खुद की खुद तक छिपाये
संकट संतान के वो खुद पर ले आये, 
जैसे पास कोई उनके रामबाण हो
समस्या उनके लिए कोई आम बात हो, 
जो भी मुसीबत आये चाहे जब भी
दिखाये जैसे कुछ हुआ ही नहीं, 
पता नहीं कैसे करते ये सब अब भी
हर पल बिताता होगा बस चिंता में ही, 
नींद -चैन जो अपने दिन- रात गँवाए
तो दर्द कोई हमको कैसे छु पाए..? 
पिता की उन पावन चरणों की
हम तो भाग्यशाली धूल माटी.., 
प्रणाम है ऐसे संकट मोचन को..! 
जो मोती बनाया हम धूल कणों को ।

©Deepali Singh

पिता

12 Love

#कविता  जब भी सीने की धड़कन बढ़ती है,

वो पिता अपने परिवार की सोच रहा होता है।

आंखो के आंसू की कीमत कितनी है,,

बेटा अंगुलियां गिन के बालों को नोच रहा होता है।


पिता के अंदर कितनी जरूरतों का बोझ है,

उसी बोझ तले पिता दब जाता है।

वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,,

और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।।


एक पिता ही है जनाब जो मां की ममता को,

अपने परिवार के ऊपर न्यौछावर कर देता है।

और लाड प्यार का सारा हिस्सा जो उन्हें मिला,,

अपने परिवार पर चंद लम्हों में लुटा देता है।


पिता का हाथ जब तक माथे पर रहता है,

संतान को कभी दुख महसूस नहीं हो पाता है।

वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,,

और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।।

©Satish Kumar Meena

पिता

162 View

Trending Topic