tags

New जरतारी ते वस्त्र मानवा Status, Photo, Video

Find the latest Status about जरतारी ते वस्त्र मानवा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about जरतारी ते वस्त्र मानवा.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White सजना दूरी एनी भी न रखी की तू कोल आवे ते मैनू चाह न होवे ©Palak Parmar

 White सजना दूरी एनी भी न रखी
की 
तू कोल आवे ते मैनू चाह न होवे

©Palak Parmar

सजना दूरी एनी भी न रखी की तू कोल आवे ते मैनू चाह न होवे

16 Love

#कवितावाचिका #विश्वासघात #परिवार #रिश्ते #wellwhisher_taru #विचार

स्वलिखित संस्कृत रचना शीर्षक विश्वासघातकं विश्वासघातकं कुलसम्बन्धं यावत् निर्दोषतायां स्वार्थः भवतु, यावत् वयं तेषां हितकराः स्मः, अन्यथा

126 View

#जीवनसंगिनी #तेरे_साथ #धन_दौलत #दुल्हन #धनतेरस #शायरी  White तुझको जो पा जाऊं मैं

धन दौलत से भर जाऊं मैं 

काश तू दुल्हन बनकर आए जीवन में,,, 
दुनिया की तरह 
,,,,,,,मेरी भी दुनिया हो जाए हसीन,,,,,,,

पा कर तेरे साथ को 

 जो नीभ जाए जिंदगी 

तू हो जाए जो मेरी जीवनसंगिनी,, 

धन तेरस हो जाए मेरी

मिल जाए मुझे धन - ते- रस

©Rakesh frnds4ever

#तुझको जो पा जाऊं मैं #धन_दौलत से भर जाऊं मैं काश तू #दुल्हन बनकर आए जीवन में,,, दुनिया की तरह मेरी भी दुनिया हो जाए हसीन,, पा कर #तेरे_

99 View

जो भावनाओं को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते उन्हें चुप रहना चाहिए ये भावान् वाचाभिव्यञ्जयितुं न शक्नुवन्ति ते तूष्णीं तिष्ठेयुः Those who cannot express feelings in words should remain silent Dhanywaad Har Har Mahadev ©Mohan raj

 जो भावनाओं को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते उन्हें चुप रहना चाहिए
ये भावान् वाचाभिव्यञ्जयितुं न शक्नुवन्ति ते तूष्णीं तिष्ठेयुः
Those who cannot express feelings in words should remain silent
Dhanywaad Har Har Mahadev

©Mohan raj

Lessons ये भावान् वाचाभिव्यञ्जयितुं न शक्नुवन्ति ते तूष्णीं तिष्ठेयुः

15 Love

मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण भी सफेद होते हैं जिस चलते उन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है. मां की चार भुजाएं हैं. मां का एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है, दूसरे हाथ में त्रिशूल है, एक हाथ में डमरू और एक हाथ वर मुद्रा में रहता है. मां महागौरी का वाहन वृषभ है और इसलिए मां को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां शांत मुद्रा में रहती हैं और मां का स्वरूप सौम्य नजर आता है. ©sumeet raj

#मान्यतानुसार #भक्ति #navratriday8 #sumeetworld #sumeetraj  मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण भी सफेद होते हैं जिस चलते उन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है. मां की चार भुजाएं हैं. मां का एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है, दूसरे हाथ में त्रिशूल है, एक हाथ में डमरू और एक हाथ वर मुद्रा में रहता है. मां महागौरी का वाहन वृषभ है और इसलिए मां को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां शांत मुद्रा में रहती हैं और मां का स्वरूप सौम्य नजर आता है.

©sumeet raj

#navratriday8 #मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण

13 Love

#Quotes  भागवत गीता 🙏🏻
 (अध्याय 2, श्लोक 47)
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥

भावार्थ:
तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, 
उसके फलों में कभी नहीं। 
इसलिए तुम कर्मों के फल की चिंता मत करो, 
और न ही निष्क्रियता की ओर प्रवृत्त हो।

यह श्लोक हमें बिना फल की चिंता किए अपने 
कर्तव्यों का पालन करने का संदेश देता है।

©writer_Suraj Pandit

भागवत गीता 🙏🏻❣️🌺🌸 श्लोक (अध्याय 2, श्लोक 47) कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥ inspirational

99 View

White सजना दूरी एनी भी न रखी की तू कोल आवे ते मैनू चाह न होवे ©Palak Parmar

 White सजना दूरी एनी भी न रखी
की 
तू कोल आवे ते मैनू चाह न होवे

©Palak Parmar

सजना दूरी एनी भी न रखी की तू कोल आवे ते मैनू चाह न होवे

16 Love

#कवितावाचिका #विश्वासघात #परिवार #रिश्ते #wellwhisher_taru #विचार

स्वलिखित संस्कृत रचना शीर्षक विश्वासघातकं विश्वासघातकं कुलसम्बन्धं यावत् निर्दोषतायां स्वार्थः भवतु, यावत् वयं तेषां हितकराः स्मः, अन्यथा

126 View

#जीवनसंगिनी #तेरे_साथ #धन_दौलत #दुल्हन #धनतेरस #शायरी  White तुझको जो पा जाऊं मैं

धन दौलत से भर जाऊं मैं 

काश तू दुल्हन बनकर आए जीवन में,,, 
दुनिया की तरह 
,,,,,,,मेरी भी दुनिया हो जाए हसीन,,,,,,,

पा कर तेरे साथ को 

 जो नीभ जाए जिंदगी 

तू हो जाए जो मेरी जीवनसंगिनी,, 

धन तेरस हो जाए मेरी

मिल जाए मुझे धन - ते- रस

©Rakesh frnds4ever

#तुझको जो पा जाऊं मैं #धन_दौलत से भर जाऊं मैं काश तू #दुल्हन बनकर आए जीवन में,,, दुनिया की तरह मेरी भी दुनिया हो जाए हसीन,, पा कर #तेरे_

99 View

जो भावनाओं को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते उन्हें चुप रहना चाहिए ये भावान् वाचाभिव्यञ्जयितुं न शक्नुवन्ति ते तूष्णीं तिष्ठेयुः Those who cannot express feelings in words should remain silent Dhanywaad Har Har Mahadev ©Mohan raj

 जो भावनाओं को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते उन्हें चुप रहना चाहिए
ये भावान् वाचाभिव्यञ्जयितुं न शक्नुवन्ति ते तूष्णीं तिष्ठेयुः
Those who cannot express feelings in words should remain silent
Dhanywaad Har Har Mahadev

©Mohan raj

Lessons ये भावान् वाचाभिव्यञ्जयितुं न शक्नुवन्ति ते तूष्णीं तिष्ठेयुः

15 Love

मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण भी सफेद होते हैं जिस चलते उन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है. मां की चार भुजाएं हैं. मां का एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है, दूसरे हाथ में त्रिशूल है, एक हाथ में डमरू और एक हाथ वर मुद्रा में रहता है. मां महागौरी का वाहन वृषभ है और इसलिए मां को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां शांत मुद्रा में रहती हैं और मां का स्वरूप सौम्य नजर आता है. ©sumeet raj

#मान्यतानुसार #भक्ति #navratriday8 #sumeetworld #sumeetraj  मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण भी सफेद होते हैं जिस चलते उन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है. मां की चार भुजाएं हैं. मां का एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है, दूसरे हाथ में त्रिशूल है, एक हाथ में डमरू और एक हाथ वर मुद्रा में रहता है. मां महागौरी का वाहन वृषभ है और इसलिए मां को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां शांत मुद्रा में रहती हैं और मां का स्वरूप सौम्य नजर आता है.

©sumeet raj

#navratriday8 #मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण

13 Love

#Quotes  भागवत गीता 🙏🏻
 (अध्याय 2, श्लोक 47)
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥

भावार्थ:
तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, 
उसके फलों में कभी नहीं। 
इसलिए तुम कर्मों के फल की चिंता मत करो, 
और न ही निष्क्रियता की ओर प्रवृत्त हो।

यह श्लोक हमें बिना फल की चिंता किए अपने 
कर्तव्यों का पालन करने का संदेश देता है।

©writer_Suraj Pandit

भागवत गीता 🙏🏻❣️🌺🌸 श्लोक (अध्याय 2, श्लोक 47) कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥ inspirational

99 View

Trending Topic