tags

New लूँ मीनिंग Status, Photo, Video

Find the latest Status about लूँ मीनिंग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about लूँ मीनिंग.

  • Latest
  • Popular
  • Video

कितने कम में मेरा भी गुजारा होता है , याद जैसा कुछ याद भी नहीं बस उसके नाम का सहारा होता है , वो पास से गुजरे तो थोड़ा छु के उसे महसूस भी कर लूँ , दो किनारो की तरह हम , हमारे लिए तो बस एक दुसरे का नजारा होता है .... चलो एक रात , एक एक कर तारो को ज़मी पर उतारते हैं , ये दरिया कहीं न कहीं जाकर तो सिमटता होगा , जहाँ हर बूँद छोड़ देती होगी सागर होने की उम्मीद , सोचो उस रात कैसे ठहरे हुए पानी में चांद इतराता होता है ... ©Monika Suman

#शायरी #monikabijendra #ms  कितने कम में मेरा भी गुजारा होता है  ,
याद जैसा कुछ याद भी नहीं बस उसके नाम का सहारा होता है ,
वो पास से गुजरे तो थोड़ा छु के उसे महसूस भी कर लूँ ,
दो किनारो की तरह हम ,
हमारे लिए तो बस एक दुसरे का नजारा  होता है ....
चलो एक रात , एक एक कर तारो को ज़मी पर उतारते हैं ,
ये दरिया कहीं न कहीं जाकर तो सिमटता होगा ,
जहाँ हर बूँद छोड़ देती होगी   सागर होने की उम्मीद ,
सोचो उस रात कैसे ठहरे हुए पानी में चांद इतराता होता है ...

©Monika Suman

कितने कम में मेरा भी गुजारा होता है , याद जैसा कुछ याद भी नहीं बस उसके नाम का सहारा होता है , वो पास से गुजरे तो थोड़ा छु के उसे महसूस भी कर

10 Love

White किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए.. किसको अपना कहूं ज़माने में.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY

#किसको  White किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए..

किसको अपना कहूं ज़माने में..

यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY

#किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए....

11 Love

White मय को हाथ लगाता नहीं, पर साक़ी जो जाम भर दे, तो फिर उसे छोड़ पाता नहीं। जिद पर आ जाऊं तो उसकी कलाई थाम लूँ, और फिर कभी खुद से छुड़ा पाता नहीं। उसकी हंसी में है मेरे होश और बेहोशी का हर लम्हा छुपा, मैं देखूँ उसे, वो हंस दे, तो दिल उसका तोड़ पाता नहीं। उसकी खुशबू में जैसे मय का हर कतरा घुला हो, उसकी रूह से उठता है वो नशा, जो कभी उतर पाता नहीं। ©Navneet Thakur

#शायरी  White 
मय को हाथ लगाता नहीं, 
पर साक़ी जो जाम भर दे, तो फिर उसे छोड़ पाता नहीं।
जिद पर आ जाऊं तो उसकी कलाई थाम लूँ, 
और फिर कभी खुद से छुड़ा पाता नहीं।

उसकी हंसी में है मेरे होश और बेहोशी का हर लम्हा छुपा,
मैं देखूँ उसे, वो हंस दे, तो दिल उसका तोड़ पाता नहीं।

उसकी खुशबू में जैसे मय का हर कतरा घुला हो,
उसकी रूह से उठता है वो नशा, जो कभी उतर पाता नहीं।

©Navneet Thakur

# मय को हाथ लगाता नहीं, पर साक़ी जो जाम भर दे, तो फिर उसे छोड़ पाता नहीं, जिद पर आ जाऊं तो उसकी कलाई थाम लूँ, और फिर कभी खुद से छुड़ा पाता न

16 Love

सब रंग उतर गए है ज़िंदगी से पहले जैसी अब कोई बात नहीं लगती। ज़िंदगी है तो साथ मेरे मगर अब ज़िंदगी साथ नहीं लगती। ना जाने किसकी बद्दुआ लगी है की कुछ भी अच्छा नहीं लगता। किसी भी शख़्स को मान लूँ अपना मगर वो शख़्स अपना नहीं लगता। क्या ही रौनक़ क्या ही मीठा सब कुछ तो फीका फीका है। ज़िंदगी ने तुमसे भी सींचा है ये सब या बस मेरा ही भाग्य अनूठा है। ©बेजुबान शायर shivkumar

 सब रंग उतर गए है ज़िंदगी से 
पहले जैसी अब कोई बात नहीं लगती।
ज़िंदगी है तो साथ मेरे 
मगर अब ज़िंदगी साथ नहीं लगती।

ना जाने किसकी बद्दुआ लगी है 
की कुछ भी अच्छा नहीं लगता।
किसी भी शख़्स को मान लूँ अपना
मगर वो शख़्स अपना नहीं लगता।

क्या ही रौनक़ क्या ही मीठा
सब कुछ तो फीका फीका है।
ज़िंदगी ने तुमसे भी सींचा है ये सब 
या बस मेरा ही भाग्य अनूठा है।

©बेजुबान शायर shivkumar

सब रंग उतर गए है #ज़िंदगी से पहले जैसी अब कोई बात नहीं लगती। ज़िंदगी है तो साथ मेरे मगर अब ज़िंदगी साथ नहीं लगती। ना जाने किसकी बद्दुआ ल

19 Love

दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गये , लगा जिन्हें था रोग ।। बात-बात पर जग भला , क्यों देता है टोक । कहाँ आयु है प्रेम की , जो लूँ दिल को रोक ।। करते रहते तंज हैं , क्या होता है प्यार । सब कुछ तो हैं हारतें , दिल को भी दें हार ।। जीवन से अब हार कर , पाया है यह सीख । पेरी जाती है सदा , जग में देखो ईख ।। आशा की पूँजी बड़ी, कभी न होती खर्च । रखिये अपने साथ नित , चाहे जायें चर्च ।। आशा हो तो ईश भी , मिल जाते हैं द्वार । वरना रहिये खोजते , बन पागल संसार ।। युग कितने बीते यहाँ , किया नहीं विश्राम । आशाओं से राम जी , लौटे अपने धाम ।। धैर्य रखे इंसान तो , सब संभव हो जाय । आशाओं के दीप से , जग रोशन हो जाय ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर ।
ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।।

प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग ।
बात वही बतला गये , लगा जिन्हें था रोग ।।

बात-बात पर जग भला , क्यों देता है टोक ।
कहाँ आयु है प्रेम की , जो लूँ दिल को रोक ।।

करते रहते तंज हैं , क्या होता है प्यार ।
सब कुछ तो हैं हारतें , दिल को भी दें हार ।।

जीवन से अब हार कर , पाया है यह सीख ।
पेरी जाती है सदा , जग में देखो ईख ।।

आशा की पूँजी बड़ी, कभी न होती खर्च ।
रखिये अपने साथ नित , चाहे जायें चर्च ।।

आशा हो तो ईश भी , मिल जाते हैं द्वार ।
वरना रहिये खोजते , बन पागल संसार ।।

युग कितने बीते यहाँ , किया नहीं विश्राम ।
आशाओं से राम जी , लौटे अपने धाम ।।

धैर्य रखे इंसान तो , सब संभव हो जाय ।
आशाओं के दीप से , जग रोशन हो जाय ।।          महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गय

10 Love

White टूटते सितारे से मांग लूंगा तुम्हे मांग लूंगा तुम्हारी हथेलियों की गुनगुनी छुहन तुम्हारी गहरी कजरारी आंखों सी प्रेम की गहनता तुम्हारी देह की संदली खुशबु तुम्हारी मरमरी बाहों में स्वर्ग सा सुख ©हिमांशु Kulshreshtha

 White टूटते सितारे से
मांग लूंगा तुम्हे
मांग लूंगा तुम्हारी हथेलियों की
गुनगुनी छुहन
तुम्हारी गहरी कजरारी आंखों सी
प्रेम की गहनता
तुम्हारी देह की संदली खुशबु
तुम्हारी मरमरी बाहों में
स्वर्ग सा सुख

©हिमांशु Kulshreshtha

मांग लूँ...

18 Love

कितने कम में मेरा भी गुजारा होता है , याद जैसा कुछ याद भी नहीं बस उसके नाम का सहारा होता है , वो पास से गुजरे तो थोड़ा छु के उसे महसूस भी कर लूँ , दो किनारो की तरह हम , हमारे लिए तो बस एक दुसरे का नजारा होता है .... चलो एक रात , एक एक कर तारो को ज़मी पर उतारते हैं , ये दरिया कहीं न कहीं जाकर तो सिमटता होगा , जहाँ हर बूँद छोड़ देती होगी सागर होने की उम्मीद , सोचो उस रात कैसे ठहरे हुए पानी में चांद इतराता होता है ... ©Monika Suman

#शायरी #monikabijendra #ms  कितने कम में मेरा भी गुजारा होता है  ,
याद जैसा कुछ याद भी नहीं बस उसके नाम का सहारा होता है ,
वो पास से गुजरे तो थोड़ा छु के उसे महसूस भी कर लूँ ,
दो किनारो की तरह हम ,
हमारे लिए तो बस एक दुसरे का नजारा  होता है ....
चलो एक रात , एक एक कर तारो को ज़मी पर उतारते हैं ,
ये दरिया कहीं न कहीं जाकर तो सिमटता होगा ,
जहाँ हर बूँद छोड़ देती होगी   सागर होने की उम्मीद ,
सोचो उस रात कैसे ठहरे हुए पानी में चांद इतराता होता है ...

©Monika Suman

कितने कम में मेरा भी गुजारा होता है , याद जैसा कुछ याद भी नहीं बस उसके नाम का सहारा होता है , वो पास से गुजरे तो थोड़ा छु के उसे महसूस भी कर

10 Love

White किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए.. किसको अपना कहूं ज़माने में.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY

#किसको  White किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए..

किसको अपना कहूं ज़माने में..

यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY

#किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए....

11 Love

White मय को हाथ लगाता नहीं, पर साक़ी जो जाम भर दे, तो फिर उसे छोड़ पाता नहीं। जिद पर आ जाऊं तो उसकी कलाई थाम लूँ, और फिर कभी खुद से छुड़ा पाता नहीं। उसकी हंसी में है मेरे होश और बेहोशी का हर लम्हा छुपा, मैं देखूँ उसे, वो हंस दे, तो दिल उसका तोड़ पाता नहीं। उसकी खुशबू में जैसे मय का हर कतरा घुला हो, उसकी रूह से उठता है वो नशा, जो कभी उतर पाता नहीं। ©Navneet Thakur

#शायरी  White 
मय को हाथ लगाता नहीं, 
पर साक़ी जो जाम भर दे, तो फिर उसे छोड़ पाता नहीं।
जिद पर आ जाऊं तो उसकी कलाई थाम लूँ, 
और फिर कभी खुद से छुड़ा पाता नहीं।

उसकी हंसी में है मेरे होश और बेहोशी का हर लम्हा छुपा,
मैं देखूँ उसे, वो हंस दे, तो दिल उसका तोड़ पाता नहीं।

उसकी खुशबू में जैसे मय का हर कतरा घुला हो,
उसकी रूह से उठता है वो नशा, जो कभी उतर पाता नहीं।

©Navneet Thakur

# मय को हाथ लगाता नहीं, पर साक़ी जो जाम भर दे, तो फिर उसे छोड़ पाता नहीं, जिद पर आ जाऊं तो उसकी कलाई थाम लूँ, और फिर कभी खुद से छुड़ा पाता न

16 Love

सब रंग उतर गए है ज़िंदगी से पहले जैसी अब कोई बात नहीं लगती। ज़िंदगी है तो साथ मेरे मगर अब ज़िंदगी साथ नहीं लगती। ना जाने किसकी बद्दुआ लगी है की कुछ भी अच्छा नहीं लगता। किसी भी शख़्स को मान लूँ अपना मगर वो शख़्स अपना नहीं लगता। क्या ही रौनक़ क्या ही मीठा सब कुछ तो फीका फीका है। ज़िंदगी ने तुमसे भी सींचा है ये सब या बस मेरा ही भाग्य अनूठा है। ©बेजुबान शायर shivkumar

 सब रंग उतर गए है ज़िंदगी से 
पहले जैसी अब कोई बात नहीं लगती।
ज़िंदगी है तो साथ मेरे 
मगर अब ज़िंदगी साथ नहीं लगती।

ना जाने किसकी बद्दुआ लगी है 
की कुछ भी अच्छा नहीं लगता।
किसी भी शख़्स को मान लूँ अपना
मगर वो शख़्स अपना नहीं लगता।

क्या ही रौनक़ क्या ही मीठा
सब कुछ तो फीका फीका है।
ज़िंदगी ने तुमसे भी सींचा है ये सब 
या बस मेरा ही भाग्य अनूठा है।

©बेजुबान शायर shivkumar

सब रंग उतर गए है #ज़िंदगी से पहले जैसी अब कोई बात नहीं लगती। ज़िंदगी है तो साथ मेरे मगर अब ज़िंदगी साथ नहीं लगती। ना जाने किसकी बद्दुआ ल

19 Love

दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गये , लगा जिन्हें था रोग ।। बात-बात पर जग भला , क्यों देता है टोक । कहाँ आयु है प्रेम की , जो लूँ दिल को रोक ।। करते रहते तंज हैं , क्या होता है प्यार । सब कुछ तो हैं हारतें , दिल को भी दें हार ।। जीवन से अब हार कर , पाया है यह सीख । पेरी जाती है सदा , जग में देखो ईख ।। आशा की पूँजी बड़ी, कभी न होती खर्च । रखिये अपने साथ नित , चाहे जायें चर्च ।। आशा हो तो ईश भी , मिल जाते हैं द्वार । वरना रहिये खोजते , बन पागल संसार ।। युग कितने बीते यहाँ , किया नहीं विश्राम । आशाओं से राम जी , लौटे अपने धाम ।। धैर्य रखे इंसान तो , सब संभव हो जाय । आशाओं के दीप से , जग रोशन हो जाय ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर ।
ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।।

प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग ।
बात वही बतला गये , लगा जिन्हें था रोग ।।

बात-बात पर जग भला , क्यों देता है टोक ।
कहाँ आयु है प्रेम की , जो लूँ दिल को रोक ।।

करते रहते तंज हैं , क्या होता है प्यार ।
सब कुछ तो हैं हारतें , दिल को भी दें हार ।।

जीवन से अब हार कर , पाया है यह सीख ।
पेरी जाती है सदा , जग में देखो ईख ।।

आशा की पूँजी बड़ी, कभी न होती खर्च ।
रखिये अपने साथ नित , चाहे जायें चर्च ।।

आशा हो तो ईश भी , मिल जाते हैं द्वार ।
वरना रहिये खोजते , बन पागल संसार ।।

युग कितने बीते यहाँ , किया नहीं विश्राम ।
आशाओं से राम जी , लौटे अपने धाम ।।

धैर्य रखे इंसान तो , सब संभव हो जाय ।
आशाओं के दीप से , जग रोशन हो जाय ।।          महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गय

10 Love

White टूटते सितारे से मांग लूंगा तुम्हे मांग लूंगा तुम्हारी हथेलियों की गुनगुनी छुहन तुम्हारी गहरी कजरारी आंखों सी प्रेम की गहनता तुम्हारी देह की संदली खुशबु तुम्हारी मरमरी बाहों में स्वर्ग सा सुख ©हिमांशु Kulshreshtha

 White टूटते सितारे से
मांग लूंगा तुम्हे
मांग लूंगा तुम्हारी हथेलियों की
गुनगुनी छुहन
तुम्हारी गहरी कजरारी आंखों सी
प्रेम की गहनता
तुम्हारी देह की संदली खुशबु
तुम्हारी मरमरी बाहों में
स्वर्ग सा सुख

©हिमांशु Kulshreshtha

मांग लूँ...

18 Love

Trending Topic