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White क़िस्सा मोहब्बत का मुख़्तसर ही सही लेकिन मोहब्बत तो मुख़्तसर नहीं होती । मोहब्बत होती है अगर तो मुकम्मल ही होती है, थोड़ी-बहुत,आधी-अधूरी ऐसी कोई मोहब्बत नहीं होती। ©Sh@kila Niy@z

#Qissa_e_mohabbat #basekkhayaal #nojotohindi #mohabbat #basyunhi  White क़िस्सा मोहब्बत का मुख़्तसर ही सही 
लेकिन मोहब्बत तो मुख़्तसर नहीं होती ।
मोहब्बत होती है अगर तो मुकम्मल ही होती है,
थोड़ी-बहुत,आधी-अधूरी ऐसी कोई मोहब्बत नहीं होती।

©Sh@kila Niy@z
#SAD

qismat ka dard

198 View

ज़िंदगी तो रोज़ ही मौक़ा देती हैं हमें अपनी ग़लतियों को सुधारने का, गुज़रे हुए क़िस्से भुला कर फ़िर से इक नई कहानी लिखने का, लेकिन हम इंसानों में भी अक्सर यही बुराई है कि , हर बार ज़िंदगी का दिया हुआ वो मौक़ा गॅंवा देते हैं हम। हम अपनी ग़लतियों पर शर्मिंदा होते हैं, पछताते भी हैं लेकिन उन ग़लतियों की माफ़ी माॅंग लेने का या फ़िर उन्हें ठीक करने का हौसला अपने अंदर नहीं रखते हम। हाॅं, लेकिन वही ग़लतियाॅं, वही क़िस्से बार-बार दोहरा देते हैं हम। गुज़री हुई बातों को दिल में सजा कर उन बातों पर दुखी रहना तो पसंद करते हैं लेकिन गुज़रे हुए किस्सों को नज़र-अंदाज़ कर के फ़िर से कोई नई कहानी लिखने की कोशिश ही नहीं करते हम। ग़लतियाॅं इंसानों से ही होती हैं और हम भी इंसान ही हैं कोई फ़रिश्ता तो नहीं, ये बात हम सब जानते तो हैं लेकिन इस बात को समझते ही नहीं है हम । जब तक हम ख़ुद को, ख़ुद की ग़लतियों के लिए माफ़ नहीं करेंगे तब तक दूसरों की ग़लतियों को भी हम माफ़ नहीं कर पाएंगे, इस बात को न जाने कब समझेंगे हम ?? माज़ी में ही गुमशुदा रहेंगे अगर तो मुस्तक़बिल की तरफ़ कब देखेंगे हम ?? ज़िंदगी तो रोज़ ही मौक़ा देगी हमें ,इक नई शुरुआत करने का लेकिन क्या हर मौक़े को कभी अपनी अना, कभी अपनी guilt तो कभी ग़लत-फ़हमीयों की वजह से हर बार यूॅं ही गॅंवा देंगे हम ?? #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Zindagi  ज़िंदगी तो रोज़ ही मौक़ा देती हैं हमें 
अपनी ग़लतियों को सुधारने का,
गुज़रे हुए क़िस्से भुला कर फ़िर से इक नई कहानी लिखने का,
लेकिन हम इंसानों में भी अक्सर यही बुराई है कि ,
 हर बार ज़िंदगी का दिया हुआ वो मौक़ा गॅंवा देते हैं हम।

हम अपनी ग़लतियों पर शर्मिंदा होते हैं, पछताते भी हैं लेकिन 
उन ग़लतियों की माफ़ी माॅंग लेने का या फ़िर 
उन्हें ठीक करने का हौसला अपने अंदर नहीं रखते हम।
हाॅं, लेकिन वही ग़लतियाॅं, वही क़िस्से बार-बार दोहरा देते हैं हम।

गुज़री हुई बातों को दिल में सजा कर 
उन बातों पर दुखी रहना तो पसंद करते हैं लेकिन 
गुज़रे हुए किस्सों को नज़र-अंदाज़ कर के फ़िर से 
कोई नई कहानी लिखने की कोशिश ही नहीं करते हम।

ग़लतियाॅं इंसानों से ही होती हैं और हम भी इंसान ही हैं 
कोई फ़रिश्ता तो नहीं, ये बात हम सब जानते तो हैं 
लेकिन इस बात को समझते ही नहीं है हम ।

जब तक हम ख़ुद को, ख़ुद की ग़लतियों के लिए माफ़ नहीं करेंगे 
तब तक दूसरों की ग़लतियों को भी हम माफ़ नहीं कर पाएंगे, 
इस बात को न जाने कब समझेंगे हम ??
माज़ी में ही गुमशुदा रहेंगे अगर तो मुस्तक़बिल की तरफ़ कब देखेंगे हम ??

ज़िंदगी तो रोज़ ही मौक़ा देगी हमें ,इक नई शुरुआत करने का 
लेकिन क्या हर मौक़े को कभी अपनी अना, कभी अपनी guilt 
तो कभी ग़लत-फ़हमीयों की वजह से हर बार यूॅं ही गॅंवा देंगे हम ??

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z

White वाह! ये क़िस्मत क्या कमाल की बला है, किसी को ठोकरें किसी का भला है..! कहते हैं बनती किस्मत परिश्रम के फल से पर, छल फ़रेब की दुनिया में धोखेबाज़ों का सिक्का चला है..! शरीफों की नहीं यहाँ किसी को ज़रूरत, किरदार की माँग अनुसार जो भी जग में ढला है..! अच्छे रहो सच्चे यूँ बन के चाहे जितना, दिखावे की दुनिया ये बनावटी सब कला है..! अपनेपन का एहसास यूँ करा के सभी ने, ग़ैरों से ज्यादा अपनों ने हमको छला है..! ©SHIVA KANT(Shayar)

#Sad_Status #qismat  White  वाह! ये क़िस्मत क्या कमाल की बला है,
किसी को ठोकरें किसी का भला है..!

कहते हैं बनती किस्मत परिश्रम के फल से पर,
छल फ़रेब की दुनिया में धोखेबाज़ों का सिक्का चला है..!

शरीफों की नहीं यहाँ किसी को ज़रूरत,
किरदार की माँग अनुसार जो भी जग में ढला है..!

अच्छे रहो सच्चे यूँ बन के चाहे जितना,
दिखावे की दुनिया ये बनावटी सब कला है..!

अपनेपन का एहसास यूँ करा के सभी ने,
ग़ैरों से ज्यादा अपनों ने हमको छला है..!

©SHIVA KANT(Shayar)

क़िस्से ज़िंदगी के ....... ये हमारी ज़िंदगी भी ना कितने क़िस्सों से भरी हुई होती है हम ध्यान नहीं देते लेकिन हम ख़ुद भी न जाने कितने छोटे-बड़े क़िस्सों का हिस्सा होते हैं। और हमारी ज़िंदगी में एक साथ न जाने कितने क़िस्से चल रहे होते हैं जिनसे कभी कभी हम ख़ुद भी अंजान होते हैं और मुस्तक़बिल में जाकर हम उन से वाक़िफ़ होते हैं। कुछ क़िस्से ख़ुशी देते हैं,तो कुछ इंसान को रुला ही देते हैं और कुछ क़िस्से इंसान को हमेशा ग़म-ज़दा ही रखते हैं कुछ क़िस्से मंज़िल पर पहुॅंच कर ख़त्म हो जाते हैं, तो कुछ अधूरे ही रह जाते हैं। कुछ क़िस्सों की कोई मंज़िल नहीं होती फ़िर भी हमारे साथ चलते हैं, तो कुछ हमेशा मंज़िल पर पहुॅंचने की आस में रहते हैं और हमारे भी दिल में इक आस,इक उम्मीद हमेशा जगाएं रखते हैं। कुछ ज़िंदगी का हिस्सा बन जाते हैं तो कुछ बस इक याद बन कर यादों में समा जाते हैं। हमारी ज़िंदगी की किताब को ये क़िस्से ही तो भर देते हैं। इन तमाम अनगिनत क़िस्सों से भरी हमारी इस ज़िंदगी की किताब को हम ख़ुद भी कहाॅं पूरा पढ़ पाते हैं?? क्यूॅंकि अपनी ही मौत के क़िस्से से हम ख़ुद भी तो हमेशा अंजान ही रहते हैं। ©Sh@kila Niy@z

#Kitaab_E_Zindagi #Qisse_Zindagi_ke #basekkhayaal #nojotohindi #22October  क़िस्से ज़िंदगी के ....... 

ये हमारी ज़िंदगी भी ना कितने क़िस्सों से भरी हुई होती है 
हम ध्यान नहीं देते लेकिन हम ख़ुद भी न जाने कितने 
छोटे-बड़े क़िस्सों का हिस्सा होते हैं।
और हमारी ज़िंदगी में एक साथ न जाने कितने क़िस्से चल रहे होते हैं 
जिनसे कभी कभी हम ख़ुद भी अंजान होते हैं और
 मुस्तक़बिल में जाकर हम उन से वाक़िफ़ होते हैं।
कुछ क़िस्से ख़ुशी देते हैं,तो कुछ इंसान को रुला ही देते हैं और 
कुछ क़िस्से इंसान को हमेशा ग़म-ज़दा ही रखते हैं 
कुछ क़िस्से मंज़िल पर पहुॅंच कर ख़त्म हो जाते हैं, 
तो कुछ अधूरे ही रह जाते हैं।
कुछ क़िस्सों की कोई मंज़िल नहीं होती फ़िर भी हमारे साथ चलते हैं,
तो कुछ हमेशा मंज़िल पर पहुॅंचने की आस में रहते हैं और 
हमारे भी दिल में इक आस,इक उम्मीद हमेशा जगाएं रखते हैं।
कुछ ज़िंदगी का हिस्सा बन जाते हैं तो कुछ 
बस इक याद बन कर यादों में समा जाते हैं।
हमारी ज़िंदगी की किताब को ये क़िस्से ही तो भर देते हैं।
इन तमाम अनगिनत क़िस्सों से भरी हमारी इस ज़िंदगी की किताब को 
हम ख़ुद भी कहाॅं पूरा पढ़ पाते हैं??
क्यूॅंकि अपनी ही मौत के क़िस्से से हम ख़ुद भी तो 
हमेशा अंजान ही रहते हैं।

©Sh@kila Niy@z

White इतना घूम-फिर कर फ़िर से चाहत पुरानी ही मंज़िल की थी अगर तो बे-वजह इतना सफ़र करने की ज़रूरत क्या थी?? पते बदल-बदल कर भी क़िस्से पुराने ही दोहराने थे अगर तो लोग रह लेते पुराने ही पते पर, बे-वजह इतने पते बदलने की ज़रूरत क्या थी ?? #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Quotes  White इतना घूम-फिर कर 
फ़िर से चाहत पुरानी ही मंज़िल की थी अगर 
तो बे-वजह इतना सफ़र करने की ज़रूरत क्या थी?? 

पते बदल-बदल कर भी क़िस्से पुराने ही दोहराने थे अगर 
तो लोग रह लेते पुराने ही पते पर, 
बे-वजह इतने पते बदलने की ज़रूरत क्या थी ??

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z

White क़िस्सा मोहब्बत का मुख़्तसर ही सही लेकिन मोहब्बत तो मुख़्तसर नहीं होती । मोहब्बत होती है अगर तो मुकम्मल ही होती है, थोड़ी-बहुत,आधी-अधूरी ऐसी कोई मोहब्बत नहीं होती। ©Sh@kila Niy@z

#Qissa_e_mohabbat #basekkhayaal #nojotohindi #mohabbat #basyunhi  White क़िस्सा मोहब्बत का मुख़्तसर ही सही 
लेकिन मोहब्बत तो मुख़्तसर नहीं होती ।
मोहब्बत होती है अगर तो मुकम्मल ही होती है,
थोड़ी-बहुत,आधी-अधूरी ऐसी कोई मोहब्बत नहीं होती।

©Sh@kila Niy@z
#SAD

qismat ka dard

198 View

ज़िंदगी तो रोज़ ही मौक़ा देती हैं हमें अपनी ग़लतियों को सुधारने का, गुज़रे हुए क़िस्से भुला कर फ़िर से इक नई कहानी लिखने का, लेकिन हम इंसानों में भी अक्सर यही बुराई है कि , हर बार ज़िंदगी का दिया हुआ वो मौक़ा गॅंवा देते हैं हम। हम अपनी ग़लतियों पर शर्मिंदा होते हैं, पछताते भी हैं लेकिन उन ग़लतियों की माफ़ी माॅंग लेने का या फ़िर उन्हें ठीक करने का हौसला अपने अंदर नहीं रखते हम। हाॅं, लेकिन वही ग़लतियाॅं, वही क़िस्से बार-बार दोहरा देते हैं हम। गुज़री हुई बातों को दिल में सजा कर उन बातों पर दुखी रहना तो पसंद करते हैं लेकिन गुज़रे हुए किस्सों को नज़र-अंदाज़ कर के फ़िर से कोई नई कहानी लिखने की कोशिश ही नहीं करते हम। ग़लतियाॅं इंसानों से ही होती हैं और हम भी इंसान ही हैं कोई फ़रिश्ता तो नहीं, ये बात हम सब जानते तो हैं लेकिन इस बात को समझते ही नहीं है हम । जब तक हम ख़ुद को, ख़ुद की ग़लतियों के लिए माफ़ नहीं करेंगे तब तक दूसरों की ग़लतियों को भी हम माफ़ नहीं कर पाएंगे, इस बात को न जाने कब समझेंगे हम ?? माज़ी में ही गुमशुदा रहेंगे अगर तो मुस्तक़बिल की तरफ़ कब देखेंगे हम ?? ज़िंदगी तो रोज़ ही मौक़ा देगी हमें ,इक नई शुरुआत करने का लेकिन क्या हर मौक़े को कभी अपनी अना, कभी अपनी guilt तो कभी ग़लत-फ़हमीयों की वजह से हर बार यूॅं ही गॅंवा देंगे हम ?? #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Zindagi  ज़िंदगी तो रोज़ ही मौक़ा देती हैं हमें 
अपनी ग़लतियों को सुधारने का,
गुज़रे हुए क़िस्से भुला कर फ़िर से इक नई कहानी लिखने का,
लेकिन हम इंसानों में भी अक्सर यही बुराई है कि ,
 हर बार ज़िंदगी का दिया हुआ वो मौक़ा गॅंवा देते हैं हम।

हम अपनी ग़लतियों पर शर्मिंदा होते हैं, पछताते भी हैं लेकिन 
उन ग़लतियों की माफ़ी माॅंग लेने का या फ़िर 
उन्हें ठीक करने का हौसला अपने अंदर नहीं रखते हम।
हाॅं, लेकिन वही ग़लतियाॅं, वही क़िस्से बार-बार दोहरा देते हैं हम।

गुज़री हुई बातों को दिल में सजा कर 
उन बातों पर दुखी रहना तो पसंद करते हैं लेकिन 
गुज़रे हुए किस्सों को नज़र-अंदाज़ कर के फ़िर से 
कोई नई कहानी लिखने की कोशिश ही नहीं करते हम।

ग़लतियाॅं इंसानों से ही होती हैं और हम भी इंसान ही हैं 
कोई फ़रिश्ता तो नहीं, ये बात हम सब जानते तो हैं 
लेकिन इस बात को समझते ही नहीं है हम ।

जब तक हम ख़ुद को, ख़ुद की ग़लतियों के लिए माफ़ नहीं करेंगे 
तब तक दूसरों की ग़लतियों को भी हम माफ़ नहीं कर पाएंगे, 
इस बात को न जाने कब समझेंगे हम ??
माज़ी में ही गुमशुदा रहेंगे अगर तो मुस्तक़बिल की तरफ़ कब देखेंगे हम ??

ज़िंदगी तो रोज़ ही मौक़ा देगी हमें ,इक नई शुरुआत करने का 
लेकिन क्या हर मौक़े को कभी अपनी अना, कभी अपनी guilt 
तो कभी ग़लत-फ़हमीयों की वजह से हर बार यूॅं ही गॅंवा देंगे हम ??

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z

White वाह! ये क़िस्मत क्या कमाल की बला है, किसी को ठोकरें किसी का भला है..! कहते हैं बनती किस्मत परिश्रम के फल से पर, छल फ़रेब की दुनिया में धोखेबाज़ों का सिक्का चला है..! शरीफों की नहीं यहाँ किसी को ज़रूरत, किरदार की माँग अनुसार जो भी जग में ढला है..! अच्छे रहो सच्चे यूँ बन के चाहे जितना, दिखावे की दुनिया ये बनावटी सब कला है..! अपनेपन का एहसास यूँ करा के सभी ने, ग़ैरों से ज्यादा अपनों ने हमको छला है..! ©SHIVA KANT(Shayar)

#Sad_Status #qismat  White  वाह! ये क़िस्मत क्या कमाल की बला है,
किसी को ठोकरें किसी का भला है..!

कहते हैं बनती किस्मत परिश्रम के फल से पर,
छल फ़रेब की दुनिया में धोखेबाज़ों का सिक्का चला है..!

शरीफों की नहीं यहाँ किसी को ज़रूरत,
किरदार की माँग अनुसार जो भी जग में ढला है..!

अच्छे रहो सच्चे यूँ बन के चाहे जितना,
दिखावे की दुनिया ये बनावटी सब कला है..!

अपनेपन का एहसास यूँ करा के सभी ने,
ग़ैरों से ज्यादा अपनों ने हमको छला है..!

©SHIVA KANT(Shayar)

क़िस्से ज़िंदगी के ....... ये हमारी ज़िंदगी भी ना कितने क़िस्सों से भरी हुई होती है हम ध्यान नहीं देते लेकिन हम ख़ुद भी न जाने कितने छोटे-बड़े क़िस्सों का हिस्सा होते हैं। और हमारी ज़िंदगी में एक साथ न जाने कितने क़िस्से चल रहे होते हैं जिनसे कभी कभी हम ख़ुद भी अंजान होते हैं और मुस्तक़बिल में जाकर हम उन से वाक़िफ़ होते हैं। कुछ क़िस्से ख़ुशी देते हैं,तो कुछ इंसान को रुला ही देते हैं और कुछ क़िस्से इंसान को हमेशा ग़म-ज़दा ही रखते हैं कुछ क़िस्से मंज़िल पर पहुॅंच कर ख़त्म हो जाते हैं, तो कुछ अधूरे ही रह जाते हैं। कुछ क़िस्सों की कोई मंज़िल नहीं होती फ़िर भी हमारे साथ चलते हैं, तो कुछ हमेशा मंज़िल पर पहुॅंचने की आस में रहते हैं और हमारे भी दिल में इक आस,इक उम्मीद हमेशा जगाएं रखते हैं। कुछ ज़िंदगी का हिस्सा बन जाते हैं तो कुछ बस इक याद बन कर यादों में समा जाते हैं। हमारी ज़िंदगी की किताब को ये क़िस्से ही तो भर देते हैं। इन तमाम अनगिनत क़िस्सों से भरी हमारी इस ज़िंदगी की किताब को हम ख़ुद भी कहाॅं पूरा पढ़ पाते हैं?? क्यूॅंकि अपनी ही मौत के क़िस्से से हम ख़ुद भी तो हमेशा अंजान ही रहते हैं। ©Sh@kila Niy@z

#Kitaab_E_Zindagi #Qisse_Zindagi_ke #basekkhayaal #nojotohindi #22October  क़िस्से ज़िंदगी के ....... 

ये हमारी ज़िंदगी भी ना कितने क़िस्सों से भरी हुई होती है 
हम ध्यान नहीं देते लेकिन हम ख़ुद भी न जाने कितने 
छोटे-बड़े क़िस्सों का हिस्सा होते हैं।
और हमारी ज़िंदगी में एक साथ न जाने कितने क़िस्से चल रहे होते हैं 
जिनसे कभी कभी हम ख़ुद भी अंजान होते हैं और
 मुस्तक़बिल में जाकर हम उन से वाक़िफ़ होते हैं।
कुछ क़िस्से ख़ुशी देते हैं,तो कुछ इंसान को रुला ही देते हैं और 
कुछ क़िस्से इंसान को हमेशा ग़म-ज़दा ही रखते हैं 
कुछ क़िस्से मंज़िल पर पहुॅंच कर ख़त्म हो जाते हैं, 
तो कुछ अधूरे ही रह जाते हैं।
कुछ क़िस्सों की कोई मंज़िल नहीं होती फ़िर भी हमारे साथ चलते हैं,
तो कुछ हमेशा मंज़िल पर पहुॅंचने की आस में रहते हैं और 
हमारे भी दिल में इक आस,इक उम्मीद हमेशा जगाएं रखते हैं।
कुछ ज़िंदगी का हिस्सा बन जाते हैं तो कुछ 
बस इक याद बन कर यादों में समा जाते हैं।
हमारी ज़िंदगी की किताब को ये क़िस्से ही तो भर देते हैं।
इन तमाम अनगिनत क़िस्सों से भरी हमारी इस ज़िंदगी की किताब को 
हम ख़ुद भी कहाॅं पूरा पढ़ पाते हैं??
क्यूॅंकि अपनी ही मौत के क़िस्से से हम ख़ुद भी तो 
हमेशा अंजान ही रहते हैं।

©Sh@kila Niy@z

White इतना घूम-फिर कर फ़िर से चाहत पुरानी ही मंज़िल की थी अगर तो बे-वजह इतना सफ़र करने की ज़रूरत क्या थी?? पते बदल-बदल कर भी क़िस्से पुराने ही दोहराने थे अगर तो लोग रह लेते पुराने ही पते पर, बे-वजह इतने पते बदलने की ज़रूरत क्या थी ?? #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Quotes  White इतना घूम-फिर कर 
फ़िर से चाहत पुरानी ही मंज़िल की थी अगर 
तो बे-वजह इतना सफ़र करने की ज़रूरत क्या थी?? 

पते बदल-बदल कर भी क़िस्से पुराने ही दोहराने थे अगर 
तो लोग रह लेते पुराने ही पते पर, 
बे-वजह इतने पते बदलने की ज़रूरत क्या थी ??

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