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White क्या धनतेरस क्या दीवाली। कैसी खुशियां और खुशहाली। चमक रौशनी के सब फीके - जीवन काजल जैसी काली। न उत्साह न कोई उमंग। खुशियों की नहीं कोई तरंग। मन आंगन सूना - सूना है - बुझी रौशनी उतरा रंग। अपनों के खोने का ग़म है। भीगी पलकें आंखें नम है। बुझा हुआ है आस का दीया- अंतहीन अंतस में तम है। दिन बेनूर सी बदली वाली। रात अमावस जैसी काली। कैसे मन का दिया जलाएं- कैसे मनाएं हम दीवाली। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी'

#विचार #ग़म  White क्या धनतेरस क्या दीवाली।
कैसी खुशियां और खुशहाली।
चमक रौशनी के सब फीके -
जीवन काजल जैसी काली।

न  उत्साह  न  कोई  उमंग।
खुशियों की नहीं कोई तरंग।
मन आंगन सूना - सूना है -
बुझी  रौशनी  उतरा   रंग।

अपनों के खोने का ग़म है।
भीगी पलकें आंखें नम है।
बुझा हुआ है आस का दीया-
अंतहीन अंतस  में  तम है।

दिन बेनूर सी बदली वाली।
रात अमावस जैसी काली।
कैसे मन का दिया जलाएं-
कैसे  मनाएं  हम  दीवाली।

रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©रिपुदमन झा 'पिनाकी'

#ग़म

11 Love

#ज़िंदगी #शायरी #शाम #ग़म #है 

#ज़िंदगी #ग़म #की #शाम #है  हिंदी शायरी

135 View

White तेरे जाने का मुझे कोई ग़म नही , तुम तो चाहत ए खुशबू के भंवरे हो . जो मौसम ए बहार में फिर लौट आओगे | ✍️ हसन खान ©Hasan Khan Shatha

 White तेरे जाने का मुझे कोई ग़म नही ,
तुम तो चाहत ए खुशबू के भंवरे हो .
जो मौसम ए बहार में फिर लौट आओगे |
✍️ हसन खान

©Hasan Khan Shatha

#sunset_time तेरे जाने का मुझे कोई ग़म नही तुम तो चाहत ए खुशबू के भंवरे हो जो मौसम ए बहार में फिर लौट आओगे #शायरी

19 Love

White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

20 Love

रोते रोते मुस्कुराने का, हुनर सीख लेते हैं, ये औरतें हैं जनाब, सब कुछ सह लेते हैं। न जाने कहाँ से मिली, इन्हें ये ताकत है, जिसे बस रोने में जाया कर देते हैं। अगर पहचान लें ये, और समझ लें, खुद के अपने ज़ज़्बात को, तो ये काली माँ से कम नहीं होते हैं। रोते रोते मुस्कुराने का, हुनर सीख लेते हैं, ये औरतें हैं जनाब, सब कुछ सह लेते हैं। ©Deepak "New Fly of Life"

#शायरी  रोते रोते मुस्कुराने का,
हुनर सीख लेते हैं,
ये औरतें हैं जनाब,
सब कुछ सह लेते हैं।
न जाने कहाँ से मिली,
इन्हें ये ताकत है,
जिसे बस रोने में जाया कर देते हैं।
अगर पहचान लें ये,
और समझ लें,
खुद के अपने ज़ज़्बात को,
तो ये काली माँ से कम नहीं होते हैं।
रोते रोते मुस्कुराने का,
हुनर सीख लेते हैं,
ये औरतें हैं जनाब,
सब कुछ सह लेते हैं।

©Deepak "New Fly of Life"

शक्ति ए औरत

19 Love

#विचार

ग़म की aoukat

81 View

White क्या धनतेरस क्या दीवाली। कैसी खुशियां और खुशहाली। चमक रौशनी के सब फीके - जीवन काजल जैसी काली। न उत्साह न कोई उमंग। खुशियों की नहीं कोई तरंग। मन आंगन सूना - सूना है - बुझी रौशनी उतरा रंग। अपनों के खोने का ग़म है। भीगी पलकें आंखें नम है। बुझा हुआ है आस का दीया- अंतहीन अंतस में तम है। दिन बेनूर सी बदली वाली। रात अमावस जैसी काली। कैसे मन का दिया जलाएं- कैसे मनाएं हम दीवाली। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी'

#विचार #ग़म  White क्या धनतेरस क्या दीवाली।
कैसी खुशियां और खुशहाली।
चमक रौशनी के सब फीके -
जीवन काजल जैसी काली।

न  उत्साह  न  कोई  उमंग।
खुशियों की नहीं कोई तरंग।
मन आंगन सूना - सूना है -
बुझी  रौशनी  उतरा   रंग।

अपनों के खोने का ग़म है।
भीगी पलकें आंखें नम है।
बुझा हुआ है आस का दीया-
अंतहीन अंतस  में  तम है।

दिन बेनूर सी बदली वाली।
रात अमावस जैसी काली।
कैसे मन का दिया जलाएं-
कैसे  मनाएं  हम  दीवाली।

रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©रिपुदमन झा 'पिनाकी'

#ग़म

11 Love

#ज़िंदगी #शायरी #शाम #ग़म #है 

#ज़िंदगी #ग़म #की #शाम #है  हिंदी शायरी

135 View

White तेरे जाने का मुझे कोई ग़म नही , तुम तो चाहत ए खुशबू के भंवरे हो . जो मौसम ए बहार में फिर लौट आओगे | ✍️ हसन खान ©Hasan Khan Shatha

 White तेरे जाने का मुझे कोई ग़म नही ,
तुम तो चाहत ए खुशबू के भंवरे हो .
जो मौसम ए बहार में फिर लौट आओगे |
✍️ हसन खान

©Hasan Khan Shatha

#sunset_time तेरे जाने का मुझे कोई ग़म नही तुम तो चाहत ए खुशबू के भंवरे हो जो मौसम ए बहार में फिर लौट आओगे #शायरी

19 Love

White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

20 Love

रोते रोते मुस्कुराने का, हुनर सीख लेते हैं, ये औरतें हैं जनाब, सब कुछ सह लेते हैं। न जाने कहाँ से मिली, इन्हें ये ताकत है, जिसे बस रोने में जाया कर देते हैं। अगर पहचान लें ये, और समझ लें, खुद के अपने ज़ज़्बात को, तो ये काली माँ से कम नहीं होते हैं। रोते रोते मुस्कुराने का, हुनर सीख लेते हैं, ये औरतें हैं जनाब, सब कुछ सह लेते हैं। ©Deepak "New Fly of Life"

#शायरी  रोते रोते मुस्कुराने का,
हुनर सीख लेते हैं,
ये औरतें हैं जनाब,
सब कुछ सह लेते हैं।
न जाने कहाँ से मिली,
इन्हें ये ताकत है,
जिसे बस रोने में जाया कर देते हैं।
अगर पहचान लें ये,
और समझ लें,
खुद के अपने ज़ज़्बात को,
तो ये काली माँ से कम नहीं होते हैं।
रोते रोते मुस्कुराने का,
हुनर सीख लेते हैं,
ये औरतें हैं जनाब,
सब कुछ सह लेते हैं।

©Deepak "New Fly of Life"

शक्ति ए औरत

19 Love

#विचार

ग़म की aoukat

81 View

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