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New सावन रिमझिम Status, Photo, Video

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#कविता #love_shayari

#love_shayari जहां सावन की कजली ना हो

207 View

#Videos

लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है

180 View

#शायरी

✍🏿🥀तुम तो कहते हो सावन चला गया😊🍂🍂

90 View

#Facebook #Youtube #Videos #TikTok #Video

सावन के झूलो ने मुझको बुलाया में ♥️♥️♥️#trending #Facebook #TikTok #viral #Youtube #insta #Video

144 View

सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

#रक्षाबंधन #भक्ति #शिवजी #सावन  सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
 कंहा गया
वो सावन। 
पेड़ की टहनी पर डाल कर झूला
अकेले ही झूला, झूला हमने
न डर, न खोफ़ था, बेफिक्री थी। 
आज डर है, 
मेरी पैदाईश, मेरे पालन का, 
क्या झूलूं, कंहा झूलू
अब, कौन से सावन मे, 
अब, हर नज़र ललचाई, 
हर मन, हवस समाई, 
मुझे सिर्फ 'सामान' जानता है
हवस मिटाने का मकान मानता है

©arvind bhanwra ambala. India

कंहा गया वो सावन

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#कविता #love_shayari

#love_shayari जहां सावन की कजली ना हो

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#Videos

लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है

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#शायरी

✍🏿🥀तुम तो कहते हो सावन चला गया😊🍂🍂

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#Facebook #Youtube #Videos #TikTok #Video

सावन के झूलो ने मुझको बुलाया में ♥️♥️♥️#trending #Facebook #TikTok #viral #Youtube #insta #Video

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सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

#रक्षाबंधन #भक्ति #शिवजी #सावन  सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
 कंहा गया
वो सावन। 
पेड़ की टहनी पर डाल कर झूला
अकेले ही झूला, झूला हमने
न डर, न खोफ़ था, बेफिक्री थी। 
आज डर है, 
मेरी पैदाईश, मेरे पालन का, 
क्या झूलूं, कंहा झूलू
अब, कौन से सावन मे, 
अब, हर नज़र ललचाई, 
हर मन, हवस समाई, 
मुझे सिर्फ 'सामान' जानता है
हवस मिटाने का मकान मानता है

©arvind bhanwra ambala. India

कंहा गया वो सावन

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