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#लेखक #Spreadlove #Like  like and spread🙌

©sahil saraswat

#लेखक #Like #Spreadlove hindi poetry poetry quotes

11 Love

नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र" आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है। जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं? कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ। ©Veer Tiwari

#विचार  नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र"

आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है।

जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं?
कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है।
कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।
आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ।

©Veer Tiwari

रामधारी सिंह दिनकर "कुरुक्षेत्र"

13 Love

White याद तुम्हारी यादों को दिल में, जगह दी है, एक अधूरी कहानी में, नयी वजह दी है। मेरी चाहत, जिसे मैं, छोड़ आया था, उस चाहत का एक नयी मंजिल दी है।। मुस्कुराना जरूर, फिर जब मिलेंगे, नफरत करना जरूर, फिर जब मिलेंगे। मैं एक तरफ़ा चाहत रखा था, उस चाहत , उस मोहब्बत से, वक्त आने पर, निगाह हम करेंगे ।। ता उम्र, मोहब्बत की जेल में कैद हम रहेंगे, तुम आना मत, हमारे पास, हम तन्हा होके, तेरे इश्क में इस कदर जी लेंगे। खड़ी रहेगी मोहब्बत रास्ते पर, फिर भी नज़र अंदाज़ कर जायेंगे!! लेखक ; विजय सर जी ©Vijay Kumar

#कविता #Sad_Status  White याद 


तुम्हारी यादों को दिल में, जगह दी है, 
एक अधूरी कहानी में, नयी वजह दी है। 
मेरी चाहत, जिसे मैं,  छोड़ आया था, 
उस चाहत का एक नयी मंजिल दी  है।। 

मुस्कुराना जरूर, फिर जब मिलेंगे, 
नफरत करना जरूर, फिर जब मिलेंगे। 
मैं एक तरफ़ा चाहत रखा था, 
उस चाहत , उस मोहब्बत से, 
वक्त आने पर, निगाह हम करेंगे  ।। 

ता उम्र, मोहब्बत की जेल में  कैद हम रहेंगे, 
तुम आना मत, हमारे पास, हम तन्हा होके, 
तेरे इश्क में इस कदर जी लेंगे। 
खड़ी रहेगी मोहब्बत रास्ते पर, फिर भी नज़र अंदाज़ कर जायेंगे!! 

लेखक ; विजय सर जी

©Vijay Kumar

#Sad_Status , प्यार पर कविता याद हिंदी कविता लेखक : विजय सर जी

11 Love

White एक तरफ़ा प्यार मेरी नज़रों से नज़रें, मिलाती थी वो, एक अंजान शक्स पर, मरती थी वो, मोहब्बत कर लिया, मुझसे पर इजहार करने से डरती थी वो। चुप - चुप कर उसकी नज़रें मुझको, तलास करती थी, एक पल भी ना दिखूँ, तो तड़प उठती थी, प्यार किया उसने, प्यार दिया उसने, नफरत की दुनिया मे, एक अनमोल सीख दिया उसने। शायद, जानती थी वो, मोहब्बत खुदा है, इसलिए इश्क एकतरफा रख कर निभाती थी, वो।। writer🙏:विजय सर जी ©Vijay Kumar

#कविता #GoodMorning  White एक तरफ़ा प्यार
मेरी नज़रों से नज़रें, मिलाती थी वो, 
एक अंजान शक्स पर, मरती थी वो, 
मोहब्बत कर लिया, मुझसे 
पर इजहार करने से डरती थी वो। 
चुप - चुप कर उसकी नज़रें मुझको, तलास करती थी, 
एक पल भी ना दिखूँ, तो तड़प उठती थी, 
प्यार किया उसने, प्यार दिया उसने, 
नफरत की दुनिया मे, एक अनमोल सीख दिया उसने। 
शायद, जानती थी वो, मोहब्बत खुदा है, 
इसलिए इश्क एकतरफा रख कर निभाती थी, वो।। 


writer🙏:विजय सर जी

©Vijay Kumar

#GoodMorning , एक तरफ़ा प्यार लेखक : विजय सर जी प्यार पर कविता

13 Love

अदनासा- ༆ks᯾Dhoryツ (लेखक) I am MiraJ @angel rai @anuj

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#Quotes

अपनी लेखनी अपनी वार्ता लेखक भगत सतीश कुमार घोडेला

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#लेखक #Spreadlove #Like  like and spread🙌

©sahil saraswat

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11 Love

नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र" आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है। जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं? कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ। ©Veer Tiwari

#विचार  नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र"

आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है।

जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं?
कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है।
कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।
आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ।

©Veer Tiwari

रामधारी सिंह दिनकर "कुरुक्षेत्र"

13 Love

White याद तुम्हारी यादों को दिल में, जगह दी है, एक अधूरी कहानी में, नयी वजह दी है। मेरी चाहत, जिसे मैं, छोड़ आया था, उस चाहत का एक नयी मंजिल दी है।। मुस्कुराना जरूर, फिर जब मिलेंगे, नफरत करना जरूर, फिर जब मिलेंगे। मैं एक तरफ़ा चाहत रखा था, उस चाहत , उस मोहब्बत से, वक्त आने पर, निगाह हम करेंगे ।। ता उम्र, मोहब्बत की जेल में कैद हम रहेंगे, तुम आना मत, हमारे पास, हम तन्हा होके, तेरे इश्क में इस कदर जी लेंगे। खड़ी रहेगी मोहब्बत रास्ते पर, फिर भी नज़र अंदाज़ कर जायेंगे!! लेखक ; विजय सर जी ©Vijay Kumar

#कविता #Sad_Status  White याद 


तुम्हारी यादों को दिल में, जगह दी है, 
एक अधूरी कहानी में, नयी वजह दी है। 
मेरी चाहत, जिसे मैं,  छोड़ आया था, 
उस चाहत का एक नयी मंजिल दी  है।। 

मुस्कुराना जरूर, फिर जब मिलेंगे, 
नफरत करना जरूर, फिर जब मिलेंगे। 
मैं एक तरफ़ा चाहत रखा था, 
उस चाहत , उस मोहब्बत से, 
वक्त आने पर, निगाह हम करेंगे  ।। 

ता उम्र, मोहब्बत की जेल में  कैद हम रहेंगे, 
तुम आना मत, हमारे पास, हम तन्हा होके, 
तेरे इश्क में इस कदर जी लेंगे। 
खड़ी रहेगी मोहब्बत रास्ते पर, फिर भी नज़र अंदाज़ कर जायेंगे!! 

लेखक ; विजय सर जी

©Vijay Kumar

#Sad_Status , प्यार पर कविता याद हिंदी कविता लेखक : विजय सर जी

11 Love

White एक तरफ़ा प्यार मेरी नज़रों से नज़रें, मिलाती थी वो, एक अंजान शक्स पर, मरती थी वो, मोहब्बत कर लिया, मुझसे पर इजहार करने से डरती थी वो। चुप - चुप कर उसकी नज़रें मुझको, तलास करती थी, एक पल भी ना दिखूँ, तो तड़प उठती थी, प्यार किया उसने, प्यार दिया उसने, नफरत की दुनिया मे, एक अनमोल सीख दिया उसने। शायद, जानती थी वो, मोहब्बत खुदा है, इसलिए इश्क एकतरफा रख कर निभाती थी, वो।। writer🙏:विजय सर जी ©Vijay Kumar

#कविता #GoodMorning  White एक तरफ़ा प्यार
मेरी नज़रों से नज़रें, मिलाती थी वो, 
एक अंजान शक्स पर, मरती थी वो, 
मोहब्बत कर लिया, मुझसे 
पर इजहार करने से डरती थी वो। 
चुप - चुप कर उसकी नज़रें मुझको, तलास करती थी, 
एक पल भी ना दिखूँ, तो तड़प उठती थी, 
प्यार किया उसने, प्यार दिया उसने, 
नफरत की दुनिया मे, एक अनमोल सीख दिया उसने। 
शायद, जानती थी वो, मोहब्बत खुदा है, 
इसलिए इश्क एकतरफा रख कर निभाती थी, वो।। 


writer🙏:विजय सर जी

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#GoodMorning , एक तरफ़ा प्यार लेखक : विजय सर जी प्यार पर कविता

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अदनासा- ༆ks᯾Dhoryツ (लेखक) I am MiraJ @angel rai @anuj

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अपनी लेखनी अपनी वार्ता लेखक भगत सतीश कुमार घोडेला

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