White तुम प्रेमी हो मेरे
प्रेम में तुमसे बस यही तो चाहती हूं कि जब भी तुम सामने आओ मैं कुछ सकुचाई सी शरमाई , घबराई सी तुमसे नजरें न मिला पाऊं और कंपकंपाते अधरों से तुम्हारा नाम पुकारना चाहूं
पर आंखों से बहते अश्रु गालों से सीधा होठों पर आ गिरे और मुझे मूक कर दें और तुम पढ़ लो मेरे चेहरे पर वो खुशी वो उत्साह ......महसूस करो उस सरगम को जो बज रही हो मेरे हृदय में,
देख सको मेरे मन मयूर को नृत्य करते हुए।
सूखी आंखों को जैसे झमाझम बारिश के सावन ने भिगोया हो। और इस बारिश ने मुरझाए अधरों की कलियों को फिर से जीवित किया हो।
तुम प्रेमी हो मेरे.........
©Divya Shrotriya
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