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छठ पूजा की हर तैयारी में बसते हैं आस्था और भक्ति के रंग जय हो छठ मैया 🙏 ©harshit tyagi

 छठ पूजा की हर तैयारी में बसते हैं 
आस्था और भक्ति के रंग 
जय हो छठ मैया 
🙏

©harshit tyagi

हमारे भारत देश की यही खूबसूरत बात है कि हम सभी मिलकर सारे त्योहार बड़े हर्ष के साथ मनाते हैं ।

16 Love

#फुलझड़ियां #पूर्णिमा #अमावस्या #घर_आंगन #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever  White मेरे घर आंगन  की शोभा तुम,,,,,,,,,,,,,,,, हंसती गाती मस्ती करती

कार्तिक माह के पूर्णिमा सी शीतल तुम
दिल में सकून ,,,,,,,,,,,,,,,,मन में चांदनी भरती
,,,,,,,चित्त को प्रकाशित करती,,,,,,

अमावस्या सी शांत और ख़ोमोश  तुम ,,
जीवन में स्थिरता लाती

 मनमोहक और निशा सी काली,, साथ सादगी गहराई लाती,,,

तुम हो मेरी ऋतु सारी
तुम मेरी होली दीवाली
मेरे तन मन जीवन को 
जगमग करती,, आनंदित,,, करती ,, आकर्षित करती,, हर्षो- उल्लास ताजगी भरती,, 

रंग बिरंगी फुलझड़ियों सी तुम
मन को मोहती खुशियां देती

काश!!! दुनिया संसार ब्रह्मांड  में कहीं कभी किसी समय किसी जीवन में 
,,,,,,,,,,,जो तुम मेरी होती,,.....

©Rakesh frnds4ever

मेरे #घर_आंगन की शोभा तुम,, हंसती गाती मस्ती करती,, कार्तिक माह के #पूर्णिमा सी शीतल तुम,, दिल में सकून भरती,,, मन में चांदनी भरती,,,

126 View

#कविता #love_shayari

#love_shayari हर्ष बैंक की कविता

135 View

ये हुआ वो हुआ ये होगा वो होगा सबको किनारे लगाते है। जो होगा देखा जाएगा अभी से क्यूं चिंता गले लगाते है। चलो कुछ पल को ये सब भूल जाते है। आओ,हर्ष उल्लास से विजयादशमी मनाते है।। ©Rimpi chaube

#विजयादशमी #दशहरा #wishes  ये हुआ वो हुआ ये होगा वो होगा सबको किनारे लगाते है।
जो होगा देखा जाएगा अभी से क्यूं चिंता गले लगाते है।
चलो कुछ पल को ये सब भूल जाते है।
आओ,हर्ष उल्लास से विजयादशमी मनाते है।।

©Rimpi chaube

#विजयादशमी 🏹❤️ ये हुआ वो हुआ ये होगा वो होगा सबको किनारे लगाते है। जो होगा देखा जाएगा अभी से क्यूं चिंता गले लगाते है। चलो कुछ पल को ये सब भ

12 Love

#Videos

हर्षित भंवरा

162 View

White विधा   कुण्डलिया :- तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष । जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।। उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा । आज नहीं है हाथ , हमारे अब वह रेखा ।। बन बैठे थे गैर , संग ले दूजे फेरे । आये हैं सब याद , दिलाने दिल को तेरे ।। करता किसका मैं यहाँ , सुनो प्रेम स्वीकार। सब ही तो दिखला रहे , झूठा हमसे प्यार ।। झूठा हमसे प्यार , करे यह सारे अपने । और कहें नित आप , हमारे आये सपने ।। दे दो कुछ उपहार , जान मैं तुमपे मरता । क्या बतलाऊँ आज , प्यार मैं कितना करता ।। यारा कटती है नहीं , तुम बिन मेरी रात । अब करो मुलाकात तो , बन जाए फिर बात ।। बन जाए फिर बात , रात रानी सी महके । दिल के वह जज्बात , चाँदनी पाकर लहके ।। यह मृगनयनी रूप , बने हर रात सहारा । एक झलक जो आज , दिखा दे मुझको यारा ।। ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White विधा   कुण्डलिया :-

तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष ।
जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।।
उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा ।
आज नहीं है हाथ , हमारे अब वह रेखा ।।
बन बैठे थे गैर , संग ले दूजे फेरे ।
आये हैं सब याद , दिलाने दिल को तेरे ।।

करता किसका मैं यहाँ , सुनो प्रेम स्वीकार।
सब ही तो दिखला रहे , झूठा हमसे प्यार ।।
झूठा हमसे प्यार , करे यह सारे अपने ।
और कहें नित आप , हमारे आये सपने ।।
दे दो कुछ उपहार , जान मैं तुमपे मरता ।
क्या बतलाऊँ आज , प्यार मैं कितना करता ।।

यारा कटती है नहीं , तुम बिन मेरी रात ।
अब करो मुलाकात तो , बन जाए फिर बात ।।
बन जाए फिर बात , रात रानी सी महके ।
दिल के वह जज्बात , चाँदनी पाकर लहके ।।
यह मृगनयनी रूप , बने हर रात सहारा ।
एक झलक जो आज , दिखा दे मुझको यारा ।।

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा   कुण्डलिया :- तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष । जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।। उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा ।

10 Love

छठ पूजा की हर तैयारी में बसते हैं आस्था और भक्ति के रंग जय हो छठ मैया 🙏 ©harshit tyagi

 छठ पूजा की हर तैयारी में बसते हैं 
आस्था और भक्ति के रंग 
जय हो छठ मैया 
🙏

©harshit tyagi

हमारे भारत देश की यही खूबसूरत बात है कि हम सभी मिलकर सारे त्योहार बड़े हर्ष के साथ मनाते हैं ।

16 Love

#फुलझड़ियां #पूर्णिमा #अमावस्या #घर_आंगन #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever  White मेरे घर आंगन  की शोभा तुम,,,,,,,,,,,,,,,, हंसती गाती मस्ती करती

कार्तिक माह के पूर्णिमा सी शीतल तुम
दिल में सकून ,,,,,,,,,,,,,,,,मन में चांदनी भरती
,,,,,,,चित्त को प्रकाशित करती,,,,,,

अमावस्या सी शांत और ख़ोमोश  तुम ,,
जीवन में स्थिरता लाती

 मनमोहक और निशा सी काली,, साथ सादगी गहराई लाती,,,

तुम हो मेरी ऋतु सारी
तुम मेरी होली दीवाली
मेरे तन मन जीवन को 
जगमग करती,, आनंदित,,, करती ,, आकर्षित करती,, हर्षो- उल्लास ताजगी भरती,, 

रंग बिरंगी फुलझड़ियों सी तुम
मन को मोहती खुशियां देती

काश!!! दुनिया संसार ब्रह्मांड  में कहीं कभी किसी समय किसी जीवन में 
,,,,,,,,,,,जो तुम मेरी होती,,.....

©Rakesh frnds4ever

मेरे #घर_आंगन की शोभा तुम,, हंसती गाती मस्ती करती,, कार्तिक माह के #पूर्णिमा सी शीतल तुम,, दिल में सकून भरती,,, मन में चांदनी भरती,,,

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#कविता #love_shayari

#love_shayari हर्ष बैंक की कविता

135 View

ये हुआ वो हुआ ये होगा वो होगा सबको किनारे लगाते है। जो होगा देखा जाएगा अभी से क्यूं चिंता गले लगाते है। चलो कुछ पल को ये सब भूल जाते है। आओ,हर्ष उल्लास से विजयादशमी मनाते है।। ©Rimpi chaube

#विजयादशमी #दशहरा #wishes  ये हुआ वो हुआ ये होगा वो होगा सबको किनारे लगाते है।
जो होगा देखा जाएगा अभी से क्यूं चिंता गले लगाते है।
चलो कुछ पल को ये सब भूल जाते है।
आओ,हर्ष उल्लास से विजयादशमी मनाते है।।

©Rimpi chaube

#विजयादशमी 🏹❤️ ये हुआ वो हुआ ये होगा वो होगा सबको किनारे लगाते है। जो होगा देखा जाएगा अभी से क्यूं चिंता गले लगाते है। चलो कुछ पल को ये सब भ

12 Love

#Videos

हर्षित भंवरा

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White विधा   कुण्डलिया :- तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष । जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।। उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा । आज नहीं है हाथ , हमारे अब वह रेखा ।। बन बैठे थे गैर , संग ले दूजे फेरे । आये हैं सब याद , दिलाने दिल को तेरे ।। करता किसका मैं यहाँ , सुनो प्रेम स्वीकार। सब ही तो दिखला रहे , झूठा हमसे प्यार ।। झूठा हमसे प्यार , करे यह सारे अपने । और कहें नित आप , हमारे आये सपने ।। दे दो कुछ उपहार , जान मैं तुमपे मरता । क्या बतलाऊँ आज , प्यार मैं कितना करता ।। यारा कटती है नहीं , तुम बिन मेरी रात । अब करो मुलाकात तो , बन जाए फिर बात ।। बन जाए फिर बात , रात रानी सी महके । दिल के वह जज्बात , चाँदनी पाकर लहके ।। यह मृगनयनी रूप , बने हर रात सहारा । एक झलक जो आज , दिखा दे मुझको यारा ।। ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White विधा   कुण्डलिया :-

तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष ।
जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।।
उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा ।
आज नहीं है हाथ , हमारे अब वह रेखा ।।
बन बैठे थे गैर , संग ले दूजे फेरे ।
आये हैं सब याद , दिलाने दिल को तेरे ।।

करता किसका मैं यहाँ , सुनो प्रेम स्वीकार।
सब ही तो दिखला रहे , झूठा हमसे प्यार ।।
झूठा हमसे प्यार , करे यह सारे अपने ।
और कहें नित आप , हमारे आये सपने ।।
दे दो कुछ उपहार , जान मैं तुमपे मरता ।
क्या बतलाऊँ आज , प्यार मैं कितना करता ।।

यारा कटती है नहीं , तुम बिन मेरी रात ।
अब करो मुलाकात तो , बन जाए फिर बात ।।
बन जाए फिर बात , रात रानी सी महके ।
दिल के वह जज्बात , चाँदनी पाकर लहके ।।
यह मृगनयनी रूप , बने हर रात सहारा ।
एक झलक जो आज , दिखा दे मुझको यारा ।।

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा   कुण्डलिया :- तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष । जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।। उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा ।

10 Love

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