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New हवाले वतन साथियों Status, Photo, Video

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तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है ईमानों का पतन अब पूछता कौन है.. दर्द देने की आदत शुमार है जमाना दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई शहीदों को नमन अब कौन पूछता है.. ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है... जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है.. जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है... ©अज्ञात

#किसके #शायरी  तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है 
अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है 

बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है 
ईमानों का पतन अब पूछता कौन है..

दर्द देने की आदत शुमार है जमाना 
दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है 

जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है 
फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है 

दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई  
शहीदों को नमन अब कौन पूछता है..

ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर 
किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है 

राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल 
बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है...

जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ 
अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है..

जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई 
मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है...

©अज्ञात

#किसके हिस्से वतन

16 Love

कुछ कह न सका, कुछ.. हुकुम भी तो न था मेरे भी हाथों में ....  क्षणिकता थी मेरे भी पैरों में... लज्जा और विषमता थी । पर तुम्हें  कुछ तो नहीं था ? हाथ में दो हाथ थें कहने, सुनने के बहुत से बात थे। उसे  में भी देखकर आई... जिसमें न होने की उम्मीदें थी। ख़त.... तो थे , जज़्बात, ज़िन्दगी और कुछ मौतें थी... उन्माद के जन्म पर... नयी सवेरा थी जो हो चुकी इस रश्म का.... रश्मिरथी थी।  तो, हम ने सोचा कि... एक जात को खत्म  किया जाएं बारिश ए इश्क़ में..... दिल को फिर से धोया जाएं.... पर जो कहें कि, ....  खनक ए पायल पसंद है तुम्हें... उस  हवस के आंख  का भी बड़े दिल से स्वागत है... मैं... ?   पन्नों में लिखे कहानी का किरदार हूं   निभाएं गये  रंगमंचों  का कलाकार हूं.... मुझे भी...  किरदार "राम" के मिलें थे.... पर , मैं तो  जीता-जागता...  एक रावण हूं..!!   कहा जाता है हम से... "कुछ अच्छा लिखों " कुछ न लिख सको तो,   मेरे हक़ में लिखों... लिखों की.... मैं राम हूं, मैं ही  कृष्ण हूं.... पर, कुछ लिख न सा.....  न राग, न रागिनी...!! सिद्धांत ✍️ ©Dev Rishi

#कविता  कुछ कह न सका, 
कुछ.. हुकुम भी तो न था 
मेरे भी हाथों में ....  क्षणिकता थी 
मेरे भी पैरों में... लज्जा और विषमता थी ।


पर तुम्हें  कुछ तो नहीं था ? 
हाथ में दो हाथ थें
कहने, सुनने के बहुत से बात थे। 
उसे  में भी देखकर आई... जिसमें न होने की उम्मीदें थी।


ख़त.... तो थे , 
जज़्बात, ज़िन्दगी और कुछ मौतें थी... 
उन्माद के जन्म पर... नयी सवेरा थी 
जो हो चुकी इस रश्म का.... रश्मिरथी थी।  


तो, हम ने सोचा कि... एक जात को खत्म  किया जाएं 
बारिश ए इश्क़ में..... दिल को फिर से धोया जाएं.... 
पर जो कहें कि, ....  खनक ए पायल पसंद है तुम्हें...
उस  हवस के आंख  का भी बड़े दिल से स्वागत है...


मैं... ?   पन्नों में लिखे कहानी का किरदार हूं 
  निभाएं गये  रंगमंचों  का कलाकार हूं.... 
मुझे भी...  किरदार "राम" के मिलें थे.... 
पर , मैं तो  जीता-जागता...  एक रावण हूं..!!

  
कहा जाता है हम से... "कुछ अच्छा लिखों "
कुछ न लिख सको तो,   मेरे हक़ में लिखों...
लिखों की.... मैं राम हूं, मैं ही  कृष्ण हूं.... 
पर, कुछ लिख न सा.....  न राग, न रागिनी...!! 

सिद्धांत ✍️

©Dev Rishi

प्रेम कविता, उसके हवाले से!!

18 Love

#मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा #mohammad_ibraheem_sultan_mirza #मोटिवेशनल #muftitariqmasoodspeeches #islamic_videos_deeniyat #Muftitariqmasood

Mufti Tariq Masood Sahab Ki Apne Watan Wapsi, मुफ़्ती तारीक़ मसूद साहब की अपने वतन वापसी, #Muftitariqmasood #muftitariqmasoodspeeches #moh

117 View

#Videos

तुमसे ही शुरू और तुम पर ही खतम, मेरी जिंदगी की डोर अब तेरे हवाले मेरे मोहन। 💙🥺

243 View

#वीडियो

हिन्दी हैं हम वतन हैं,.... हिंदी गाना वीडियो

2,106 View

#भक्ति #RadheGovinda

#RadheGovinda आप सभी साथियों को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं ढेर सारी शुभकामनाएं।

189 View

तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है ईमानों का पतन अब पूछता कौन है.. दर्द देने की आदत शुमार है जमाना दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई शहीदों को नमन अब कौन पूछता है.. ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है... जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है.. जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है... ©अज्ञात

#किसके #शायरी  तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है 
अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है 

बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है 
ईमानों का पतन अब पूछता कौन है..

दर्द देने की आदत शुमार है जमाना 
दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है 

जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है 
फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है 

दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई  
शहीदों को नमन अब कौन पूछता है..

ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर 
किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है 

राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल 
बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है...

जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ 
अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है..

जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई 
मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है...

©अज्ञात

#किसके हिस्से वतन

16 Love

कुछ कह न सका, कुछ.. हुकुम भी तो न था मेरे भी हाथों में ....  क्षणिकता थी मेरे भी पैरों में... लज्जा और विषमता थी । पर तुम्हें  कुछ तो नहीं था ? हाथ में दो हाथ थें कहने, सुनने के बहुत से बात थे। उसे  में भी देखकर आई... जिसमें न होने की उम्मीदें थी। ख़त.... तो थे , जज़्बात, ज़िन्दगी और कुछ मौतें थी... उन्माद के जन्म पर... नयी सवेरा थी जो हो चुकी इस रश्म का.... रश्मिरथी थी।  तो, हम ने सोचा कि... एक जात को खत्म  किया जाएं बारिश ए इश्क़ में..... दिल को फिर से धोया जाएं.... पर जो कहें कि, ....  खनक ए पायल पसंद है तुम्हें... उस  हवस के आंख  का भी बड़े दिल से स्वागत है... मैं... ?   पन्नों में लिखे कहानी का किरदार हूं   निभाएं गये  रंगमंचों  का कलाकार हूं.... मुझे भी...  किरदार "राम" के मिलें थे.... पर , मैं तो  जीता-जागता...  एक रावण हूं..!!   कहा जाता है हम से... "कुछ अच्छा लिखों " कुछ न लिख सको तो,   मेरे हक़ में लिखों... लिखों की.... मैं राम हूं, मैं ही  कृष्ण हूं.... पर, कुछ लिख न सा.....  न राग, न रागिनी...!! सिद्धांत ✍️ ©Dev Rishi

#कविता  कुछ कह न सका, 
कुछ.. हुकुम भी तो न था 
मेरे भी हाथों में ....  क्षणिकता थी 
मेरे भी पैरों में... लज्जा और विषमता थी ।


पर तुम्हें  कुछ तो नहीं था ? 
हाथ में दो हाथ थें
कहने, सुनने के बहुत से बात थे। 
उसे  में भी देखकर आई... जिसमें न होने की उम्मीदें थी।


ख़त.... तो थे , 
जज़्बात, ज़िन्दगी और कुछ मौतें थी... 
उन्माद के जन्म पर... नयी सवेरा थी 
जो हो चुकी इस रश्म का.... रश्मिरथी थी।  


तो, हम ने सोचा कि... एक जात को खत्म  किया जाएं 
बारिश ए इश्क़ में..... दिल को फिर से धोया जाएं.... 
पर जो कहें कि, ....  खनक ए पायल पसंद है तुम्हें...
उस  हवस के आंख  का भी बड़े दिल से स्वागत है...


मैं... ?   पन्नों में लिखे कहानी का किरदार हूं 
  निभाएं गये  रंगमंचों  का कलाकार हूं.... 
मुझे भी...  किरदार "राम" के मिलें थे.... 
पर , मैं तो  जीता-जागता...  एक रावण हूं..!!

  
कहा जाता है हम से... "कुछ अच्छा लिखों "
कुछ न लिख सको तो,   मेरे हक़ में लिखों...
लिखों की.... मैं राम हूं, मैं ही  कृष्ण हूं.... 
पर, कुछ लिख न सा.....  न राग, न रागिनी...!! 

सिद्धांत ✍️

©Dev Rishi

प्रेम कविता, उसके हवाले से!!

18 Love

#मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा #mohammad_ibraheem_sultan_mirza #मोटिवेशनल #muftitariqmasoodspeeches #islamic_videos_deeniyat #Muftitariqmasood

Mufti Tariq Masood Sahab Ki Apne Watan Wapsi, मुफ़्ती तारीक़ मसूद साहब की अपने वतन वापसी, #Muftitariqmasood #muftitariqmasoodspeeches #moh

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तुमसे ही शुरू और तुम पर ही खतम, मेरी जिंदगी की डोर अब तेरे हवाले मेरे मोहन। 💙🥺

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हिन्दी हैं हम वतन हैं,.... हिंदी गाना वीडियो

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#भक्ति #RadheGovinda

#RadheGovinda आप सभी साथियों को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं ढेर सारी शुभकामनाएं।

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