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New हृदय रोग में भोजन Status, Photo, Video

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सभी को पता हि होगा दुनिया में जीने के लिये तीन चीज जरुरी होति है हवा , भोजन पानी, शिक्षा हवा फ्री मे मिल रहि है,बाकि अब अस्पतालो मे हवा भी खरीदी जा रहि है भोजन पानी कि शोप,होटल खुब चल रहे है काफि अच्छे बजत पर रहि शिक्षा कि बात ये भी धढ़ल्ले से बिक रहा है, मै भी अपने ग्राहको को ये भोजन पानी और शिक्षा बहुत हि कम रकम लेकर देना चाहता हुं,ताकि फ्री का माल समझकर दुरुपयोग न करे..!! आपकी राय बताओ..!! ©HARSHIT369

#शिक्षा #विचार  सभी को पता हि होगा दुनिया में 
जीने के लिये तीन चीज जरुरी होति है
हवा , भोजन पानी, शिक्षा
हवा फ्री मे मिल रहि है,बाकि
 अब अस्पतालो मे हवा भी खरीदी जा रहि है
भोजन पानी कि शोप,होटल खुब चल रहे है
काफि अच्छे बजत पर
रहि शिक्षा कि बात
ये भी धढ़ल्ले से बिक रहा है,
मै भी अपने ग्राहको को
ये भोजन पानी और शिक्षा बहुत हि कम
रकम लेकर देना चाहता हुं,ताकि 
फ्री का माल समझकर दुरुपयोग न करे..!!
आपकी राय बताओ..!!

©HARSHIT369

#शिक्षा और भोजन आज का विचार

13 Love

#विचार  💃

उदरी रोग प्रशमन

153 View

#कविता #टीका  टीका बन गया रोग

©kavi Dinesh kumar

#टीका बन गया रोग कविता

144 View

#कविता #Buddha_purnima #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
मन के संचित भावो ने ही
आवरण भव भवो के ओड़े है
आकुल व्याकुल हर्ष विषाद में
अनजाने पापो के पाप आत्मा में जोड़े है
करो चिकित्सा इनकी अब दस दिन
दसधर्म को प्रगटाओ
एक एक धर्म का सार समझो
बोधिसत्व चेतना तक पहुँचायो
कैम्प समझो आत्मशुद्धि का दस दिन
विकारों को दूर भगाये
सत्य शौच संयम त्याग तपस्या
और व्रतों से मुक्तिपथ अपनाकर
जन्म मरण का रोग भगाये
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Buddha_purnima जन्म मरण के रोग भगाये #nojotohindi

288 View

हल्का भोजन हल्का मन, पेट खाली दिमाग भ्रम, फ्री का पाकर खाने में काहे का लागे शर्म..! ©Himanshu Prajapati

#विचार #hpstrange #36gyan #Funny  हल्का भोजन हल्का मन,
पेट खाली दिमाग भ्रम,
फ्री का पाकर खाने में 
काहे का लागे शर्म..!

©Himanshu Prajapati

#Funny हल्का भोजन हल्का मन, पेट खाली दिमाग भ्रम, फ्री का पाकर खाने में काहे का लागे शर्म..! #hpstrange #36gyan

17 Love

रोग ऐसा रोग लगा मुझे की, अब नहीं दिखता कोई अपना, जकड़ा मुझको इसने ऐसे की, रहा न कोई अपना। छाया अब घनघोर अंधेरा, कैसी दुविधा है आई, चारो ओर उदासी है लाई, इंतजार जीवन भर पाया। चेहरे पर खुशी नहीं अब, ऐसा साल आया अब, पैसे रहा न अपने रहे,रहा न कोई अपना। शुरुआत में लगा मुझे भी, सलामत घर को लौट जाऊंगा, सब कुछ ठीक फिर हो जायेगा,पहले जैसा बन जायेगा। लेकिन फिर अचानक से, इस बीमारी ने अपना रंग दिखाई, दिखाया मुझको फिर आइना, मुझसे मेरी पहचान कराई। अब पूछते है एक दूसरे से, कब होगा सब पहले जैसा, कब तक रहेगा सब ऐसा, हर सुबह करते है अब सब, सवाल नए एक दूसरे से। कही ऐसा न हो जाए, उड़ जाए पंछी अकेला, रह जाए बस खाली पिंजरा, समझ आया जब रोग ये लगा, रहा न कोई अपना। Alfazii 🖊️💙 ©Heer

#रोग  रोग 

ऐसा रोग लगा मुझे की, अब नहीं दिखता कोई अपना,
जकड़ा मुझको इसने ऐसे की, रहा न कोई अपना। 

छाया अब घनघोर अंधेरा, कैसी दुविधा है आई, 
चारो ओर उदासी है लाई, इंतजार जीवन भर पाया। 

चेहरे पर खुशी नहीं अब, ऐसा साल आया अब, 
पैसे रहा न अपने रहे,रहा न कोई अपना। 

शुरुआत में लगा मुझे भी, सलामत घर को लौट जाऊंगा,
सब कुछ ठीक फिर हो जायेगा,पहले जैसा बन जायेगा। 

लेकिन फिर अचानक से,  इस बीमारी ने अपना रंग दिखाई, 
दिखाया मुझको फिर आइना, मुझसे मेरी पहचान कराई। 

अब पूछते है एक दूसरे से, कब होगा सब पहले जैसा, 
कब तक रहेगा सब ऐसा, 
हर सुबह करते है अब सब, सवाल नए एक दूसरे से। 

कही ऐसा न हो जाए, उड़ जाए पंछी अकेला, 
रह जाए बस खाली पिंजरा, 
समझ आया जब रोग ये लगा, रहा न कोई अपना। 

Alfazii 🖊️💙

©Heer

#रोग

23 Love

सभी को पता हि होगा दुनिया में जीने के लिये तीन चीज जरुरी होति है हवा , भोजन पानी, शिक्षा हवा फ्री मे मिल रहि है,बाकि अब अस्पतालो मे हवा भी खरीदी जा रहि है भोजन पानी कि शोप,होटल खुब चल रहे है काफि अच्छे बजत पर रहि शिक्षा कि बात ये भी धढ़ल्ले से बिक रहा है, मै भी अपने ग्राहको को ये भोजन पानी और शिक्षा बहुत हि कम रकम लेकर देना चाहता हुं,ताकि फ्री का माल समझकर दुरुपयोग न करे..!! आपकी राय बताओ..!! ©HARSHIT369

#शिक्षा #विचार  सभी को पता हि होगा दुनिया में 
जीने के लिये तीन चीज जरुरी होति है
हवा , भोजन पानी, शिक्षा
हवा फ्री मे मिल रहि है,बाकि
 अब अस्पतालो मे हवा भी खरीदी जा रहि है
भोजन पानी कि शोप,होटल खुब चल रहे है
काफि अच्छे बजत पर
रहि शिक्षा कि बात
ये भी धढ़ल्ले से बिक रहा है,
मै भी अपने ग्राहको को
ये भोजन पानी और शिक्षा बहुत हि कम
रकम लेकर देना चाहता हुं,ताकि 
फ्री का माल समझकर दुरुपयोग न करे..!!
आपकी राय बताओ..!!

©HARSHIT369

#शिक्षा और भोजन आज का विचार

13 Love

#विचार  💃

उदरी रोग प्रशमन

153 View

#कविता #टीका  टीका बन गया रोग

©kavi Dinesh kumar

#टीका बन गया रोग कविता

144 View

#कविता #Buddha_purnima #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
मन के संचित भावो ने ही
आवरण भव भवो के ओड़े है
आकुल व्याकुल हर्ष विषाद में
अनजाने पापो के पाप आत्मा में जोड़े है
करो चिकित्सा इनकी अब दस दिन
दसधर्म को प्रगटाओ
एक एक धर्म का सार समझो
बोधिसत्व चेतना तक पहुँचायो
कैम्प समझो आत्मशुद्धि का दस दिन
विकारों को दूर भगाये
सत्य शौच संयम त्याग तपस्या
और व्रतों से मुक्तिपथ अपनाकर
जन्म मरण का रोग भगाये
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Buddha_purnima जन्म मरण के रोग भगाये #nojotohindi

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हल्का भोजन हल्का मन, पेट खाली दिमाग भ्रम, फ्री का पाकर खाने में काहे का लागे शर्म..! ©Himanshu Prajapati

#विचार #hpstrange #36gyan #Funny  हल्का भोजन हल्का मन,
पेट खाली दिमाग भ्रम,
फ्री का पाकर खाने में 
काहे का लागे शर्म..!

©Himanshu Prajapati

#Funny हल्का भोजन हल्का मन, पेट खाली दिमाग भ्रम, फ्री का पाकर खाने में काहे का लागे शर्म..! #hpstrange #36gyan

17 Love

रोग ऐसा रोग लगा मुझे की, अब नहीं दिखता कोई अपना, जकड़ा मुझको इसने ऐसे की, रहा न कोई अपना। छाया अब घनघोर अंधेरा, कैसी दुविधा है आई, चारो ओर उदासी है लाई, इंतजार जीवन भर पाया। चेहरे पर खुशी नहीं अब, ऐसा साल आया अब, पैसे रहा न अपने रहे,रहा न कोई अपना। शुरुआत में लगा मुझे भी, सलामत घर को लौट जाऊंगा, सब कुछ ठीक फिर हो जायेगा,पहले जैसा बन जायेगा। लेकिन फिर अचानक से, इस बीमारी ने अपना रंग दिखाई, दिखाया मुझको फिर आइना, मुझसे मेरी पहचान कराई। अब पूछते है एक दूसरे से, कब होगा सब पहले जैसा, कब तक रहेगा सब ऐसा, हर सुबह करते है अब सब, सवाल नए एक दूसरे से। कही ऐसा न हो जाए, उड़ जाए पंछी अकेला, रह जाए बस खाली पिंजरा, समझ आया जब रोग ये लगा, रहा न कोई अपना। Alfazii 🖊️💙 ©Heer

#रोग  रोग 

ऐसा रोग लगा मुझे की, अब नहीं दिखता कोई अपना,
जकड़ा मुझको इसने ऐसे की, रहा न कोई अपना। 

छाया अब घनघोर अंधेरा, कैसी दुविधा है आई, 
चारो ओर उदासी है लाई, इंतजार जीवन भर पाया। 

चेहरे पर खुशी नहीं अब, ऐसा साल आया अब, 
पैसे रहा न अपने रहे,रहा न कोई अपना। 

शुरुआत में लगा मुझे भी, सलामत घर को लौट जाऊंगा,
सब कुछ ठीक फिर हो जायेगा,पहले जैसा बन जायेगा। 

लेकिन फिर अचानक से,  इस बीमारी ने अपना रंग दिखाई, 
दिखाया मुझको फिर आइना, मुझसे मेरी पहचान कराई। 

अब पूछते है एक दूसरे से, कब होगा सब पहले जैसा, 
कब तक रहेगा सब ऐसा, 
हर सुबह करते है अब सब, सवाल नए एक दूसरे से। 

कही ऐसा न हो जाए, उड़ जाए पंछी अकेला, 
रह जाए बस खाली पिंजरा, 
समझ आया जब रोग ये लगा, रहा न कोई अपना। 

Alfazii 🖊️💙

©Heer

#रोग

23 Love

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