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New लोभी कुत्रा इयत्ता दुसरी Status, Photo, Video

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#happy_independence_day #मुश्किल #happyindependenceday #IndependenceDayIndia #IndependenceDay2024 #IndependenceDay2025  White // आजादी कैसे पाई थी //

देश के हजारों वीरो ने फांसी के फंदे पर झूले थे,
लाखो वीरो ने गोलियां भी यु खाई थी ।
तब कही बड़ी मुश्किल से हमने,
इस भारत में यु आजादी को पाई थी ।।

कहते है कि , कुछ सत्ता के लोभी थे यु लोग,
आजादी का वो चरखा चला कर खुद आई थी ।
तुम उन वीरों को वे अब भूल गए हैं,
जिन्होंने काल कोठरी में यातना पाई थी ।।

वीर सावरकर को अब भूल गए हैं,
जिसने आजादी की वो ज्योति जलाई थी ।
कील , कांटो और अपने नाखूनों से ,
आजादी का ये नारो को ,जिसने को लिखाई थी ।।

भगत सिंह को हम सब भूल गए हैं,
जिसने छोटी सी उम्र में यु फांसी खाई थी ।।
आजाद को अब कौन यु ही याद करे,
जिसने भारत को  , उन अंगरेजो के गुलामो से आजादी दिलाई थी

©बेजुबान शायर shivkumar
#nojotohindipoetry #दोहे #आघात #sandiprohila #nojotohindi  आघात (दोहे)

आशा जिससे हो हमें, दे वो ही आघात।
पीड़ा होती है बहुत, व्याकुल हैं जज्बात।।

जीवन में उलझन बड़ी, रहती है दिन रात।
कैसे करूँ बखान मैं, मिलता है आघात।।

समाधान जब हो कभी, मिलता है आराम।
मुक्ति मिले आघात से, संकट है नाकाम।।

देता जब कोई कभी, हमको है आघात।
व्याकुल मन उसका रहे, खाता भी वह मात।।

दें वो ही आघात हैं, जिस पर हो विश्वास।
धन के लोभी से हमें, रहे न कोई आस।।
..............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#आघात #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry #nojotohindi आघात (दोहे) आशा जिससे हो हमें, दे वो ही आघात। पीड़ा होती है बहुत, व्याकुल हैं जज्

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#happy_independence_day #मुश्किल #happyindependenceday #IndependenceDayIndia #IndependenceDay2024 #IndependenceDay2025  White // आजादी कैसे पाई थी //

देश के हजारों वीरो ने फांसी के फंदे पर झूले थे,
लाखो वीरो ने गोलियां भी यु खाई थी ।
तब कही बड़ी मुश्किल से हमने,
इस भारत में यु आजादी को पाई थी ।।

कहते है कि , कुछ सत्ता के लोभी थे यु लोग,
आजादी का वो चरखा चला कर खुद आई थी ।
तुम उन वीरों को वे अब भूल गए हैं,
जिन्होंने काल कोठरी में यातना पाई थी ।।

वीर सावरकर को अब भूल गए हैं,
जिसने आजादी की वो ज्योति जलाई थी ।
कील , कांटो और अपने नाखूनों से ,
आजादी का ये नारो को ,जिसने को लिखाई थी ।।

भगत सिंह को हम सब भूल गए हैं,
जिसने छोटी सी उम्र में यु फांसी खाई थी ।।
आजाद को अब कौन यु ही याद करे,
जिसने भारत को  , उन अंगरेजो के गुलामो से आजादी दिलाई थी

©बेजुबान शायर shivkumar
#nojotohindipoetry #दोहे #आघात #sandiprohila #nojotohindi  आघात (दोहे)

आशा जिससे हो हमें, दे वो ही आघात।
पीड़ा होती है बहुत, व्याकुल हैं जज्बात।।

जीवन में उलझन बड़ी, रहती है दिन रात।
कैसे करूँ बखान मैं, मिलता है आघात।।

समाधान जब हो कभी, मिलता है आराम।
मुक्ति मिले आघात से, संकट है नाकाम।।

देता जब कोई कभी, हमको है आघात।
व्याकुल मन उसका रहे, खाता भी वह मात।।

दें वो ही आघात हैं, जिस पर हो विश्वास।
धन के लोभी से हमें, रहे न कोई आस।।
..............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

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