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#शायरी

लव शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी ✍🏿🍂🍂महोब्बत तो तुम से🙂🥀🥀

126 View

White अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं। दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।। किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं। टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।। कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ। अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।। ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं। में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।। कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं। कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।। मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं। शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं। आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।। शिल्पी जैन सतना ©chahat

#कविता  White  अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं।
दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।।
किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं।
टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।।
कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ।
अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।।
ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं।
में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।।
कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं।
कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।।
मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। 
अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं।
शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं।
आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।।  
                    शिल्पी जैन सतना

©chahat

मुस्करा देती हूं

16 Love

White जब कभी कुछ कह नहीं पाता उसे लिख देता हूं जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता जो रह जाता है उसे लिख देता हूं भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं अपनी जड़ता लिख देता हूं या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं तो उस बहाव को लिख देता हू जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं तो उलझन को कही लिख देता हूं खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।। ©मिहिर

#कविता  White जब कभी कुछ कह नहीं पाता 
उसे लिख देता हूं
जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता 
जो रह जाता है उसे लिख देता हूं 
भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं
अपनी जड़ता लिख देता हूं 
या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं 
तो उस बहाव को लिख देता हू
जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो
तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं
जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं 
तो उलझन को कही लिख देता हूं
खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं 
इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।।

©मिहिर

लिख देता हूं

13 Love

White मैं तुम्हारे लायक नहीं हूं ।। तुम जब चाहे मुझे छोड़ सकते हों।। ©Gulab Malakar

#sad_qoute #SAD  White मैं तुम्हारे लायक नहीं हूं ।।
तुम जब चाहे मुझे छोड़ सकते हों।।

©Gulab Malakar

#sad_qoute मैं तुम्हारे लायक नहीं हूं ।। तुम जब चाहे मुझे छोड़ सकते हों।।

16 Love

में अपने " #लफ़्ज़ " बहुत ही कम ही लिखता हूं !! पर पूरी " #ज़िंदगी " के सारे ग़म को भी लिखता हूं !! मेरी " #शायरी " को पड़ने वाले भी यु तड़प उठे !! में हंस कर ऐसे " #ज़ख़म " को भी लिखता हूं !! " परवाह " नहीं मुझे किसी के ये ,, बेफिजुल ,, आंसुओं की !! जब भी लिखता हूं " बेरहम " भी लिखता हूं !! मुझे तुम्हारी ये बद " दुआ " ही , क्या मुझे ये मारेगी !! में तोड़ी हुई वो हज़ार " #कसम " भी लिखता हूं !! ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर #ज़िंदगी #लफ़्ज़ #कविता95 #कविता #शायरी  में अपने " #लफ़्ज़ " बहुत ही कम ही लिखता हूं !!
पर पूरी " #ज़िंदगी " के सारे ग़म को भी लिखता हूं !!

मेरी " #शायरी " को पड़ने वाले भी यु तड़प उठे !!
में हंस कर ऐसे " #ज़ख़म " को भी लिखता हूं !!

" परवाह " नहीं मुझे किसी के ये ,, बेफिजुल ,, आंसुओं की !!
जब भी लिखता हूं " बेरहम " भी लिखता हूं !!

मुझे तुम्हारी ये बद " दुआ " ही ,  क्या मुझे ये मारेगी !!
में तोड़ी हुई वो हज़ार " #कसम " भी  लिखता हूं !!

©बेजुबान शायर shivkumar

कविता कोश हिंदी कविता कविताएं #SAD #SAD Sethi Ji Anshu writer Aman Singh poonam atrey puja udeshi कविता कोश कविताएं कविता कोश कविताएं

19 Love

#शायरी #love_qoutes  White कितना प्यार है 
तुम से,
वो लफ्जों के सहारे 
कैसे बताऊँ,
महसूस कर 
मेरे एहसास को, 
अब गवाही
 कहां से लाऊ

©Jagbandhu Mandal

कितना प्यार है तुम से, वो लफ्जों के सहारे कैसे बताऊँ, महसूस कर मेरे एहसास को, अब गवाही कहां से लाऊ #love_qoutes लव शायरी

135 View

#शायरी

लव शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी ✍🏿🍂🍂महोब्बत तो तुम से🙂🥀🥀

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White अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं। दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।। किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं। टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।। कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ। अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।। ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं। में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।। कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं। कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।। मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं। शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं। आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।। शिल्पी जैन सतना ©chahat

#कविता  White  अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं।
दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।।
किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं।
टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।।
कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ।
अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।।
ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं।
में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।।
कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं।
कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।।
मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। 
अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं।
शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं।
आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।।  
                    शिल्पी जैन सतना

©chahat

मुस्करा देती हूं

16 Love

White जब कभी कुछ कह नहीं पाता उसे लिख देता हूं जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता जो रह जाता है उसे लिख देता हूं भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं अपनी जड़ता लिख देता हूं या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं तो उस बहाव को लिख देता हू जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं तो उलझन को कही लिख देता हूं खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।। ©मिहिर

#कविता  White जब कभी कुछ कह नहीं पाता 
उसे लिख देता हूं
जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता 
जो रह जाता है उसे लिख देता हूं 
भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं
अपनी जड़ता लिख देता हूं 
या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं 
तो उस बहाव को लिख देता हू
जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो
तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं
जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं 
तो उलझन को कही लिख देता हूं
खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं 
इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।।

©मिहिर

लिख देता हूं

13 Love

White मैं तुम्हारे लायक नहीं हूं ।। तुम जब चाहे मुझे छोड़ सकते हों।। ©Gulab Malakar

#sad_qoute #SAD  White मैं तुम्हारे लायक नहीं हूं ।।
तुम जब चाहे मुझे छोड़ सकते हों।।

©Gulab Malakar

#sad_qoute मैं तुम्हारे लायक नहीं हूं ।। तुम जब चाहे मुझे छोड़ सकते हों।।

16 Love

में अपने " #लफ़्ज़ " बहुत ही कम ही लिखता हूं !! पर पूरी " #ज़िंदगी " के सारे ग़म को भी लिखता हूं !! मेरी " #शायरी " को पड़ने वाले भी यु तड़प उठे !! में हंस कर ऐसे " #ज़ख़म " को भी लिखता हूं !! " परवाह " नहीं मुझे किसी के ये ,, बेफिजुल ,, आंसुओं की !! जब भी लिखता हूं " बेरहम " भी लिखता हूं !! मुझे तुम्हारी ये बद " दुआ " ही , क्या मुझे ये मारेगी !! में तोड़ी हुई वो हज़ार " #कसम " भी लिखता हूं !! ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर #ज़िंदगी #लफ़्ज़ #कविता95 #कविता #शायरी  में अपने " #लफ़्ज़ " बहुत ही कम ही लिखता हूं !!
पर पूरी " #ज़िंदगी " के सारे ग़म को भी लिखता हूं !!

मेरी " #शायरी " को पड़ने वाले भी यु तड़प उठे !!
में हंस कर ऐसे " #ज़ख़म " को भी लिखता हूं !!

" परवाह " नहीं मुझे किसी के ये ,, बेफिजुल ,, आंसुओं की !!
जब भी लिखता हूं " बेरहम " भी लिखता हूं !!

मुझे तुम्हारी ये बद " दुआ " ही ,  क्या मुझे ये मारेगी !!
में तोड़ी हुई वो हज़ार " #कसम " भी  लिखता हूं !!

©बेजुबान शायर shivkumar

कविता कोश हिंदी कविता कविताएं #SAD #SAD Sethi Ji Anshu writer Aman Singh poonam atrey puja udeshi कविता कोश कविताएं कविता कोश कविताएं

19 Love

#शायरी #love_qoutes  White कितना प्यार है 
तुम से,
वो लफ्जों के सहारे 
कैसे बताऊँ,
महसूस कर 
मेरे एहसास को, 
अब गवाही
 कहां से लाऊ

©Jagbandhu Mandal

कितना प्यार है तुम से, वो लफ्जों के सहारे कैसे बताऊँ, महसूस कर मेरे एहसास को, अब गवाही कहां से लाऊ #love_qoutes लव शायरी

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