tags

New shakesphere love poems after marraige Status, Photo, Video

Find the latest Status about shakesphere love poems after marraige from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about shakesphere love poems after marraige.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White These are your own words your way of noticing and saying plainly of not turning away from hurt you have offered them to me I am only giving them back if only I could show you how very useless they are not ©aswathy sudheesh

#good_night #poems  White These are your own words
your way of noticing
and saying plainly
of not turning away
from hurt

you have offered them 
to me    I am only 
giving them back 

if only I could show you
how very useless 
they are not

©aswathy sudheesh

after marriage

126 View

after every fight

135 View

#कविता #poems

#poems

108 View

जीने की फनकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत मैं भी अदाकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत इस सादगी से भला किसका काम चलता है यारों मैं भी पुरकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत ©_बेखबर

#hindi_poetry #love_shayari #poems  जीने की फनकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत 
मैं भी अदाकारी  सीख  रहा हूं  थोड़ी बहुत 

इस सादगी से भला किसका काम चलता है 
यारों मैं भी पुरकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत

©_बेखबर

कन्यादान कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का । हँसी खुशी सब काम हुआ था, सारी रस्म अदाई का ।। बेटी के उस कातर स्वर ने, बाबुल को झकझोर दिया। पूछ रही थी पापा तुमने, क्या सचमुच में छोड़ दिया ।। अपने आँगन की फुलवारी, मुझको सदा कहा तुमने । मेरे रोने को पलभर भी, बिल्कुल नहीं सहा तुमने ।। क्या इस आँगन के कोने में, मेरा कुछ स्थान नहीं । अब मेरे रोने का पापा, तुमको बिल्कुल ध्यान नहीं ।। नहीं रोकते चाचा ताऊ, भैया से भी आस नहीं । ऐसी भी क्या उदासी है, कोई आता पास नहीं ।। बेटी की बातों को सुन के, पिता नहीं रह सका खड़ा । उमड़ पड़े आँखों से आँसू, बदहवास सा दौड़ पड़ा ।। माँ को लगा गोद से कोई, मानों सब कुछ छीन चला । फूल सभी घर की फुलवारी से, कोई ज्यों बीन चला ॥ ©Heer

#कन्यादान #Marraige  कन्यादान 

कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का । 
हँसी खुशी सब काम हुआ था, सारी रस्म अदाई का ।।

बेटी के उस कातर स्वर ने, बाबुल को झकझोर दिया।
 पूछ रही थी पापा तुमने, क्या सचमुच में छोड़ दिया ।।

अपने आँगन की फुलवारी, मुझको सदा कहा तुमने । 
मेरे रोने को पलभर भी, बिल्कुल नहीं सहा तुमने ।।

क्या इस आँगन के कोने में, मेरा कुछ स्थान नहीं । 
अब मेरे रोने का पापा, तुमको बिल्कुल ध्यान नहीं ।।

नहीं रोकते चाचा ताऊ, भैया से भी आस नहीं । 
ऐसी भी क्या उदासी है, कोई आता पास नहीं ।।

बेटी की बातों को सुन के, पिता नहीं रह सका खड़ा । 
उमड़ पड़े आँखों से आँसू, बदहवास सा दौड़ पड़ा ।।

माँ को लगा गोद से कोई, मानों सब कुछ छीन चला । 
फूल सभी घर की फुलवारी से, कोई ज्यों बीन चला ॥

©Heer

White These are your own words your way of noticing and saying plainly of not turning away from hurt you have offered them to me I am only giving them back if only I could show you how very useless they are not ©aswathy sudheesh

#good_night #poems  White These are your own words
your way of noticing
and saying plainly
of not turning away
from hurt

you have offered them 
to me    I am only 
giving them back 

if only I could show you
how very useless 
they are not

©aswathy sudheesh

after marriage

126 View

after every fight

135 View

#कविता #poems

#poems

108 View

जीने की फनकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत मैं भी अदाकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत इस सादगी से भला किसका काम चलता है यारों मैं भी पुरकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत ©_बेखबर

#hindi_poetry #love_shayari #poems  जीने की फनकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत 
मैं भी अदाकारी  सीख  रहा हूं  थोड़ी बहुत 

इस सादगी से भला किसका काम चलता है 
यारों मैं भी पुरकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत

©_बेखबर

कन्यादान कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का । हँसी खुशी सब काम हुआ था, सारी रस्म अदाई का ।। बेटी के उस कातर स्वर ने, बाबुल को झकझोर दिया। पूछ रही थी पापा तुमने, क्या सचमुच में छोड़ दिया ।। अपने आँगन की फुलवारी, मुझको सदा कहा तुमने । मेरे रोने को पलभर भी, बिल्कुल नहीं सहा तुमने ।। क्या इस आँगन के कोने में, मेरा कुछ स्थान नहीं । अब मेरे रोने का पापा, तुमको बिल्कुल ध्यान नहीं ।। नहीं रोकते चाचा ताऊ, भैया से भी आस नहीं । ऐसी भी क्या उदासी है, कोई आता पास नहीं ।। बेटी की बातों को सुन के, पिता नहीं रह सका खड़ा । उमड़ पड़े आँखों से आँसू, बदहवास सा दौड़ पड़ा ।। माँ को लगा गोद से कोई, मानों सब कुछ छीन चला । फूल सभी घर की फुलवारी से, कोई ज्यों बीन चला ॥ ©Heer

#कन्यादान #Marraige  कन्यादान 

कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का । 
हँसी खुशी सब काम हुआ था, सारी रस्म अदाई का ।।

बेटी के उस कातर स्वर ने, बाबुल को झकझोर दिया।
 पूछ रही थी पापा तुमने, क्या सचमुच में छोड़ दिया ।।

अपने आँगन की फुलवारी, मुझको सदा कहा तुमने । 
मेरे रोने को पलभर भी, बिल्कुल नहीं सहा तुमने ।।

क्या इस आँगन के कोने में, मेरा कुछ स्थान नहीं । 
अब मेरे रोने का पापा, तुमको बिल्कुल ध्यान नहीं ।।

नहीं रोकते चाचा ताऊ, भैया से भी आस नहीं । 
ऐसी भी क्या उदासी है, कोई आता पास नहीं ।।

बेटी की बातों को सुन के, पिता नहीं रह सका खड़ा । 
उमड़ पड़े आँखों से आँसू, बदहवास सा दौड़ पड़ा ।।

माँ को लगा गोद से कोई, मानों सब कुछ छीन चला । 
फूल सभी घर की फुलवारी से, कोई ज्यों बीन चला ॥

©Heer
Trending Topic