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#thought  White hello 🤗👋

©Mehak Qureshi

#thought

108 View

White मेरी डायरी, अनसुलझी सी #2 ......उलझे-उलझे..... सबके साथ उलझे-उलझे रहने में पता ही नहीं चला, कब खुद में ही मैं उलझती चली गई। घर के सामानों के साथ खुद भी समान होती चली गई । घर को समेटते - समेटते, अपने अंदर खुद को इतना बिखेर दिया, कि अब उसे समेटने का कोई रास्ता समझ नहीं आता । अब खुद भी मुझे लगता है, कि मैंने खुद को कितना बिखेर दिया है। मुझे घर के बर्तन, कपड़े , यहां तक की जूते चप्पल सब कुछ समेटने का समय है, समय नहीं है तो, बस खुद को समेटने का । पर सोचती हूं, खुद में समेटू भी तो क्या ? एक ऐसी खामोशी, जो मुझे ही नहीं पता कि वो है क्यों? या, एक ऐसा अकेलापन, जिसे मैंने खुद ही बनाया है ,पता नहीं, क्या समेटना है मुझे..... ©Janshruti

#विचार #thought  White मेरी डायरी, अनसुलझी सी #2

......उलझे-उलझे.....
सबके साथ उलझे-उलझे रहने में पता ही नहीं चला, कब खुद में ही मैं उलझती चली गई। घर के सामानों के साथ खुद भी समान होती चली गई । घर को समेटते - समेटते, अपने अंदर खुद को इतना बिखेर दिया, कि अब उसे समेटने का कोई रास्ता समझ नहीं आता । अब खुद भी मुझे लगता है, कि मैंने खुद को कितना बिखेर दिया है।  मुझे घर के बर्तन, कपड़े , यहां तक की जूते चप्पल सब कुछ समेटने का समय है, समय नहीं है तो, बस खुद को समेटने का । पर सोचती हूं, खुद में समेटू भी तो क्या ? एक ऐसी खामोशी, जो मुझे ही नहीं पता कि वो है क्यों? या, एक ऐसा अकेलापन, जिसे मैंने खुद ही बनाया है ,पता नहीं, क्या समेटना है मुझे.....

©Janshruti

#thought

17 Love

#विचार #thought  White घरौंदे खाली थे ईमान के,
सुना, उसकी अब कोई जरूरत न रही।

©Tarun Dogra

#thought

99 View

White “You cannot plow a field by turning it over in your mind. To begin, begin.” ©Quotes_of_the_day

#thought  White “You cannot plow a field by turning it over in your mind. To begin, begin.”

©Quotes_of_the_day

#thought

18 Love

#SAD

Amezing voice

90 View

White वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है। लोग इसे हास्य रुप में कहते है मैं कहता हूं हां वो बिल्कुल कर सकती है क्योंकि मैंने देखा है एक मां को अपने सपने को भूलते हुए अपने बच्चों के लिए मैंने देखा है एक पत्नी को अपने पति के लिए कामयाबी की कामना करते हुए मैंने देखा है एक बहन को अपने भाई के हाथ में रक्षा सूत्र बांधते हुए मैंने देखा है एक बेटी को अपने फैसले छोड़ते हुए अपने माता-पिता के लिए देखा है, एक स्त्री को कुछ भी करते हुए अपने परिवार के लिए -हां वो स्त्री है ।।वो कुछ भी कर सकती है ।। @Say Adarsh ©Gautam ADARSH Mishra

#विचार #thought  White  वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है।
लोग इसे हास्य रुप में कहते है 

मैं कहता हूं 
हां वो बिल्कुल कर सकती है
क्योंकि मैंने देखा है एक मां को
अपने सपने को भूलते हुए
अपने बच्चों के लिए

मैंने देखा है एक पत्नी को 
अपने पति के लिए 
कामयाबी की कामना करते हुए

मैंने देखा है एक बहन को
अपने भाई के हाथ में 
रक्षा सूत्र बांधते हुए

मैंने देखा है एक बेटी को 
अपने फैसले छोड़ते हुए 
अपने माता-पिता के लिए 

देखा है, एक स्त्री को 
कुछ भी करते हुए 
अपने परिवार के लिए 

-हां वो स्त्री है 
।।वो कुछ भी कर सकती है ।।
              @Say Adarsh

©Gautam ADARSH Mishra

#thought

15 Love

#thought  White hello 🤗👋

©Mehak Qureshi

#thought

108 View

White मेरी डायरी, अनसुलझी सी #2 ......उलझे-उलझे..... सबके साथ उलझे-उलझे रहने में पता ही नहीं चला, कब खुद में ही मैं उलझती चली गई। घर के सामानों के साथ खुद भी समान होती चली गई । घर को समेटते - समेटते, अपने अंदर खुद को इतना बिखेर दिया, कि अब उसे समेटने का कोई रास्ता समझ नहीं आता । अब खुद भी मुझे लगता है, कि मैंने खुद को कितना बिखेर दिया है। मुझे घर के बर्तन, कपड़े , यहां तक की जूते चप्पल सब कुछ समेटने का समय है, समय नहीं है तो, बस खुद को समेटने का । पर सोचती हूं, खुद में समेटू भी तो क्या ? एक ऐसी खामोशी, जो मुझे ही नहीं पता कि वो है क्यों? या, एक ऐसा अकेलापन, जिसे मैंने खुद ही बनाया है ,पता नहीं, क्या समेटना है मुझे..... ©Janshruti

#विचार #thought  White मेरी डायरी, अनसुलझी सी #2

......उलझे-उलझे.....
सबके साथ उलझे-उलझे रहने में पता ही नहीं चला, कब खुद में ही मैं उलझती चली गई। घर के सामानों के साथ खुद भी समान होती चली गई । घर को समेटते - समेटते, अपने अंदर खुद को इतना बिखेर दिया, कि अब उसे समेटने का कोई रास्ता समझ नहीं आता । अब खुद भी मुझे लगता है, कि मैंने खुद को कितना बिखेर दिया है।  मुझे घर के बर्तन, कपड़े , यहां तक की जूते चप्पल सब कुछ समेटने का समय है, समय नहीं है तो, बस खुद को समेटने का । पर सोचती हूं, खुद में समेटू भी तो क्या ? एक ऐसी खामोशी, जो मुझे ही नहीं पता कि वो है क्यों? या, एक ऐसा अकेलापन, जिसे मैंने खुद ही बनाया है ,पता नहीं, क्या समेटना है मुझे.....

©Janshruti

#thought

17 Love

#विचार #thought  White घरौंदे खाली थे ईमान के,
सुना, उसकी अब कोई जरूरत न रही।

©Tarun Dogra

#thought

99 View

White “You cannot plow a field by turning it over in your mind. To begin, begin.” ©Quotes_of_the_day

#thought  White “You cannot plow a field by turning it over in your mind. To begin, begin.”

©Quotes_of_the_day

#thought

18 Love

#SAD

Amezing voice

90 View

White वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है। लोग इसे हास्य रुप में कहते है मैं कहता हूं हां वो बिल्कुल कर सकती है क्योंकि मैंने देखा है एक मां को अपने सपने को भूलते हुए अपने बच्चों के लिए मैंने देखा है एक पत्नी को अपने पति के लिए कामयाबी की कामना करते हुए मैंने देखा है एक बहन को अपने भाई के हाथ में रक्षा सूत्र बांधते हुए मैंने देखा है एक बेटी को अपने फैसले छोड़ते हुए अपने माता-पिता के लिए देखा है, एक स्त्री को कुछ भी करते हुए अपने परिवार के लिए -हां वो स्त्री है ।।वो कुछ भी कर सकती है ।। @Say Adarsh ©Gautam ADARSH Mishra

#विचार #thought  White  वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है।
लोग इसे हास्य रुप में कहते है 

मैं कहता हूं 
हां वो बिल्कुल कर सकती है
क्योंकि मैंने देखा है एक मां को
अपने सपने को भूलते हुए
अपने बच्चों के लिए

मैंने देखा है एक पत्नी को 
अपने पति के लिए 
कामयाबी की कामना करते हुए

मैंने देखा है एक बहन को
अपने भाई के हाथ में 
रक्षा सूत्र बांधते हुए

मैंने देखा है एक बेटी को 
अपने फैसले छोड़ते हुए 
अपने माता-पिता के लिए 

देखा है, एक स्त्री को 
कुछ भी करते हुए 
अपने परिवार के लिए 

-हां वो स्त्री है 
।।वो कुछ भी कर सकती है ।।
              @Say Adarsh

©Gautam ADARSH Mishra

#thought

15 Love

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