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#वीडियो

शहीद सैनिक के घर पहुंचे एसडीएम नानपारा बहराइच । जनपद के तहसील नानपारा अन्तर्गत ग्राम गुरघुट्टा निवासी भारत-बंगलादेश सीमा पर तैनात सैनिक द

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मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौल , देश का सैनिक दैनिक ।। ये भी हैं इंसान , हृदय इनके भी होते । यह मत सोचों आप , चैन से सैनिक सोते । कुछ मत पूछो याद ,उन्हें जब घर की आती- किसी किनारे बैठ , सिसक कर वह भी रोते ।। लिए तिरंगा हाथ ,  बढ़े सैनिक जब आगे । बढ़े देश की शान , खौफ़ से दुश्मन भागे । ऐसे वीर जवान , देश में मेरे अपने- सुनकर दुश्मन आज, रात भर अपना जागे ।। मुझ सैनिक के पास , बहन की राखी आयी । देख उसे अब आज , याद वैशाखी आयी । बहनों का ही प्रेम , जगत में सबसे ऊपर - यही दिलाने याद , घरों की पाती आयी ।। अब भी है उम्मीद , बहन राखी का तेरी । आ जाये जब याद , भेज दे राखी मेरी । तेरा भैय्या आज , दूर सरहद पर बैठा- क्या है तू मजबूर , हुई जो इतनी देरी ।। जिनको दिया उधार , कहीं न नजर वो आते । जग में ऐसे लोग , तोड़ देते हैं नाते । मानो मेरी बात , दूर अब रहना इनसे- ये है काले नाग , समय पाकर डस जाते ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-

करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक ।
थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक ।
इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा ।
लेता है यह कौल , देश का सैनिक दैनिक ।।

ये भी हैं इंसान , हृदय इनके भी होते ।
यह मत सोचों आप , चैन से सैनिक सोते ।
कुछ मत पूछो याद ,उन्हें जब घर की आती-
किसी किनारे बैठ , सिसक कर वह भी रोते ।।

लिए तिरंगा हाथ ,  बढ़े सैनिक जब आगे ।
बढ़े देश की शान , खौफ़ से दुश्मन भागे ।
ऐसे वीर जवान , देश में मेरे अपने-
सुनकर दुश्मन आज, रात भर अपना जागे ।।

मुझ सैनिक के पास , बहन की राखी आयी ।
देख उसे अब आज , याद वैशाखी आयी ।
बहनों का ही प्रेम , जगत में सबसे ऊपर -
यही दिलाने याद , घरों की पाती आयी ।।

अब भी है उम्मीद , बहन राखी का तेरी ।
आ जाये जब याद , भेज दे राखी मेरी ।
तेरा भैय्या आज , दूर सरहद पर बैठा-
क्या है तू मजबूर , हुई जो इतनी देरी ।।

जिनको दिया उधार , कहीं न नजर वो आते ।
जग में ऐसे लोग , तोड़ देते हैं नाते ।
मानो मेरी बात , दूर अब रहना इनसे-
ये है काले नाग , समय पाकर डस जाते ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौ

10 Love

#kargil_vijay_diwas  White घर से निकला हूँ लेकर,मैं यादों की सन्दूक,
अपने देश की रक्षा खातिर,मैंने थामा है बन्दूक।

याद मुझें हैं अब भी गलियां सारी,अपने प्यारे गाँव की,
 भूला नही अम्बिया की छईयां,ना ही कोयल की कूक।

बात बात पर मुझे डाँटने वाले,माँ बाबूजी तुम सुन लो,
सरहद पे खड़ा,ये लाल तुम्हारा,अब नही करेगा चूक।

हाँ ये सच है यहाँ रसोई में,खाने का स्वाद अलग है,
पर माँ तेरी रोटी याद करूँ,तो मेरी बढ़ जाती है भूख।

अश्कों के संग बह जाता है,सारा रुतबा और रसूख,
अच्छा नही,यादों से कह दो,वर्दीवाले संग ये सुलूक,

किस स्याही से लिखते हो,खत में रूबरू दिखते हो,
बातें पढ़के तुम्हारी उठे इस दिल में,एक तीखी सी हूक।

मैं सीमा का रखवाला,रहता उन यादों की जद में,
 बनके घातक असलहा,जो मुझपे वार करें अचूक।

या आऊँगा सही सलामत या तिरंगे में लिपटकर,
ये तो तय मैं लौटूंगा दुश्मनों के सारें बंकर फूँक।

हर कसम मैं अपनी,आखिरी साँस तक निभाऊंगा,
वादा याद रखो तुम,दिल में मत रखना कोई शुकूक।

©Deven(बदनसीब सुख़नवर)

#kargil_vijay_diwas सारें भारतीय सैनिकों के सम्मान में....

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#वीडियो

शहीद सैनिक के घर पहुंचे एसडीएम नानपारा बहराइच । जनपद के तहसील नानपारा अन्तर्गत ग्राम गुरघुट्टा निवासी भारत-बंगलादेश सीमा पर तैनात सैनिक द

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मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौल , देश का सैनिक दैनिक ।। ये भी हैं इंसान , हृदय इनके भी होते । यह मत सोचों आप , चैन से सैनिक सोते । कुछ मत पूछो याद ,उन्हें जब घर की आती- किसी किनारे बैठ , सिसक कर वह भी रोते ।। लिए तिरंगा हाथ ,  बढ़े सैनिक जब आगे । बढ़े देश की शान , खौफ़ से दुश्मन भागे । ऐसे वीर जवान , देश में मेरे अपने- सुनकर दुश्मन आज, रात भर अपना जागे ।। मुझ सैनिक के पास , बहन की राखी आयी । देख उसे अब आज , याद वैशाखी आयी । बहनों का ही प्रेम , जगत में सबसे ऊपर - यही दिलाने याद , घरों की पाती आयी ।। अब भी है उम्मीद , बहन राखी का तेरी । आ जाये जब याद , भेज दे राखी मेरी । तेरा भैय्या आज , दूर सरहद पर बैठा- क्या है तू मजबूर , हुई जो इतनी देरी ।। जिनको दिया उधार , कहीं न नजर वो आते । जग में ऐसे लोग , तोड़ देते हैं नाते । मानो मेरी बात , दूर अब रहना इनसे- ये है काले नाग , समय पाकर डस जाते ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-

करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक ।
थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक ।
इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा ।
लेता है यह कौल , देश का सैनिक दैनिक ।।

ये भी हैं इंसान , हृदय इनके भी होते ।
यह मत सोचों आप , चैन से सैनिक सोते ।
कुछ मत पूछो याद ,उन्हें जब घर की आती-
किसी किनारे बैठ , सिसक कर वह भी रोते ।।

लिए तिरंगा हाथ ,  बढ़े सैनिक जब आगे ।
बढ़े देश की शान , खौफ़ से दुश्मन भागे ।
ऐसे वीर जवान , देश में मेरे अपने-
सुनकर दुश्मन आज, रात भर अपना जागे ।।

मुझ सैनिक के पास , बहन की राखी आयी ।
देख उसे अब आज , याद वैशाखी आयी ।
बहनों का ही प्रेम , जगत में सबसे ऊपर -
यही दिलाने याद , घरों की पाती आयी ।।

अब भी है उम्मीद , बहन राखी का तेरी ।
आ जाये जब याद , भेज दे राखी मेरी ।
तेरा भैय्या आज , दूर सरहद पर बैठा-
क्या है तू मजबूर , हुई जो इतनी देरी ।।

जिनको दिया उधार , कहीं न नजर वो आते ।
जग में ऐसे लोग , तोड़ देते हैं नाते ।
मानो मेरी बात , दूर अब रहना इनसे-
ये है काले नाग , समय पाकर डस जाते ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौ

10 Love

#kargil_vijay_diwas  White घर से निकला हूँ लेकर,मैं यादों की सन्दूक,
अपने देश की रक्षा खातिर,मैंने थामा है बन्दूक।

याद मुझें हैं अब भी गलियां सारी,अपने प्यारे गाँव की,
 भूला नही अम्बिया की छईयां,ना ही कोयल की कूक।

बात बात पर मुझे डाँटने वाले,माँ बाबूजी तुम सुन लो,
सरहद पे खड़ा,ये लाल तुम्हारा,अब नही करेगा चूक।

हाँ ये सच है यहाँ रसोई में,खाने का स्वाद अलग है,
पर माँ तेरी रोटी याद करूँ,तो मेरी बढ़ जाती है भूख।

अश्कों के संग बह जाता है,सारा रुतबा और रसूख,
अच्छा नही,यादों से कह दो,वर्दीवाले संग ये सुलूक,

किस स्याही से लिखते हो,खत में रूबरू दिखते हो,
बातें पढ़के तुम्हारी उठे इस दिल में,एक तीखी सी हूक।

मैं सीमा का रखवाला,रहता उन यादों की जद में,
 बनके घातक असलहा,जो मुझपे वार करें अचूक।

या आऊँगा सही सलामत या तिरंगे में लिपटकर,
ये तो तय मैं लौटूंगा दुश्मनों के सारें बंकर फूँक।

हर कसम मैं अपनी,आखिरी साँस तक निभाऊंगा,
वादा याद रखो तुम,दिल में मत रखना कोई शुकूक।

©Deven(बदनसीब सुख़नवर)

#kargil_vijay_diwas सारें भारतीय सैनिकों के सम्मान में....

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