White नज़रें जब नज़र से नज़र चुराने लगे तब, समझो झूठ पक रहा है
प्रीत अचानक उमड़ कर लबों पर सजे, समझो झूठ पक रहा है ।
ग़लती पर बच्चें को माँ कहे इधर आ नही मारूँगी, समझो झूठ पक रहा है
आशिक़ बाते जब चाँद तारे तोड़ लाने की करे, समझो झूठ पक रहा है ।
भगवान से कुछ मांगने की एवज में दान किया जाए ,समझो झुठ पक रहा है
ऑफिस में बॉस की शान में कशीदे पढे जाए, समझो झुठ पक रहा है ।
मायावी दुनिया जाल में रिश्ते जाली से लगने लगे ,समझो झुठ पक रहा है
अपने वालों से ज्यादा बाहर वाले सलाहें देने लगे ,समझो झूठ पक रहा है ।
कुल्हाड़ी की लकड़ी को बतलाया जाए पेड़ कटना जरूरी है, समझो झूठ पक रहा है
पंछियों को परवाज़ों का डर दिखलाया जाए, समझो झूठ पक रहा है ।
©Dr.Govind Hersal
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