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क्रोध आए तो मन से लड़ो मनुष्य से नहीं ©Dinesh Sharma Jind Haryana

#क्रोध #विचार  क्रोध आए तो मन से लड़ो 
मनुष्य से नहीं

©Dinesh Sharma Jind Haryana

White क्रोध और इंसानियत दोनों एक साथ नहीं रह सकते... ©कवि मनोज कुमार मंजू

 White क्रोध और इंसानियत
दोनों एक साथ नहीं रह सकते...

©कवि मनोज कुमार मंजू

#विचार #क्रोध #इंसानियत #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #कविता #sad_quotes

15 Love

कभी किसी को ,, इतना भी नही डराना चाहिए , कि उसके अंदर का डर ही खत्म हो जाए । और वह महाविनाश का तांडव शुरू कर दे,,। नसीहत है रख लीजिए 😊 श्रद्धा ' मीरा' ✍🏻 ©आगाज़

#Quotes  कभी किसी को ,,
इतना भी नही डराना चाहिए ,
कि उसके अंदर का डर ही खत्म हो जाए ।
और वह महाविनाश का तांडव शुरू कर दे,,।

नसीहत है रख लीजिए 😊
श्रद्धा ' मीरा' ✍🏻

©आगाज़

भय से निर्भय

13 Love

White पल्लव की डायरी है जिंदगी जरा मुस्करा दे दौड़ तेरे मन की खत्म ना होगी ईश्क ही सब मर्ज की दवा है जरा अपने को अच्छे से समझा ले बेहतर जिंदगी ,हर हाल में खुश रहने में है दौड तेरी कभी खत्म नही होगी सजे है मेले आकर्षण के जग में इन मे रमने से,तृप्ति कभी पुरी नही होगी छोड़ दिये तूने अंहकार में अपने रिश्ते गरीबी अमीरी अवस्थाओं के अधीन है धन लोलुपता भय और बीमारी है इससे हक किसी का छीनता जरूर है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #nojotohindi #sad_quotes  White पल्लव की डायरी
है जिंदगी जरा मुस्करा दे
दौड़ तेरे मन की खत्म ना होगी
ईश्क ही सब मर्ज की दवा है
जरा अपने को अच्छे से समझा ले
बेहतर जिंदगी ,हर हाल में खुश रहने में है
दौड तेरी कभी खत्म नही होगी
सजे है मेले आकर्षण के जग में
इन मे रमने से,तृप्ति कभी पुरी नही होगी
छोड़ दिये तूने अंहकार में अपने रिश्ते
गरीबी अमीरी  अवस्थाओं के अधीन है
धन लोलुपता भय और बीमारी है
इससे हक किसी का छीनता जरूर है
                                      प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes धन लोलुपता भय और बीमारी है #nojotohindi

14 Love

गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार। क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं ©person

#Motivational  गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। 

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार।

क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं

©person

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,

15 Love

 मृत्यु का भय

मृत्यु का भय

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क्रोध आए तो मन से लड़ो मनुष्य से नहीं ©Dinesh Sharma Jind Haryana

#क्रोध #विचार  क्रोध आए तो मन से लड़ो 
मनुष्य से नहीं

©Dinesh Sharma Jind Haryana

White क्रोध और इंसानियत दोनों एक साथ नहीं रह सकते... ©कवि मनोज कुमार मंजू

 White क्रोध और इंसानियत
दोनों एक साथ नहीं रह सकते...

©कवि मनोज कुमार मंजू

#विचार #क्रोध #इंसानियत #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #कविता #sad_quotes

15 Love

कभी किसी को ,, इतना भी नही डराना चाहिए , कि उसके अंदर का डर ही खत्म हो जाए । और वह महाविनाश का तांडव शुरू कर दे,,। नसीहत है रख लीजिए 😊 श्रद्धा ' मीरा' ✍🏻 ©आगाज़

#Quotes  कभी किसी को ,,
इतना भी नही डराना चाहिए ,
कि उसके अंदर का डर ही खत्म हो जाए ।
और वह महाविनाश का तांडव शुरू कर दे,,।

नसीहत है रख लीजिए 😊
श्रद्धा ' मीरा' ✍🏻

©आगाज़

भय से निर्भय

13 Love

White पल्लव की डायरी है जिंदगी जरा मुस्करा दे दौड़ तेरे मन की खत्म ना होगी ईश्क ही सब मर्ज की दवा है जरा अपने को अच्छे से समझा ले बेहतर जिंदगी ,हर हाल में खुश रहने में है दौड तेरी कभी खत्म नही होगी सजे है मेले आकर्षण के जग में इन मे रमने से,तृप्ति कभी पुरी नही होगी छोड़ दिये तूने अंहकार में अपने रिश्ते गरीबी अमीरी अवस्थाओं के अधीन है धन लोलुपता भय और बीमारी है इससे हक किसी का छीनता जरूर है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #nojotohindi #sad_quotes  White पल्लव की डायरी
है जिंदगी जरा मुस्करा दे
दौड़ तेरे मन की खत्म ना होगी
ईश्क ही सब मर्ज की दवा है
जरा अपने को अच्छे से समझा ले
बेहतर जिंदगी ,हर हाल में खुश रहने में है
दौड तेरी कभी खत्म नही होगी
सजे है मेले आकर्षण के जग में
इन मे रमने से,तृप्ति कभी पुरी नही होगी
छोड़ दिये तूने अंहकार में अपने रिश्ते
गरीबी अमीरी  अवस्थाओं के अधीन है
धन लोलुपता भय और बीमारी है
इससे हक किसी का छीनता जरूर है
                                      प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes धन लोलुपता भय और बीमारी है #nojotohindi

14 Love

गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार। क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं ©person

#Motivational  गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। 

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार।

क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं

©person

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,

15 Love

 मृत्यु का भय

मृत्यु का भय

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