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White हस्ताक्षर में अंग्रेजी वर्णों की प्राथमिकता हिंदी के प्रति त्याग और प्रेम का सूचक है शायद ©Basdillachchahai

#मोटिवेशनल #hindi_diwas  White हस्ताक्षर में अंग्रेजी वर्णों की प्राथमिकता 

हिंदी के प्रति त्याग और प्रेम का सूचक है शायद

©Basdillachchahai

#hindi_diwas हस्ताक्षर में अंग्रेजी वर्णों की प्राथमिकता हिंदी के प्रति त्याग और प्रेम का सूचक है शायद 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स'

16 Love

White दोहा :- विषय  हिंदी  हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।। गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार । हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।। वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार । बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।। कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार । तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।। हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद । गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द । हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान । हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।। सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार । आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।। हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान । ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White दोहा :- विषय  हिंदी 
हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार ।
हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।।
जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार ।
अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।।
गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार ।
हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।।
वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार ।
बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।।
कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार ।
तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।।
हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद ।
गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द ।
हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान ।
हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।।
सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार ।
आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।।
हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान ।
ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- विषय  हिंदी  हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब

11 Love

#अंजली_सिंघल #हिंदीकविता #हिंदी

"हिंदी हमारी प्यारी हिंदी, भावों की अभिव्यक्ति है, धर्म का पाठ पढ़ाकर हमें, मानवता से जोड़े रखती है। इससे ही जुड़ी सभ्यता हमारी, इससे ही जुड

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#SAD  आरज़ूएं हज़ार रखते हैं तो भी हम दिल को मार रखते हैं ,








हम से ख़ुश-ज़मज़मा कहाँ यूँ तो लब ओ लहजा हज़ार रखते हैं ...

©Arsh....

आरज़ूएं हज़ार रखते हैं तो भी हम दिल को मार रखते हैं , हम से ख़ुश-ज़मज़मा कहाँ यूँ तो लब ओ लहजा हज़ार रखते हैं ... @shiza @Niaz (Harf) Satya

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bharat quotes सन सत्तावन में उमड़ी थी जो,सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई गोरों की काले दिल की सब,करतूतें तब असफल हुई जब एक एक रणबांकुर करने को,अपना सर्वस्व न्योछावर कूद पड़े तब अंग्रेजी हुकूमत के तख्तों के,पावदान सब टूट पड़े लाला सुभाष और तिलक की बातें ,जनमानस में गूंज पड़ी अरुणा,सावित्री और चेन्नमा ,भी इस रण में कूद पड़ी जलियांवाला केवल एक बाग नहीं ,वीरों की अमर निशानी हैं बचपन से सुन रहे है हम जो,वो लक्ष्मी बाई की अमर कहानी हैं आजाद,भगत, सुखदेव राजगुरु ,थे सब आजादी के दीवाने बिस्मिल,हमीद के बलिदानों को,हैं कौन यहां जो ना जाने इनके त्याग ही का प्रतिफल है यह,आज़ादी जो हमने पाया है स्वच्छंद हिमालय है खड़ा बुलंद, हम पर भारत मां के आंचल की छाया है अंकुर तिवारी ©Ankur tiwari

#Motivational  bharat quotes  सन सत्तावन में उमड़ी थी जो,सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई 
गोरों की काले दिल की सब,करतूतें तब असफल हुई 
जब एक एक रणबांकुर करने को,अपना सर्वस्व न्योछावर कूद पड़े 
तब अंग्रेजी हुकूमत के तख्तों के,पावदान सब टूट पड़े 
लाला सुभाष और तिलक की बातें ,जनमानस में गूंज पड़ी 
अरुणा,सावित्री और चेन्नमा ,भी इस रण में कूद पड़ी 
जलियांवाला केवल एक बाग नहीं ,वीरों की अमर निशानी हैं 
बचपन से सुन रहे है हम जो,वो लक्ष्मी बाई की अमर कहानी हैं 
आजाद,भगत, सुखदेव राजगुरु ,थे सब आजादी के दीवाने
बिस्मिल,हमीद के बलिदानों को,हैं कौन यहां जो ना जाने 
इनके त्याग ही का प्रतिफल है यह,आज़ादी जो हमने पाया है 
स्वच्छंद हिमालय है खड़ा बुलंद, हम पर भारत मां के आंचल की छाया है
अंकुर तिवारी

©Ankur tiwari

सन सत्तावन में उमड़ी थी जो सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई गोरों की काले दिल की सब करतूतें तब असफल हुई जब एक एक रणबांकुर करने को अपना सर्वस्व न्

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White हस्ताक्षर में अंग्रेजी वर्णों की प्राथमिकता हिंदी के प्रति त्याग और प्रेम का सूचक है शायद ©Basdillachchahai

#मोटिवेशनल #hindi_diwas  White हस्ताक्षर में अंग्रेजी वर्णों की प्राथमिकता 

हिंदी के प्रति त्याग और प्रेम का सूचक है शायद

©Basdillachchahai

#hindi_diwas हस्ताक्षर में अंग्रेजी वर्णों की प्राथमिकता हिंदी के प्रति त्याग और प्रेम का सूचक है शायद 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स'

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White दोहा :- विषय  हिंदी  हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।। गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार । हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।। वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार । बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।। कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार । तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।। हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद । गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द । हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान । हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।। सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार । आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।। हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान । ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White दोहा :- विषय  हिंदी 
हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार ।
हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।।
जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार ।
अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।।
गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार ।
हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।।
वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार ।
बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।।
कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार ।
तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।।
हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद ।
गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द ।
हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान ।
हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।।
सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार ।
आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।।
हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान ।
ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- विषय  हिंदी  हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब

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#अंजली_सिंघल #हिंदीकविता #हिंदी

"हिंदी हमारी प्यारी हिंदी, भावों की अभिव्यक्ति है, धर्म का पाठ पढ़ाकर हमें, मानवता से जोड़े रखती है। इससे ही जुड़ी सभ्यता हमारी, इससे ही जुड

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#SAD  आरज़ूएं हज़ार रखते हैं तो भी हम दिल को मार रखते हैं ,








हम से ख़ुश-ज़मज़मा कहाँ यूँ तो लब ओ लहजा हज़ार रखते हैं ...

©Arsh....

आरज़ूएं हज़ार रखते हैं तो भी हम दिल को मार रखते हैं , हम से ख़ुश-ज़मज़मा कहाँ यूँ तो लब ओ लहजा हज़ार रखते हैं ... @shiza @Niaz (Harf) Satya

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bharat quotes सन सत्तावन में उमड़ी थी जो,सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई गोरों की काले दिल की सब,करतूतें तब असफल हुई जब एक एक रणबांकुर करने को,अपना सर्वस्व न्योछावर कूद पड़े तब अंग्रेजी हुकूमत के तख्तों के,पावदान सब टूट पड़े लाला सुभाष और तिलक की बातें ,जनमानस में गूंज पड़ी अरुणा,सावित्री और चेन्नमा ,भी इस रण में कूद पड़ी जलियांवाला केवल एक बाग नहीं ,वीरों की अमर निशानी हैं बचपन से सुन रहे है हम जो,वो लक्ष्मी बाई की अमर कहानी हैं आजाद,भगत, सुखदेव राजगुरु ,थे सब आजादी के दीवाने बिस्मिल,हमीद के बलिदानों को,हैं कौन यहां जो ना जाने इनके त्याग ही का प्रतिफल है यह,आज़ादी जो हमने पाया है स्वच्छंद हिमालय है खड़ा बुलंद, हम पर भारत मां के आंचल की छाया है अंकुर तिवारी ©Ankur tiwari

#Motivational  bharat quotes  सन सत्तावन में उमड़ी थी जो,सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई 
गोरों की काले दिल की सब,करतूतें तब असफल हुई 
जब एक एक रणबांकुर करने को,अपना सर्वस्व न्योछावर कूद पड़े 
तब अंग्रेजी हुकूमत के तख्तों के,पावदान सब टूट पड़े 
लाला सुभाष और तिलक की बातें ,जनमानस में गूंज पड़ी 
अरुणा,सावित्री और चेन्नमा ,भी इस रण में कूद पड़ी 
जलियांवाला केवल एक बाग नहीं ,वीरों की अमर निशानी हैं 
बचपन से सुन रहे है हम जो,वो लक्ष्मी बाई की अमर कहानी हैं 
आजाद,भगत, सुखदेव राजगुरु ,थे सब आजादी के दीवाने
बिस्मिल,हमीद के बलिदानों को,हैं कौन यहां जो ना जाने 
इनके त्याग ही का प्रतिफल है यह,आज़ादी जो हमने पाया है 
स्वच्छंद हिमालय है खड़ा बुलंद, हम पर भारत मां के आंचल की छाया है
अंकुर तिवारी

©Ankur tiwari

सन सत्तावन में उमड़ी थी जो सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई गोरों की काले दिल की सब करतूतें तब असफल हुई जब एक एक रणबांकुर करने को अपना सर्वस्व न्

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