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White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती यदि मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने की इजाजत होती... ©Neetesh kumar

#कविता #Sad_Status  White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती


यदि 


मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने 
की इजाजत होती...

©Neetesh kumar

#Sad_Status कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता

9 Love

#कविता

कविता Islam प्रेम कविता कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता

81 View

#कविता

viral हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता

108 View

White बस बापू कुछ दूर चलो जनता है मजबूर चलो देश बंटा फिर लाश हुए लाना है कोहिनूर चलो। चलो लंदन का टूर चलो। बस बापू कुछ दूर चलो। टोपी तिलक पे भारी है ये हिंदु से गद्दारी है एक राष्ट्र दिया पर कानूनन कहां एक सी दावेदारी है। दिल्ली अब भी है दूर चलो। बस बापू कुछ दूर चलो। नोटों पे फोटो छपती है फोटो की पूजा होती है हाथो में डंडा लिए हो क्यों तन पे केवल क्यों धोती है। हो जाओगे मशहूर चलो। बस बापू कुछ दूर चलो। हरिजन अछूत को करने से या मुफ्त में घर को भरने से नेता की जेबें भरती है प्रतिभा कीचड़ में सड़ती है। लोकतंत्र के सूर चलो। बस बापू कुछ दूर चलो। देखो सड़क भरी पड़ी है आजादी के होलों से खेत खलिहान स्वर्ग दहकता सेक्युलरिज्म के शोले से। तेरे ऐनक से पास दिखा ना दूर चलो बस बापू कुछ दूर चलो। तेरे तीनों बंदर मिल के चौथे को दिखलाए नाच झूठे का हो बोलबाला सच्चे को आ जाए आंच। जनता हो गई चनाचूर चलो बस बापू कुछ दूर चलो। ©निर्भय चौहान

#कविता #gandhi_jayanti  White बस बापू कुछ दूर चलो
जनता है मजबूर चलो
देश बंटा फिर लाश हुए
लाना है कोहिनूर चलो।

चलो लंदन का टूर चलो।
बस बापू कुछ दूर चलो।


टोपी तिलक पे भारी है
ये हिंदु से गद्दारी है
एक राष्ट्र दिया पर कानूनन
कहां एक सी दावेदारी है।

दिल्ली अब भी है दूर चलो।
बस बापू कुछ दूर चलो।

नोटों पे फोटो छपती है
फोटो की पूजा होती है
हाथो में डंडा लिए हो क्यों
तन पे केवल क्यों धोती है।

हो जाओगे मशहूर चलो।
बस बापू कुछ दूर चलो।

हरिजन अछूत को करने से
या मुफ्त में घर को भरने से
नेता की जेबें भरती है
प्रतिभा कीचड़ में सड़ती है।

लोकतंत्र के सूर चलो।
बस बापू कुछ दूर चलो।

देखो सड़क भरी पड़ी है
आजादी के होलों से
खेत खलिहान स्वर्ग दहकता
सेक्युलरिज्म के शोले से।

तेरे ऐनक से पास दिखा ना दूर चलो
बस बापू कुछ दूर चलो।

तेरे तीनों बंदर मिल के 
चौथे को दिखलाए नाच
झूठे का हो बोलबाला 
सच्चे को आ जाए आंच।

जनता हो गई चनाचूर चलो
बस बापू कुछ दूर चलो।

©निर्भय चौहान

#gandhi_jayanti कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी देशभक्ति कविता करम गोरखपुरिया @Madhusudan Shrivastava Shi

13 Love

#कविता #sad_quotes  White वक्त ले आएगा फिर ये मौसम मगर 
दिल ये तुमको दुबारा कहां पाएगा 
जिंदगी का सफर रास्तों का हुआ 
प्यार देखो हमारा कहां जायेगा 

हर तरफ बेकसी हर तरफ बेबसी 
सांस का बोझ कैसे उठाएंगे हम 
हर डगर तेरे दर को ही जाने लगी
किस गली में ये सर को उठाएंगे हम 

देखो तुम भूल कर भूल कर जाओगी 
उतना तड़पोगी जितना ही तड़पाओगी 
कोई दुल्हन बना कर क्या ही पाएगा 
हर  छुअन में तेरी रूह शर्माएगी  

रात भर चांद खिड़की पे होगा मगर
नूर चेहरे पे तेरे नहीं आएगा
नाम जब अपने बच्चों की लोगी  कभी 
एक गुजरा जमाना उभर आएगा 

हाथ की इन लकीरों का क्या फायदा
जिनमे दुनिया लिखी है मगर तुम नहीं 
मेरे रुतबे , कहानी  का मतलब है क्या
जिससे तुम ना जुड़ी , जिसमे गर तुम नहीं 

बस यही ख्वाब अब देखता हूं सदा
लाल जोड़े में तुम रास्तों में खड़ी 
एक सूखे हुए वट के नीचे कहीं  
लाश उम्मीद की कोहरे में पड़ी 

नींद से जाग कर खत तेरे ढूंढ कर
अपने सीने पे रख कर के सो लेता हूं 
फिर वही ख्वाब मुझको जगा जाता है 
इस दफा तुमको छू कर के रो लेता हूं। 

ख्वाब की सारी बातें अजी छोड़िए
जाइए अपनी खुशियों से दिल जोड़िए 
हम यहां चैन से रोज मरते रहे
आप तो शौक से यार दिल तोड़िए

©निर्भय चौहान

#sad_quotes करम गोरखपुरिया वरुण तिवारी Rakhee ki kalam se Kumar Shaurya Madhusudan Shrivastava हिंदी कविता प्यार पर कविता हिंदी कवित

99 View

शोभा हूॅं मैं घर आंगन की, क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं। बार बार तुम खींच रहे जो, अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं। पावन सुत्र के मोती धुमिल अब, समस्त यह गांठ ही रह जाएगी। एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी। ©Ritika Vijay Shrivastava

#कविता #swiftbird  शोभा हूॅं मैं घर आंगन की,
क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं।
बार बार तुम खींच रहे जो,
अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं।
पावन सुत्र के मोती धुमिल अब,
समस्त यह गांठ ही रह जाएगी।
एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी।

©Ritika Vijay Shrivastava

#swiftbird कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कुमार विश्वास की कविता कविता कोश

15 Love

White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती यदि मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने की इजाजत होती... ©Neetesh kumar

#कविता #Sad_Status  White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती


यदि 


मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने 
की इजाजत होती...

©Neetesh kumar

#Sad_Status कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता

9 Love

#कविता

कविता Islam प्रेम कविता कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता

81 View

#कविता

viral हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता

108 View

White बस बापू कुछ दूर चलो जनता है मजबूर चलो देश बंटा फिर लाश हुए लाना है कोहिनूर चलो। चलो लंदन का टूर चलो। बस बापू कुछ दूर चलो। टोपी तिलक पे भारी है ये हिंदु से गद्दारी है एक राष्ट्र दिया पर कानूनन कहां एक सी दावेदारी है। दिल्ली अब भी है दूर चलो। बस बापू कुछ दूर चलो। नोटों पे फोटो छपती है फोटो की पूजा होती है हाथो में डंडा लिए हो क्यों तन पे केवल क्यों धोती है। हो जाओगे मशहूर चलो। बस बापू कुछ दूर चलो। हरिजन अछूत को करने से या मुफ्त में घर को भरने से नेता की जेबें भरती है प्रतिभा कीचड़ में सड़ती है। लोकतंत्र के सूर चलो। बस बापू कुछ दूर चलो। देखो सड़क भरी पड़ी है आजादी के होलों से खेत खलिहान स्वर्ग दहकता सेक्युलरिज्म के शोले से। तेरे ऐनक से पास दिखा ना दूर चलो बस बापू कुछ दूर चलो। तेरे तीनों बंदर मिल के चौथे को दिखलाए नाच झूठे का हो बोलबाला सच्चे को आ जाए आंच। जनता हो गई चनाचूर चलो बस बापू कुछ दूर चलो। ©निर्भय चौहान

#कविता #gandhi_jayanti  White बस बापू कुछ दूर चलो
जनता है मजबूर चलो
देश बंटा फिर लाश हुए
लाना है कोहिनूर चलो।

चलो लंदन का टूर चलो।
बस बापू कुछ दूर चलो।


टोपी तिलक पे भारी है
ये हिंदु से गद्दारी है
एक राष्ट्र दिया पर कानूनन
कहां एक सी दावेदारी है।

दिल्ली अब भी है दूर चलो।
बस बापू कुछ दूर चलो।

नोटों पे फोटो छपती है
फोटो की पूजा होती है
हाथो में डंडा लिए हो क्यों
तन पे केवल क्यों धोती है।

हो जाओगे मशहूर चलो।
बस बापू कुछ दूर चलो।

हरिजन अछूत को करने से
या मुफ्त में घर को भरने से
नेता की जेबें भरती है
प्रतिभा कीचड़ में सड़ती है।

लोकतंत्र के सूर चलो।
बस बापू कुछ दूर चलो।

देखो सड़क भरी पड़ी है
आजादी के होलों से
खेत खलिहान स्वर्ग दहकता
सेक्युलरिज्म के शोले से।

तेरे ऐनक से पास दिखा ना दूर चलो
बस बापू कुछ दूर चलो।

तेरे तीनों बंदर मिल के 
चौथे को दिखलाए नाच
झूठे का हो बोलबाला 
सच्चे को आ जाए आंच।

जनता हो गई चनाचूर चलो
बस बापू कुछ दूर चलो।

©निर्भय चौहान

#gandhi_jayanti कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी देशभक्ति कविता करम गोरखपुरिया @Madhusudan Shrivastava Shi

13 Love

#कविता #sad_quotes  White वक्त ले आएगा फिर ये मौसम मगर 
दिल ये तुमको दुबारा कहां पाएगा 
जिंदगी का सफर रास्तों का हुआ 
प्यार देखो हमारा कहां जायेगा 

हर तरफ बेकसी हर तरफ बेबसी 
सांस का बोझ कैसे उठाएंगे हम 
हर डगर तेरे दर को ही जाने लगी
किस गली में ये सर को उठाएंगे हम 

देखो तुम भूल कर भूल कर जाओगी 
उतना तड़पोगी जितना ही तड़पाओगी 
कोई दुल्हन बना कर क्या ही पाएगा 
हर  छुअन में तेरी रूह शर्माएगी  

रात भर चांद खिड़की पे होगा मगर
नूर चेहरे पे तेरे नहीं आएगा
नाम जब अपने बच्चों की लोगी  कभी 
एक गुजरा जमाना उभर आएगा 

हाथ की इन लकीरों का क्या फायदा
जिनमे दुनिया लिखी है मगर तुम नहीं 
मेरे रुतबे , कहानी  का मतलब है क्या
जिससे तुम ना जुड़ी , जिसमे गर तुम नहीं 

बस यही ख्वाब अब देखता हूं सदा
लाल जोड़े में तुम रास्तों में खड़ी 
एक सूखे हुए वट के नीचे कहीं  
लाश उम्मीद की कोहरे में पड़ी 

नींद से जाग कर खत तेरे ढूंढ कर
अपने सीने पे रख कर के सो लेता हूं 
फिर वही ख्वाब मुझको जगा जाता है 
इस दफा तुमको छू कर के रो लेता हूं। 

ख्वाब की सारी बातें अजी छोड़िए
जाइए अपनी खुशियों से दिल जोड़िए 
हम यहां चैन से रोज मरते रहे
आप तो शौक से यार दिल तोड़िए

©निर्भय चौहान

#sad_quotes करम गोरखपुरिया वरुण तिवारी Rakhee ki kalam se Kumar Shaurya Madhusudan Shrivastava हिंदी कविता प्यार पर कविता हिंदी कवित

99 View

शोभा हूॅं मैं घर आंगन की, क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं। बार बार तुम खींच रहे जो, अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं। पावन सुत्र के मोती धुमिल अब, समस्त यह गांठ ही रह जाएगी। एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी। ©Ritika Vijay Shrivastava

#कविता #swiftbird  शोभा हूॅं मैं घर आंगन की,
क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं।
बार बार तुम खींच रहे जो,
अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं।
पावन सुत्र के मोती धुमिल अब,
समस्त यह गांठ ही रह जाएगी।
एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी।

©Ritika Vijay Shrivastava

#swiftbird कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कुमार विश्वास की कविता कविता कोश

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