tags

New उभयचरी योग Status, Photo, Video

Find the latest Status about उभयचरी योग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about उभयचरी योग.

Related Stories

  • Latest
  • Popular
  • Video
#मोटिवेशनल #योग

#योग

135 View

#मोटिवेशनल #kargil_vijay_diwas  White गीता ४।६){Bolo Ji Radhey Radhey}
'अपनी प्रकृतिको अधीन करके अपनी 
योगमायासे प्रकट होता हूँ।'

प्रभु का शरीर अनामय है, अर्थात् सारे 
रोग और विकारों से रहित दिव्य है। 
हमारा जन्म सुख-दु:ख भोगने के लिये 
हुआ करता है; परन्तु प्रभु साधुओं की 
रक्षा, दुष्टों का नाश और धर्म की 
स्थापना करने के लिये युगो-युगो,
में प्रकट होते हैं।

वे अपनी दिव्य विभूतियों के सहित 
योग माया से अवतरित होते हैं। भक्ति 
के द्वारा देखे और जाने जाते हैं। 
अब भी भक्ति द्वारा भगवान् प्रकट 
हो सकते हैं। भगवान् ने कहा भी है-
भक्त्या त्वनन्यया शक्य अहमेवंविधोऽर्जुन।
ज्ञातुं द्रष्टुं च तत्त्वेन प्रवेष्टुं च परंतप॥

©N S Yadav GoldMine

#kargil_vijay_diwas गीता ४।६){Bolo Ji Radhey Radhey} 'अपनी प्रकृतिको अधीन करके अपनी योगमायासे प्रकट होता हूँ।' प्रभु का शरीर अनामय है, अर्

117 View

#मोटिवेशनल #योग

#योग

135 View

#मोटिवेशनल #kargil_vijay_diwas  White गीता ४।६){Bolo Ji Radhey Radhey}
'अपनी प्रकृतिको अधीन करके अपनी 
योगमायासे प्रकट होता हूँ।'

प्रभु का शरीर अनामय है, अर्थात् सारे 
रोग और विकारों से रहित दिव्य है। 
हमारा जन्म सुख-दु:ख भोगने के लिये 
हुआ करता है; परन्तु प्रभु साधुओं की 
रक्षा, दुष्टों का नाश और धर्म की 
स्थापना करने के लिये युगो-युगो,
में प्रकट होते हैं।

वे अपनी दिव्य विभूतियों के सहित 
योग माया से अवतरित होते हैं। भक्ति 
के द्वारा देखे और जाने जाते हैं। 
अब भी भक्ति द्वारा भगवान् प्रकट 
हो सकते हैं। भगवान् ने कहा भी है-
भक्त्या त्वनन्यया शक्य अहमेवंविधोऽर्जुन।
ज्ञातुं द्रष्टुं च तत्त्वेन प्रवेष्टुं च परंतप॥

©N S Yadav GoldMine

#kargil_vijay_diwas गीता ४।६){Bolo Ji Radhey Radhey} 'अपनी प्रकृतिको अधीन करके अपनी योगमायासे प्रकट होता हूँ।' प्रभु का शरीर अनामय है, अर्

117 View

Trending Topic