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#शायरी #nojota #Like #SAD

तुम तो बदल गये 💔❤️‍🩹 #Like #nojota #Nojoto #Life #SAD #Shayari शायरी लव शायरी लव 'दर्द भरी शायरी'

153 View

White तेरे जाने का मुझे कोई ग़म नही , तुम तो चाहत ए खुशबू के भंवरे हो . जो मौसम ए बहार में फिर लौट आओगे | ✍️ हसन खान ©Hasan Khan Shatha

 White तेरे जाने का मुझे कोई ग़म नही ,
तुम तो चाहत ए खुशबू के भंवरे हो .
जो मौसम ए बहार में फिर लौट आओगे |
✍️ हसन खान

©Hasan Khan Shatha

#sunset_time तेरे जाने का मुझे कोई ग़म नही तुम तो चाहत ए खुशबू के भंवरे हो जो मौसम ए बहार में फिर लौट आओगे #शायरी

19 Love

Red sands and spectacular sandstone rock formations ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।। न देखा न सोचा न समझा न जाना । कहे मुझको मेरा खुदा मिल रहा है ।। किनारों में ही डूब जाते ये आशिक । न जाने कहाँ मशविरा मिल रहा है ।। कदम दो कदम साथ अब जो चलो तुम तो सच है तुम्हें भी खुदा मिल रहा है ।। चले आओ जख़्मी जिगर आज लेकर यहाँ चाहतों का सिला मिल रहा है  पड़ो अब नही तुम हसीनों के पीछे इन्हें हर तरफ दूसरा मिल रहा है मिलेगा तुम्हें क्या वफ़ा इनसे करके  इन्हें दिलज़लो से मजा मिल रहा है  किया जो प्रखर ने वफ़ा टूटकर तो । वफ़ा से ही उसको जफ़ा मिल रहा है । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  Red sands and spectacular sandstone rock formations ग़ज़ल :-
बता दें किसे आज क्या मिल रहा है ।
मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।।

न रश्में न बंधन न कसमें न वादे ।
ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।।

न देखा न सोचा न समझा न जाना ।
कहे मुझको मेरा खुदा मिल रहा है ।।

किनारों में ही डूब जाते ये आशिक ।
न जाने कहाँ मशविरा मिल रहा है ।।

कदम दो कदम साथ अब जो चलो तुम
तो सच है तुम्हें भी खुदा मिल रहा है ।।

चले आओ जख़्मी जिगर आज लेकर
यहाँ चाहतों का सिला मिल रहा है 

पड़ो अब नही तुम हसीनों के पीछे
इन्हें हर तरफ दूसरा मिल रहा है

मिलेगा तुम्हें क्या वफ़ा इनसे करके 
इन्हें दिलज़लो से मजा मिल रहा है 

किया जो प्रखर ने वफ़ा टूटकर तो ।
वफ़ा से ही उसको जफ़ा मिल रहा है ।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।

10 Love

 White jayant biswas

©jayant biswas

तुम तो नहीं #Love

180 View

#शायरी

✍🏿🥀तुम तो कहते हो सावन चला गया😊🍂🍂

135 View

#विचार #love_shayari  White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था।

तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।"

जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे।

फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?"

लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ 

ChatGPT can make

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे

216 View

#शायरी #nojota #Like #SAD

तुम तो बदल गये 💔❤️‍🩹 #Like #nojota #Nojoto #Life #SAD #Shayari शायरी लव शायरी लव 'दर्द भरी शायरी'

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White तेरे जाने का मुझे कोई ग़म नही , तुम तो चाहत ए खुशबू के भंवरे हो . जो मौसम ए बहार में फिर लौट आओगे | ✍️ हसन खान ©Hasan Khan Shatha

 White तेरे जाने का मुझे कोई ग़म नही ,
तुम तो चाहत ए खुशबू के भंवरे हो .
जो मौसम ए बहार में फिर लौट आओगे |
✍️ हसन खान

©Hasan Khan Shatha

#sunset_time तेरे जाने का मुझे कोई ग़म नही तुम तो चाहत ए खुशबू के भंवरे हो जो मौसम ए बहार में फिर लौट आओगे #शायरी

19 Love

Red sands and spectacular sandstone rock formations ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।। न देखा न सोचा न समझा न जाना । कहे मुझको मेरा खुदा मिल रहा है ।। किनारों में ही डूब जाते ये आशिक । न जाने कहाँ मशविरा मिल रहा है ।। कदम दो कदम साथ अब जो चलो तुम तो सच है तुम्हें भी खुदा मिल रहा है ।। चले आओ जख़्मी जिगर आज लेकर यहाँ चाहतों का सिला मिल रहा है  पड़ो अब नही तुम हसीनों के पीछे इन्हें हर तरफ दूसरा मिल रहा है मिलेगा तुम्हें क्या वफ़ा इनसे करके  इन्हें दिलज़लो से मजा मिल रहा है  किया जो प्रखर ने वफ़ा टूटकर तो । वफ़ा से ही उसको जफ़ा मिल रहा है । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  Red sands and spectacular sandstone rock formations ग़ज़ल :-
बता दें किसे आज क्या मिल रहा है ।
मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।।

न रश्में न बंधन न कसमें न वादे ।
ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।।

न देखा न सोचा न समझा न जाना ।
कहे मुझको मेरा खुदा मिल रहा है ।।

किनारों में ही डूब जाते ये आशिक ।
न जाने कहाँ मशविरा मिल रहा है ।।

कदम दो कदम साथ अब जो चलो तुम
तो सच है तुम्हें भी खुदा मिल रहा है ।।

चले आओ जख़्मी जिगर आज लेकर
यहाँ चाहतों का सिला मिल रहा है 

पड़ो अब नही तुम हसीनों के पीछे
इन्हें हर तरफ दूसरा मिल रहा है

मिलेगा तुम्हें क्या वफ़ा इनसे करके 
इन्हें दिलज़लो से मजा मिल रहा है 

किया जो प्रखर ने वफ़ा टूटकर तो ।
वफ़ा से ही उसको जफ़ा मिल रहा है ।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।

10 Love

 White jayant biswas

©jayant biswas

तुम तो नहीं #Love

180 View

#शायरी

✍🏿🥀तुम तो कहते हो सावन चला गया😊🍂🍂

135 View

#विचार #love_shayari  White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था।

तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।"

जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे।

फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?"

लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ 

ChatGPT can make

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे

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