इश्क़ वो एहसास है जो बयाँ नहीं होता,
दिल की गहराइयों में कहीं छुपा होता।
नज़र से नज़र मिले तो धड़कनें तेज़ होती हैं,
ख़ामोशी में भी जैसे बातें बेशुमार होती हैं।
इश्क़ वो दुआ है जो बिना माँगे मिल जाती,
हर दर्द में सुकून बनकर दिल तक पहुँच जाती।
दूरियों में भी पास होने का एहसास है,
जैसे रूह से रूह का कोई अनकहा रास है।
इश्क़ में ज़माना भी पराया सा लगता,
एक चेहरा ही हो जैसे, बस वही सब कुछ लगता।
हर खुशी उसी के नाम हो जाती,
हर ग़म भी उसकी यादों में खो जाती।
इश्क़ इबादत है, समर्पण का एक रूप,
जिसमें मिटती नहीं कभी चाहत की धूप।
दिल से दिल तक का ये सफ़र अजीब है,
इश्क़ वो शय है, जिसमें हर कोई गरीब है।
©Aanchal
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