White वनराक्षस एक प्रेम कहानी ( भाग - 02)
" नहीं मैं तुम्हें यहां अकेले नहीं छोड़ सकता, पांच साल की थी तुम जब तुम्हारे मां - बाप इस दुनियां से चले गए और मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंप गए। मैं ही जानता हूं किस तरह से मैंने तुम्हें अकेले पाला है। " शाल्या के दादा इमोशनल हो कर कहते हैं।
" मैं जानती हूं दादु आई एम सॉरी मेरा वो मतलब नहीं था। आपको पता है न मैं इंडिया छोड़ कर नहीं जा सकती वरना मैं भी आपके साथ चलती, अच्छा अब नो मोर इमोशनल चाय पिएं ? " शाल्या कप में चाय निकालते हुए कहती है।
" हां ज़रूर। " शाल्या के दादा मुस्कुरा कर कहते हैं।
" दादु नाश्ता भी लगवा दूं ? " शाल्या चाय देते हुए कहती है।
" नहीं बेटा थोड़ी देर में, बेटा आज पेपर नहीं आया है क्या ? " शाल्या के दादा पेपर ढूंढते हुए कहते हैं।
©Royal Anayel Queen
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