"हिम्मत की धूप"
डगर में अंधेरा है, रास्ते कहीं खो गए,
तुमने जो सपने देखे थे, वो कहीं रुक गए।
हर कदम पर डर है, उम्मीदें टूट चुकी हैं,
अब क्या होगा, ये सवाल खुद से पूछ चुकी हैं।
लेकिन सुनो, रुकना नहीं, थक जाना नहीं,
हिम्मत से आगे बढ़ो, और खुद से डरना नहीं।
हर दर्द एक पाठ है, जो तुमने सीखा है,
तुम जो महसूस कर रहे हो, वही सबसे सही है।
धैर्य रखो, ये वक्त भी बदल जाएगा,
जो आज टूट रहा है, कल फिर से खड़ा हो जाएगा।
तुम्हारा संघर्ष ही तुम्हारी ताकत बनेगा,
एक दिन तुम्हारा सपना सच हो जाएगा।
कभी कभी हमें टूटकर फिर से बनना पड़ता है,
हमारे भीतर का इरादा ही हमें नया रास्ता दिखाता है।
तुम चाहो तो फिर से उठ सकती हो,
तुम्हारी मंजिल का रास्ता खुद तुम्हारी राह दिखाएगा।
©Sony Chauhan
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