अथक किया उसने परिश्रम, चुन-चुन कर तिनकों को, बना लिया अपना घर द्वार, दो रत्नों को दिया जन्म, तब पूर्ण हुआ उनका संसार, बङे सयाने तुम निकाले, तुमने अपने स्वार्थव.
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